इंदौर| आचार संहिता लगने के बाद इंदौर में बंद हुई प्रशासनिक जनसुनवाई एक बार फिर शुरू हो गई है. मंगलवार को शुरु हुई जनसुनवाई में सरकारी विभागों के कर्मचारियों और आमजनों ने कलेक्टर के समक्ष अपनी समस्याओं को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. काफी समय से बंद रहने की वजह से मंगलवार को जनसुनवाई में काफी भीड़ नजर आई.
जनसुनवाई में आम लोगों के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों ने भी कलेक्टर को अपनी समस्याएं गिनाईं. जिनमें पीडब्ल्यूडी में कोर्ट के आदेश पर नियमित किए गए दो दर्जन से ज्यादा कर्मचारी शामिल रहे. वर्षों से सेवा देने और निचली अदालत से लेकर देश की सर्वोच्च अदालत तक अपने हक की लड़ाई लड़ने और जीतने वाले कर्मचारी अब भी प्रशासन के बी ग्रेड के शिकार हैं और सुप्रीम कोर्ट से लड़ाई जीतने के बावजूद कलेक्टर जनसुनवाई जैसे छोटे फोरम पर अपने हक की मांग रखने के लिए मजबूर हैं.
पीडब्ल्यूडी में अपने हक की लड़ाई लड़ रहे 28 कर्मचारी जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर के पास पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई. 28 कर्मचारियों में से चार कर्मचारी रिटायर भी हो चुके हैं और कुछ कर्मचारी रिटायर होने की कगार पर हैं. इन कर्मचारियों का आरोप है कि विभाग द्वारा उनका एरियर मंजूर कर लिया गया, लेकिन अगस्त माह से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है.