इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आने वाले दिनों में कार्य परिषद की बैठक आयोजित की जाने वाली है, जिसके बाद विश्वविद्यालय में नया रेक्टर नियुक्त किए जाने की संभावनाएं जताई जा रही है. बता दें कि, विश्वविद्यालय में करीब 8 साल बाद एक बार फिर से रेक्टर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
2013 के बाद नहीं हुई रेक्टर की नियुक्ति
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में शुरू की गई रेक्टर की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी. वहीं वर्ष 2011 से 2013 तक विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर आशुतोष मिश्रा रेक्टर थे. 2013 के बाद विश्वविद्यालय में रेक्टर नियुक्त नहीं किया गया. अब करीब 8 सालों बाद यह प्रक्रिया फिर से शुरू की जा रही है.
कुलपति की अनुपस्थिति में रेक्टर ले सकता हैं महत्वपूर्ण फैसलें
विश्वविद्यालय में रेक्टर का पद महत्वपूर्ण माना जाता है. रेक्टर कुलपति की अनुपस्थिति में विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण फैसलें ले सकता है. हालांकि वर्तमान में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में रेक्टर का पद खाली है, जिसके चलते विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति बनाया जाता है, लेकिन कई बार प्रभारी कुलपति द्वारा महत्वपूर्ण फैसले नहीं लिए जा पाते है, जिसकी वजह से एक बार फिर विश्वविद्यालय में रेक्टर की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है.
कुलपति का हैं विशेष अधिकार
विश्वविद्यालय में रेक्टर की नियुक्ति कुलपति का विशेष अधिकार होता है. वहीं बीते दिनों रेक्टर पद के लिए हुई कार्य परिषद की बैठक में कुलपति रेणु जैन ने वरिष्ठ प्रोफेसर अशोक शर्मा का नाम सबके सामने रखा था, लेकिन समय नहीं होने के चलते इसे अगली बैठक में तय करने के लिए कहा गया.