इंदौर। वन्य प्राणियों में कोरोना संक्रमण दिखाई देने के बाद अब black fungus की आशंका भी जताई जा रही है. इसी को लेकर Indore के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में भी प्रबंधन विशेष सतर्कता बरत रहा है. खास तौर पर विदेशी पक्षियों और वन्य प्राणियों को संक्रमण से बचाने के लिए विभिन्न तरह के एतिहातन तौर पर कदम उठाए जा रहे हैं. जबकि चिड़ियाघर प्रबंधन ने किसी भी वन्य प्राणी में black fungus संक्रमण की समस्या से इनकार किया है.
वन्य प्राणियों के साथ पक्षियों का रखा जा रहा है विशेष ध्यान
Kamala Nehru Zoological Museum में कोरोना संक्रमण और black fungus को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. पिछले दिनों हैदराबाद जू में 8 जानवरों में कोरोना वायरस लक्षण मिले थे, इसके बाद सभी जू में सतर्कता बढ़ा दी गई थी. सभी वन्य प्राणी और विदेशी पक्षियों को संक्रमण से बचाने के लिए दवाइयां भी दी जा रही है. इन पक्षियों की आंखों में infection से बचाने के लिए दवाइयां भी डाली जा रही है. इंदौर जू प्रबंधन ने इस बात से साफ इनकार किया है कि black fungus जैसी कोई समस्या किसी भी जानवर में है.
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तेज गर्मी के चलते पक्षियों की आंखों में होता है कई बार संक्रमण
Kamala Nehru Zoological Museum के प्रभारी डॉ उत्तम यादव के अनुसार वर्तमान में किसी भी वन्य प्राणी या पक्षियों में black fungus जैसी कोई समस्या नहीं है वर्तमान में एक पक्षी की आंखों में infection सामने आया था जो गर्मी के कारण हुआ था. जिसका उपचार किया गया है black fungus जैसी कोई समस्या वर्तमान में नहीं है वहीं black fungus और कोरोना को ध्यान में रखते हुए विभिन्न तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. दवाइयों के छिड़काव के साथ-साथ वन्य प्राणी और पक्षियों के खानपान में भी बदलाव किया गया है.
प्राणी संग्रहालय में 40 प्रजाति के 450 से अधिक है पक्षी
Kamala Nehru Zoological Museum में 40 प्रजाति के करीब 450 से अधिक पक्षी मौजूद हैं. जिनमें कई देशों के पक्षी शामिल है इसमें मुख्य तौर पर ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अफ्रीका अमेरिका सहित दूसरे देशों के पक्षी शामिल हैं. वहीं प्राणी संग्रहालय में कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी मौजूद है. इन सभी वन्य प्राणी और पक्षियों का विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है. वहीं वन्य प्राणी और पक्षियों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए विशेष तौर पर खाना दिया जा रहा है. साथ ही इनके पिंजरो के आसपास दवाइयों का छिड़काव कराया जा रहा है. वहीं प्रतिदिन पिंजरों को sanitize भी करने का काम किया जा रहा है ताकि पक्षी वन्यजीवों को संक्रमण से बचाया जा सके.