इंदौर। मध्य प्रदेश में 3 सीटों पर होने वाले उपचुनाव और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी कांग्रेस ने अभी से शुरू कर दी है. इसी के तहत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपनी नई टीम बनाना भी शुरू कर दी है. सबसे पहली नियुक्ति महिला कांग्रेस में हुई है. इंदौर की वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्चना जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. अपनी नियुक्ति के साथ ही अर्चना जायसवाल ने शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है और महिलाओं के चूल्हे-चौके तक पहुंचने की रणनीति बनाई है.
शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकना ही लक्ष्य
मध्य प्रदेश की नवनियुक्त महिला कांग्रेस अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने अपनी नियुक्ति के साथ ही छल कपट करके बनी शिवराज सरकार से बदला लेने का ऐलान किया है. ईटीवी भारत से चर्चा के दौरान अर्चना जायसवाल ने कहा कांग्रेस को जनमत मिलने के बाद जिस तरीके से शिवराज सरकार सत्ता पर काबिज हुई उससे प्रदेश की महिलाओं में भी खासा रोष है.
महिला के खिलाफ अपराध रोकने में नाकाम शिवराज सरकार
अर्चना जायसवाल ने कहा कि रसोई गैस और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के साथ ही हर सामग्री की कीमतों में वृद्धि हो रही है. जिसकी वजह से हर महिला आज परेशान है. जायसवाल ने कहा कि प्रदेश भर की तमाम महिलाएं बहने आज शिवराज सरकार की महंगाई और छल कपट का शिकार हुई हैं. प्रदेश में महिला अत्याचार तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार अपराधों को रोकने में नाकाम साबित हुई है.
कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाना लक्ष्य
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने कहा कि कोरोना काल में जिन्होंने अपनों को खोया है उन्हें शिवराज सरकार ने 5 लाख देने की घोषणा की थी, लेकिन अब शिवराज सरकार अपने वादे से मुकर रही है. जायसवाल ने कहा कि महिलाएं अपने साथ हुई धोखाधड़ी के लिए शिवराज सरकार से बदला लेने को तैयार है. महिला कांग्रेस की कोशिश रहेगी कि वो फिर से पार्टी को सत्ता में लाकर कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए.
सभी साथ मिलकर करेंगे काम
ईटीवी भारत से खास बातचीत में अर्चना जायसवाल ने महिला कांग्रेस की दिवंगत प्रदेश अध्यक्ष मांडवी चौहान को याद किया. साथ ही विभा पटेल और नूरी खान के साथ भी मिलकर काम करने की बात कही. अर्चना जायसवाल ने कहा कि महिलाएं हमेशा मिलकर काम करती है, उनमें कोई मनमुटाव नहीं होता है.
इंदौर की अर्चना जायसवाल को मिली महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी
क्यों मिली अर्चना को कमान ?
इंदौर की अर्चना जायसवाल लंबे समय तक कांग्रेस के विभिन्न पदों पर सक्रिय रही है. पिछड़ा वर्ग से आने के कारण अर्चना जायसवाल को विभा पटेल और नूरी खान से ज्यादा तरजीह दी गई है. महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अर्चना जायसवाल की यह दूसरी पारी होगी. इससे पहले अर्चना जायसवाल 2010 से 2015 तक महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का नेतृत्व कर चुकी है. इसके अलावा अर्चना जायसवाल कमलनाथ की टीम में कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुकी है.
अनुभव के आधार पर दोबारा मिला मौका
अर्चना जायसवाल एक बार इंदौर से महापौर का चुनाव भी लड़ चुकी है. अर्चना जायसवाल को कमलनाथ का करीबी माना जाता है. इसके अलावा वे सुभाष यादव की भी काफी करीबी मानी जाती थी. अर्चना को दोबारा महिला कांग्रेस की कमान मिलने का कारण पीसीसी चीफ कमलनाथ का भरोसा माना जा रहा है. अनुभव के आधार पर अर्चना को दोबारा महिला कांग्रेस की कमान सौंपी गई है.