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नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में बड़ा खुलासा, आरोपियों ने कबूली ये बात - remdesivir injection price

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (remdesivir injection) के मामले में पुलिस लगातार नए और चौका देने वाले खुलासे कर रही है. फिलहाल, पुलिस ने मुख्य आरोपी पुनीत शाह, कुशल बोरा, सुनील मिश्रा व एक अन्य को गुजरात से सख्त पूछताछ की. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कई अहम जानकारियां दी.

fake remdesivir injection case
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामला
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Published : Jun 7, 2021, 9:44 AM IST

इंदौर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (remdesivir injection) के मामले में पुलिस लगातार जांच में जुटी हुई है. पिछले दिनों पुलिस ने मुख्य आरोपी पुनीत शाह, कुशल बोरा, सुनील मिश्रा व एक अन्य को गुजरात से सख्त पूछताछ की. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कई अहम जानकारियां दी. साथ ही बताया कि वह नकली इंजेक्शन तैयार कर करोड़ों रुपए कमा रहे थे. फिलहाल, पुलिस मुख्य आरोपियों ने जिस तरह से बयान दिए हैं उनके आधारों पर ही जांच में जुटी हुई है.

5000 इंजेक्शन सूरत और अहमदाबाद में बेचे
बता दें कि मुख्य आरोपी पुनीत शाह, और कौशल बोरा ने बताया कि उन्होंने 5000 इंजेक्शन सूरत और अहमदाबाद में बेचकर करीब एक करोड़ 84 हजार कमाए थे. इसके बाद उसने सुशील मिश्रा को इंजेक्शन सप्लाई किए. सुनील मिश्रा को 700 इंजेक्शन दिए. मिश्रा ने इन 700 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को 56 लाख रुपए में अलग-अलग लोगों को बेचा. आरोपी सुनील ने चार नग इंजेक्शन के 35 हजार से 45 हजार रुपए तक वसूले, तो किसी को 70 हजार से 80 हजार तक में बेचे. इस तरह से उसने कारोबार किया.

सरबजीत मोखा को दिए 500 इंजेक्शन
पूछताछ में पता चला कि सुनील मिश्रा ने भोपाल के यूथ कांग्रेस नेता प्रशांत पाराशर को 100 इंजेक्शन दिए, तो वहीं दवा बाजार के आशीष ठाकुर को भी 100 इंजेक्शन दिये हैं. इन लोगों को बेचकर 24 लाख रुपए आरोपियों ने कमाए. बता दें कि आरोपी ने ही सुनील ने ही सरबजीत सिंह मोखा को भी 500 इंजेक्शन दिए. मोखा से इन लोगों ने 40 लाख रुपए कमाए. वहीं मोखा ने जो इंजेक्शन इन लोगों से खरीदे थे वह उसने विभिन्न जगहों पर खपाए हैं और इस तरह से उसने 50 लाख रुपये कमाए. बता दें कि आरोपियों ने एक करोड़ 10 लाख 60 हजार रुपए अकेले मध्यप्रदेश में नकली इंजेक्शन बेचकर ही कमा लिए थे.

पांच मामलों में 29 आरोपियों को पकड़ा
वहीं, विजयनगर पुलिस ने इस पूरे गिरोह को काफी बारीकी से जांच पड़ताल के बाद पकड़ा है. बता दें कि सबसे पहले पुलिस ने गिरोह से जुड़े हुए कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जब पूरे मामले में उनसे सख्ती से पूछताछ की तो पूरे गिरोह का खुलासा हुआ. इसके बाद पुलिस ने एक-एक कर तकरीबन पांच मामले दर्ज किए और 29 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. कुछ आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई भी की है, तो वहीं कुछ आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. फिलहाल, मामले में अभी भी जांच जारी है.

Remdesivir injection: यूएस की कंपनी का बड़ा खुलासा, जबलपुर में आए इंजेक्शन हैं नकली

10 लोगों की इंजेक्शन के बाद मौत
बता दें कि जिन लोगों ने आरोपियों से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (remdesivir injection) खरीदे थे. वह भी बयान देने पुलिस के पास आ रहे हैं. उनकी संख्या भी 100 के आसपास पहुंच चुकी है. जिनमें से तकरीबन 10 लोगों की तो इनके द्वारा खरीदे गए इंजेक्शन लगने के बाद मौत भी हो चुकी है.

इंदौर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (remdesivir injection) के मामले में पुलिस लगातार जांच में जुटी हुई है. पिछले दिनों पुलिस ने मुख्य आरोपी पुनीत शाह, कुशल बोरा, सुनील मिश्रा व एक अन्य को गुजरात से सख्त पूछताछ की. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कई अहम जानकारियां दी. साथ ही बताया कि वह नकली इंजेक्शन तैयार कर करोड़ों रुपए कमा रहे थे. फिलहाल, पुलिस मुख्य आरोपियों ने जिस तरह से बयान दिए हैं उनके आधारों पर ही जांच में जुटी हुई है.

5000 इंजेक्शन सूरत और अहमदाबाद में बेचे
बता दें कि मुख्य आरोपी पुनीत शाह, और कौशल बोरा ने बताया कि उन्होंने 5000 इंजेक्शन सूरत और अहमदाबाद में बेचकर करीब एक करोड़ 84 हजार कमाए थे. इसके बाद उसने सुशील मिश्रा को इंजेक्शन सप्लाई किए. सुनील मिश्रा को 700 इंजेक्शन दिए. मिश्रा ने इन 700 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को 56 लाख रुपए में अलग-अलग लोगों को बेचा. आरोपी सुनील ने चार नग इंजेक्शन के 35 हजार से 45 हजार रुपए तक वसूले, तो किसी को 70 हजार से 80 हजार तक में बेचे. इस तरह से उसने कारोबार किया.

सरबजीत मोखा को दिए 500 इंजेक्शन
पूछताछ में पता चला कि सुनील मिश्रा ने भोपाल के यूथ कांग्रेस नेता प्रशांत पाराशर को 100 इंजेक्शन दिए, तो वहीं दवा बाजार के आशीष ठाकुर को भी 100 इंजेक्शन दिये हैं. इन लोगों को बेचकर 24 लाख रुपए आरोपियों ने कमाए. बता दें कि आरोपी ने ही सुनील ने ही सरबजीत सिंह मोखा को भी 500 इंजेक्शन दिए. मोखा से इन लोगों ने 40 लाख रुपए कमाए. वहीं मोखा ने जो इंजेक्शन इन लोगों से खरीदे थे वह उसने विभिन्न जगहों पर खपाए हैं और इस तरह से उसने 50 लाख रुपये कमाए. बता दें कि आरोपियों ने एक करोड़ 10 लाख 60 हजार रुपए अकेले मध्यप्रदेश में नकली इंजेक्शन बेचकर ही कमा लिए थे.

पांच मामलों में 29 आरोपियों को पकड़ा
वहीं, विजयनगर पुलिस ने इस पूरे गिरोह को काफी बारीकी से जांच पड़ताल के बाद पकड़ा है. बता दें कि सबसे पहले पुलिस ने गिरोह से जुड़े हुए कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जब पूरे मामले में उनसे सख्ती से पूछताछ की तो पूरे गिरोह का खुलासा हुआ. इसके बाद पुलिस ने एक-एक कर तकरीबन पांच मामले दर्ज किए और 29 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. कुछ आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई भी की है, तो वहीं कुछ आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. फिलहाल, मामले में अभी भी जांच जारी है.

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10 लोगों की इंजेक्शन के बाद मौत
बता दें कि जिन लोगों ने आरोपियों से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (remdesivir injection) खरीदे थे. वह भी बयान देने पुलिस के पास आ रहे हैं. उनकी संख्या भी 100 के आसपास पहुंच चुकी है. जिनमें से तकरीबन 10 लोगों की तो इनके द्वारा खरीदे गए इंजेक्शन लगने के बाद मौत भी हो चुकी है.

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