सागर। जैसीनगर में शनिवार से धर्म और आस्था के महाकुंभ का शुभारंभ हो गया. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री शनिवार दोपहर बाद जैसीनगर पहुंचे. उनके आगमन पर पर पुष्पवर्षा की गई और सड़क किनारे हजारों लोगों ने उनकी अगवानी की. जैसीनगर पहुंचे लोग पंडित धीरेंद्र शास्त्री की झलक पाने आतुर थे. पंडित धीरेंद्र शास्त्री का राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शॉल और श्रीफल से स्वागत किया. इस अवसर पर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की पत्नी सविता सिंह राजपूत ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री की आरती उतारी. इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश सिंह राजपूत, आदित्य सिंह राजपूत समेत उनके परिजन और हजारों लोग मौजूद थे.
जैसीनगर में राममय हुआ माहौल: पहले दिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री श्री हनुमंत कथा के लिए जब मंच पर पहुंचे. उन्होंने साधु राम-राम के उद्घोष के साथ कथा की शुरुआत की तो पंडाल में मंच के सामने बैठे हजारों लोगों ने जय श्री राम के उद्घोष के साथ पूरा माहौल राममय बना दिया. कथा के दौरान पूरे समय भजनों पर भक्त नाचते झूमते रहे. उन्होंने कहा कि धन्य है जैसीनगर की धरा कि कथा के पहले ही दिन तीनों पंडाल फुल हो गए. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि "2024 तक हमारे पास समय नहीं था, लेकिन मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि महाराज चाहे जो हो जाए, आपकी कथा हम जैसीनगर में कराना चाहते हैं. जब हम यहां आए, तो लगा कि हमने कथा के लिए हां कहकर ठीक किया. कथा के बहाने हमें जैसीनगर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि "बड़ी अद्भुत व्यवस्था और खूब अद्भुत आनंद का माहौल है. भगवान की कथा मांगने से नहीं मिलती, कथा कराने के लिए लाखों लोग हैं, पर करवाता वही है, जिस पर उनकी रजा होती है. भगवान की कथा कराने के लिए पात्र वही है, जिसके जन्म-जन्मों के पुण्य उदय हो जाते हैं और भगवान की अनुकम्पा होती है. उन्होंने कहा कि परमात्मा की विशेष अनुकम्पा होती है, तब मनुष्य तन मिलता है, जिंदगी को कलरफुल बनाना चाहते हो, तो आओ कुछ दिन हनुमान की कथा में गुजारो. जैसीनगर के लोग बड़े भाग्यशाली हैं, अभी समय नहीं था, इसलिए तीन दिन की कथा है, फिर मौका मिलेगा तो पांच दिन या सात दिन की कथा सुनाएंगे.
हनुमान जी आठ सिद्धियां और नौ निधियां: कथा में पहले दिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमान जी की आठ सिद्धियों और नौ निधियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हनुमान जी आठ सिद्धियों और नौ निधियों के दाता हैं. आठ प्रकार की सिद्धियों के प्रयोग के कारण ही हनुमान जी ने राम के काज को संभाला है. सिद्धियों की उपयोगिता बड़ी महत्वपूर्ण है. सिद्धि प्राप्त करके यदि आपने उनका सदुपयोग किया, तो चारों युगों में हनुमान जी की तरह पूजे जाओगे और इससे ये भी सीख सकते हो कि भगवान की कृपा से मनुष्य को संसार की समस्त प्रकार की वस्तुएं मिलती हैं, यदि हम उनका सदुपयोग करेंगे, तो हम भी हनुमान जी की तरह बात-बात पर पूछे जाएंगे और दुरुपयोग करेंगे, तो सिद्धि को खो देंगे और बिन मौत मारे जाएंगे. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा "हनुमान जी की आठ सिद्धियां हैं. पहली अणिमा, दूसरी महिमा, तीसरी गरिमा, चौथी लघिमा, पांचवीं प्राप्ति, छठवीं प्राकाम्य, सातवीं सिद्धि ईशत्व और आठवीं सिद्धि वशत्व है. हर सिद्धि का अलग-अलग काम है. पहले दिन उन्होंने अणिमा और महिमा पर प्रवचन दिए. हिरण्य कश्यप और सुरसा की कथा सुनाई.
जैसीनगर में भारी उत्साह: इससे पहले शुरुआत में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सपरिवार पंडित धीरेंद्र शास्त्री और हनुमान जी महाराज का पूजन-अर्चन किया. कथा सुनने के लिए लाखों लोग पहुंचे. उनके स्वागत के लिए रात से ही भंडारे की तैयारी शुरू हो गई थी. सुबह होते-होते प्रसादी तैयार हो गई. जैसीनगर के घर-घर से महिलाएं और पुरुष सेवा देने पहुंचे. कथा को लेकर स्थानीय लोग काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि हमने कभी जिंदगी में नहीं सोचा था कि जैसीनगर जैसी छोटी सी जगह पर इतना बड़ा आयोजन होगा और हमारा नगर पूरे देश में चर्चित हो जाएगा. जैसीनगर के बुजुर्गों ने कहा कि पहले बागेश्वर सरकार की कथा सुनने के लिए सैकड़ों किमी दूर जाना पड़ता था, लेकिन मंत्री के प्रयासों से अपने क्षेत्र में ही बागेश्वर सरकार की कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.