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सिक्योरिटी को धत्ता बता शेल्टर होम से फरार हुई बांग्लादेशी युवतियां, पुलिस को मिलीभगत का शक

इंदौर के एक शेल्टर होम से 10 बांग्लादेशी युवतियां फरार हो गईं. पुलिस मामले को संदेहास्पद मान रही है और जांच में जुट गई है. इन लड़कियों को पिछले साल ही जिस्मफरोशी के धंधे से मुक्त कराया गया था.

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लड़कियां फरार
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Published : Jul 8, 2021, 1:07 PM IST

इंदौर। बाणगंगा स्थित शेल्टर होम से 10 बांग्लादेशी युवतियों के फरार होने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि युवतियां साड़ियों की रस्सी छत से नीचे उतरीं और फिर भाग गईं. शेल्टर होम में तैनात प्रहरी भी भांप नहीं पाए. यहां 2 थानों की पुलिस 24 घंटे पहरा दे रही थी.

पुलिस के मुताबिक फरार युवतियां जिस्मफरोशी के धंधे में लिप्त थीं. इन्हें नौकरी का झांसा देकर भारत लाया गया था. बाद में इन्हें नशे की लत लगवा दी गई थी.

पिछले साल ही छुड़ाया था

16 युवतियों को पिछले साल अक्टूबर में ही विजयनगर पुलिस ने छुड़ाया था. ये सभी महालक्ष्मी नगर के एक होटल में बंधक बनाकर रखी गईं थीं. इसमें से 10 युवतियां बांग्लादेश की थीं और बाकी 6 अन्य राज्यों की थीं. बाद में इन्हें बाणगंगा स्थित वृद्धाश्रम शेल्टर होम में रखा गया था.

पुलिस और आश्रम के पदाधिकारी की कही में फर्क

पूरे मामले में जहां आश्रम के अधीक्षक किसी परिचित के बारे में कह रहें हैं वहीं पुलिस का साड़ी से रस्सी बनाने वाली बात पर अड़ी है. यही संदेह पैदा करता है. आश्रम के अधीक्षक का कहना है कि कोई परिचित ID दिखाकर युवतियों को ले गया है.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला इतना संदिग्ध था तो आश्रम ने थाने को जानकारी क्यों नहीं दी? मामले की जांच की जा रही है.

इंदौर। बाणगंगा स्थित शेल्टर होम से 10 बांग्लादेशी युवतियों के फरार होने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि युवतियां साड़ियों की रस्सी छत से नीचे उतरीं और फिर भाग गईं. शेल्टर होम में तैनात प्रहरी भी भांप नहीं पाए. यहां 2 थानों की पुलिस 24 घंटे पहरा दे रही थी.

पुलिस के मुताबिक फरार युवतियां जिस्मफरोशी के धंधे में लिप्त थीं. इन्हें नौकरी का झांसा देकर भारत लाया गया था. बाद में इन्हें नशे की लत लगवा दी गई थी.

पिछले साल ही छुड़ाया था

16 युवतियों को पिछले साल अक्टूबर में ही विजयनगर पुलिस ने छुड़ाया था. ये सभी महालक्ष्मी नगर के एक होटल में बंधक बनाकर रखी गईं थीं. इसमें से 10 युवतियां बांग्लादेश की थीं और बाकी 6 अन्य राज्यों की थीं. बाद में इन्हें बाणगंगा स्थित वृद्धाश्रम शेल्टर होम में रखा गया था.

पुलिस और आश्रम के पदाधिकारी की कही में फर्क

पूरे मामले में जहां आश्रम के अधीक्षक किसी परिचित के बारे में कह रहें हैं वहीं पुलिस का साड़ी से रस्सी बनाने वाली बात पर अड़ी है. यही संदेह पैदा करता है. आश्रम के अधीक्षक का कहना है कि कोई परिचित ID दिखाकर युवतियों को ले गया है.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला इतना संदिग्ध था तो आश्रम ने थाने को जानकारी क्यों नहीं दी? मामले की जांच की जा रही है.

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