इंदौर। मध्य प्रदेश में आज तबाही वाली बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है, मध्य प्रदेश के कई जिले पहले से ही बाढ़ की चपेट में हैं, लेकिन जारी अलर्ट, और भी परेशान करने वाली है, ऐसे में राहत बचाव दल को पहले से अलर्ट कर दिया गया है.
मध्य प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी
बार-बार हो रही अति बरिश से लोग बेहद परेशान है, मौसम विभाग के मुताबिक कही ज्यादा और कही कम बरिश का खेल पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) और दो चक्रवर्ती तूफान ने बिगाड़ा है, जिसकी वजह से इस साल प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक जैसे मानसून के स्थान पर कहीं ज्यादा तो, कहीं कम बारिश हो रही है, इतना ही नहीं मध्य प्रदेश के पश्चिमी इलाके यह कई जिलों में अभी तक औसत बारिश ही नहीं हुई है.
ताउते और यास की वजह से कही ज्यादा कही कम हो रही बारिश
दरअसल इस साल पूरे देश में मानसून जलवायु परिवर्तन से प्रभावित है, हर साल जहां मध्य प्रदेश में 70 से 80 फ़ीसदी बारिश विभिन्न जिलों में एक समान होती थी, वह अब कहीं कम तो कहीं ज्यादा हो रही है, मौसम विज्ञानी इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण मानसून के पहले आए दो तूफानों ताउते और यास को मानते हैं.
कुछ जिलों में औसत से ज्यादा बारिश
माना जा रहा है कि मानसून के डिस्टर्ब होने से मानसूनी हवाओं की दिशा में भी परिवर्तन हुआ है, इससे अरब सागर के ऊपर कम दबाव बना, जिसके चलते यह दोनों चक्रवात एमपी पहुंचे, मई माह में गुजरात लक्ष्यदीप महाराष्ट्र कोकण राजस्थान और हिमाचल जैसे राज्यों में तूफान का असर देखने को मिला, इसके चलते इस साल मानसून पूरी तरह बदल चुका है, ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक ही शहर के किसी इलाके में जोरदार बारिश हो रही है.
एमपी में कई ऐसे जिले जहां कम हुई बारिश
मध्य प्रदेश के कई जिलों में सूखा पड़ा है, मालवा अंचल में स्थिति यह है कि खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर के साथ इंदौर, धार जैसे जिलों में अब तक 30 से 40 फ़ीसदी ही बारिश हुई है, कुछ जिले ऐसे हैं जहां अब तक सामान्य बारिश भी नहीं हुई, जबकि भोपाल, विदिशा, रायसेन, भिंड, दतिया, रीवा, सतना जैसे जिलों में इस साल औसत से अधिक बारिश हुई है.
एमपी में जारी रहेगा बारिश का दौर, जानें अगले 24 घंटे का हाल
कई जिलों में तो बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, इधर फिलहाल जिन जिलों में बारिश की कमी है, वहां उम्मीद की जा रही है, कि अगस्त माह में औसत बारिश की भरपाई हो जाएगी, हालांकि इसे लेकर भी फिलहाल मौसम विज्ञानी कोई भी दावा कर पाने की स्थिति में नहीं है.
फसलों में कीट लगने की आशंका
इस बार भीषण बारिश से जहां कई जिलों में आम जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है, वहीं कई फसलें भी पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, जिन जिलों में सामान्य बारिश का इंतजार है वहां फ्लावरिंग होने पर भी बारिश नहीं होने और वातावरण में नमी होने से कीटों का खतरा बढ़ गया है.
ऐसी स्थिति में किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए कीटनाशकों की मदद लेने की सलाह किसानों को दी गई है, इसके अलावा जिन जिलों में कम बारिश होने के बावजूद भी हल्की बारिश और रिमझिम बारिश का माहौल बना हुआ है, वहां की फसलों को फिलहाल कोई खतरे की आशंका नहीं है.