इंदौर। शहर में 26 जनवरी को होने वाली परेड में प्रभारी मंत्री के सामने तिरंगा लेकर अपनी मांगों के लिए इंदौर के ऑटो चालक मिलने जाएंगे. ऑटो चालकों की मांग है कि शहर में चलाई जा रही बाइक टैक्सी को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए और इंदौर आरटीओ को हटाया जाए. क्योंकि उनके द्वारा बाइक टैक्सी को हटाने के लिए किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया जा रहा है.
इंदौर में बाइक टैक्सी के खिलाफ ऑटो चालकों ने अपना अभियान और तेज कर दिया है. लगातार चल रहे धरने प्रदर्शन के बाद अब ऑटो चालक इंदौर के प्रभारी मंत्री से 26 जनवरी को तिरंगा लेकर मिलने जाएंगे और बाइक टैक्सी के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग करेंगे.
नियमों के खिलाफ चल रही है ऑनलाइन बाइक टैक्सी कंपनियां
श्रम आंदोलन के पदाधिकारियों का कहना है कि इंदौर में चल रही बाइक टैक्सी कंपनियां नियमों के खिलाफ अपना व्यापार और व्यवसाय संचालित कर रही हैं. इन बाइक टैक्सियों को सवारियां ले जाने का अधिकार नहीं है. ऐसी स्थिति में अगर दुर्घटना होती है तो सवारियों को भी मौका नहीं मिलता है. साथ ही बाइक टैक्सी ड्राइवरों का पुलिस वेरिफिकेशन भी कंपनियों ने नहीं कराया है. जिसके कारण कभी भी कोई बड़ी घटना सवारी के साथ हो सकती है.
22 हजार से अधिक ऑटो रिक्शा होते हैं शहर में संचालित
शहर में 22 हजार से अधिक ऑटो रिक्शा संचालित होते हैं. बाइक टैक्सियों के संचालन के कारण सबसे अधिक नुकसान इन ऑटो रिक्शा संचालकों को हो रहा है. ऑटो रिक्शा संचालकों का कहना है कि हम समय-समय पर परमिट भी लेते हैं और शासन के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन भी करते हैं. लेकिन इसके बावजूद आरटीओ ऑनलाइन कंपनियों के प्रति अपना रुख नरम रखता है. जिसके कारण ऑनलाइन कंपनियों का कारोबार चालू है. इसके लिए ऑटो चालक प्रभारी मंत्री से मिलकर इंदौर आरटीओ पर कार्रवाई करने की भी मांग करेंगे.
26 जनवरी को इंदौर में नेहरू स्टेडियम में प्रभारी मंत्री झंडा वंदन करने के लिए पहुंच रहे हैं. उस समय ऑटो रिक्शा संचालक तिरंगा लेकर प्रभारी मंत्री से मिलेंगे और उन्हें अपना ज्ञापन सौंपेंगे.