ETV Bharat / state

नहीं मिली अनुमति तो मरने के अलावा कोई विकल्प नहीं, बैंड बाजा संघ ने लगाई गुहार

इंदौर जिले के बैंड बाजा एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कुछ नियम और कायदें बनाकर उन्हें भी कार्यक्रमों में शिरकत करने की अनुमति दी जाए, यदि ऐसा नहीं होता है तो उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता है.

Band Baja Association
बैंड बाजा एसोसिएशन की गुहार
author img

By

Published : Jun 1, 2020, 8:17 PM IST

इंदौर। महीनों तक चले लॉकडाउन में कई लोगों की कमर टूट चुकी है, कई छोटे व्यापारी लगातार संघर्ष कर जीवन यापन कर रहे हैं. इसी कड़ी में इंदौर जिले के बैंड बाजा एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कुछ नियम और कायदे बनाकर उन्हें भी कार्यक्रमों में शिरकत करने की अनुमति दी जाए, अगर जिला प्रशासन उनकी मांगों को नहीं मानता है तो उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

बैंड बाजा एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से की मांग

जिला प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

इंदौर के बैंड बाजे का इतिहास पुराना है, होलकर काल से इंदौर में बैंड बाजे का चलन है, जब इंदौर के होलकर राजा किसी कार्यक्रम का आयोजन करते थे तो बैंड बाजे का उपयोग खूब होता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण बैंड बाजा वालों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है. अब तक जैसे तैसे इन लोगों ने गुजर-बसर किया, अब इनके हाथ भी मजबूर हो गए हैं. जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

इंदौर में बैंड बाजे की करीब 150 से अधिक रजिस्टर्ड दुकानें हैं और हजारों लोग इससे जुड़े हुए हैं. जो शादी और धार्मिक कार्यक्रमों में बैंड बजाने का काम करते हैं. बीते दो महीनों से बैड संचालकों ने अपने यहां काम कर रहे कर्मचारियों की विभिन्न तरह से मदद की, लेकिन अब उनकी स्थिति भी दयनीय हो गई है, जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन्हें भी कुछ नियम और कायदे बनाकर धार्मिक कार्यक्रमों के साथ ही शादी कार्यक्रम में शिरकत करने की अनुमति दी जाए.

बैंड बाजा एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से की मांग

अनलॉक 1.0 में कई तरह की रियायतें दी गई हैं और उस रियायत में शादी और धार्मिक कार्यक्रमों में भी सरकार ने थोड़ी छूट दी है. उन्हीं नियम और कायदों की दुहाई देते हुए बैंड बाजा एसोसिएशन ने मांग की है कि उन्हें भी नियम और कायदों के साथ काम की अनुमति दें. जिससे वे आसानी से गुजर-बसर कर सकें. बैंड बाजा एसोसिएशन ने ये भी मांग की है कि बारात या धार्मिक स्थान पर जो बैंड बाजे लगते हैं, उनमें पहले से ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से जो भी कर्मचारी बारात या धार्मिक स्थानों पर बैंड बजाने जाएंगे, उन्हें मास्क सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवाया जाएगा.

लॉकडाउन ने बैंड पार्टियों का बजाया 'बाजा'

बैंड बाजा एसोसिएशन का कहना है कि लॉकडाउन के कारण करीब एक करोड़ से अधिक का उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है, कई लोगों की शादी और कई धार्मिक आयोजन इन तीन से चार महीनों में होते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण तीन से चार महीनों का व्यपार पूरी तरह से ठप हो गया है.

बैंड बाजा एसोसिएशन ने दी चेतावनी

लॉकडाउन के कारण बैंड बाजा वालों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है, यदि प्रशासन उन्हें नियम और कायदों के साथ छूट देता है तो उनका गुजर-बसर आसानी से हो जाएगा, यदि प्रशासन उन्हें अनुमति नहीं देता है तो उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है.

इंदौर। महीनों तक चले लॉकडाउन में कई लोगों की कमर टूट चुकी है, कई छोटे व्यापारी लगातार संघर्ष कर जीवन यापन कर रहे हैं. इसी कड़ी में इंदौर जिले के बैंड बाजा एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कुछ नियम और कायदे बनाकर उन्हें भी कार्यक्रमों में शिरकत करने की अनुमति दी जाए, अगर जिला प्रशासन उनकी मांगों को नहीं मानता है तो उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

बैंड बाजा एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से की मांग

जिला प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

इंदौर के बैंड बाजे का इतिहास पुराना है, होलकर काल से इंदौर में बैंड बाजे का चलन है, जब इंदौर के होलकर राजा किसी कार्यक्रम का आयोजन करते थे तो बैंड बाजे का उपयोग खूब होता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण बैंड बाजा वालों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है. अब तक जैसे तैसे इन लोगों ने गुजर-बसर किया, अब इनके हाथ भी मजबूर हो गए हैं. जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

इंदौर में बैंड बाजे की करीब 150 से अधिक रजिस्टर्ड दुकानें हैं और हजारों लोग इससे जुड़े हुए हैं. जो शादी और धार्मिक कार्यक्रमों में बैंड बजाने का काम करते हैं. बीते दो महीनों से बैड संचालकों ने अपने यहां काम कर रहे कर्मचारियों की विभिन्न तरह से मदद की, लेकिन अब उनकी स्थिति भी दयनीय हो गई है, जिसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन्हें भी कुछ नियम और कायदे बनाकर धार्मिक कार्यक्रमों के साथ ही शादी कार्यक्रम में शिरकत करने की अनुमति दी जाए.

बैंड बाजा एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से की मांग

अनलॉक 1.0 में कई तरह की रियायतें दी गई हैं और उस रियायत में शादी और धार्मिक कार्यक्रमों में भी सरकार ने थोड़ी छूट दी है. उन्हीं नियम और कायदों की दुहाई देते हुए बैंड बाजा एसोसिएशन ने मांग की है कि उन्हें भी नियम और कायदों के साथ काम की अनुमति दें. जिससे वे आसानी से गुजर-बसर कर सकें. बैंड बाजा एसोसिएशन ने ये भी मांग की है कि बारात या धार्मिक स्थान पर जो बैंड बाजे लगते हैं, उनमें पहले से ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से जो भी कर्मचारी बारात या धार्मिक स्थानों पर बैंड बजाने जाएंगे, उन्हें मास्क सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवाया जाएगा.

लॉकडाउन ने बैंड पार्टियों का बजाया 'बाजा'

बैंड बाजा एसोसिएशन का कहना है कि लॉकडाउन के कारण करीब एक करोड़ से अधिक का उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है, कई लोगों की शादी और कई धार्मिक आयोजन इन तीन से चार महीनों में होते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण तीन से चार महीनों का व्यपार पूरी तरह से ठप हो गया है.

बैंड बाजा एसोसिएशन ने दी चेतावनी

लॉकडाउन के कारण बैंड बाजा वालों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है, यदि प्रशासन उन्हें नियम और कायदों के साथ छूट देता है तो उनका गुजर-बसर आसानी से हो जाएगा, यदि प्रशासन उन्हें अनुमति नहीं देता है तो उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.