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अफगानिस्तान संकट का MP की ड्राई फ्रूट मार्केट पर बड़ा असर, पढ़ें ये खास रिपोर्ट

तालिबान संकट (Taliban crisis) के कारण भारतीय ड्राई फ्रूट मार्केट (Dry Fruits Market) इन दिनों महंगाई (Inflation) की मार झेल रहा है. ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) के आयात पर रोक के कारण मांग के मुताबिक सप्लाई नहीं मिल रही है. लिहाजा भारतीय बाजारों (Indian Market) में ड्राई फ्रूट (Dry Fruits)के दाम 40 से 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं.

dry fruit market
ड्राई फ्रूट मार्केट
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Published : Sep 5, 2021, 10:06 AM IST

इंदौर। भारतीय ड्राई फ्रूट मार्केट (Dry Fruits Market) इन दिनों तालिबान संकट (Taliban crisis) के कारण महंगाई (Inflation) की मार झेल रहा है. दरअसल, दोनों देशों के बीच आवागमन बाधित होने के कारण ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) का आयात भी मुश्किल हो गया है. लिहाजा भारतीय बाजारों (Indian Market) में मांग (Demand) की तुलना में ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) में कमी आने के कारण ड्राई फ्रूट के दाम 40 से 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं.

एमपी की ड्राई फ्रूट मार्केट

50 से 60 फीसदी तक ड्राई फ्रूट किया जाता है आयात
दरअसल, भारत (India) में हर साल अफगानिस्तान (Afghanistan) से 50 से 60 फीसदी तक ड्राई फ्रूट (Dry fruits) का आयात किया जाता है. बीते साल ही अफगानिस्तान (Afghanistan) से करीब 3800 करोड़ रुपए का माल भारतीय ड्राई फ्रूट व्यापारियों (merchants) ने इंपोर्ट किया था, जिसमें करीब 2400 करोड़ रुपए के सूखे मेवे और खट्टे फल थे, लेकिन अब जबकि दोनों देशों के बीच रास्ते बंद होने से आयात निर्यात भी लगभग बंद हो चुका है. नतीजतन भारतीय ड्राई फ्रूट मार्केट में माल की कमी होने लगी है.

10 परसेंट माल भी नहीं हो रहा इंपोर्ट
फिलहाल, बाजार में अफगानिस्तान (Afghanistan) से आयात किए जाने वाले अंजीर (Fig), बादाम (Almond), पिस्ता (pistachio), मुनक्का (raisins), किशमिश (Raisin) समेत मसालों (spice) का इंपोर्ट होता है. लेकिन बीते महीने से गहराए अफगानिस्तान और खासकर काबुल में तालिबानी संकट के कारण दिल्ली के बाघा बॉर्डर के जरिए पहले की तुलना में 10 परसेंट माल भी नहीं आ पा रहा है. ऐसे में भारत में व्यापार करने वाले 200 से 300 अफगानी ड्राई फ्रूट व्यापारी भी इस स्थिति को लेकर परेशान हैं. जो जल्द ही काबुल समेत अफगानिस्तान में हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं. फिलहाल अफगानी व्यापारी जोकि में फुटकर में ड्राई फ्रूट बेच रहे हैं उनकी दरें भी सामान्य से ज्यादा है.

इंपोर्ट एक्सपोर्ट पॉलिसी भी बदलेगी
अफगानी व्यापारियों (Afghani merchants) की परेशानी यह भी है कि तालिबानी (Talibani) फिलहाल इंपोर्ट एक्सपोर्ट की पुरानी सरकारी पॉलिसी मानने को तैयार नहीं है. नई सरकार (New Govt) अथवा समूह को मान्यता नहीं मिल जाती तब तक आयात निर्यात पॉलिसी लंबित रहेगी. इसके अलावा माल लाने ले जाने के लिए जो पेपर प्रक्रिया निर्धारित थी. अब वह भी बदल रही है. नतीजतन इंपोर्ट एक्सपोर्ट का क्लीयरेंस भी नहीं हो पा रहा है. अफगानी व्यापारी इसलिए भी परेशान है कि जब तक अफगानिस्तान में हालात सामान्य नहीं होते तब तक उनका लौटना भी मुश्किल है. हालांकि, व्यापारियों को उम्मीद है कि जल्द ही अफगानिस्तान में हालात सामान्य होंगे. जिसके बाद बिजनेस के लिए इंपोर्ट एक्सपोर्ट पॉलिसी का निर्धारण होने के साथ ही व्यापार भी सामान्य हो जाएगा.

क्या हैं अफगानी ड्राई फ्रूट के बढ़े दाम
1- सफेद अखरोट 1600 किलो
2- नमकीन पिस्ता 1600 से 3500
3- मुनक्का 1400 से ₹2000
4- काली किशमिश ₹1000
5- शाही जीरा 1000
6- अंजीर 1800 से 2200
7- खूबानी 1200
8- शुद्ध हींग 500 रु की 10 ग्राम

इंपोर्ट घटने से स्टॉक खत्म होने के आसार
दरअसल, भारतीय सूखे मेवे (Dry Fruits) के बाजार में 50 से 60 फीसदी तक ड्राई फ्रूट का आयात अफगानिस्तान (Afghanistan) से होने के कारण मध्य प्रदेश (MP) के सियागंज समेत अन्य सूखे मेवे के थोक बाजार में स्टॉक खत्म हो रहा है. इसके अलावा आयात घटने से ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) के कई व्यापारी महंगा माल बेचने के कारण माल की कालाबाजारी भी करने लगे हैं. नतीजतन इंदौर (Indore) के ही ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) मार्केट में 40 से 50% तक ड्राई फ्रूट के दाम बढ़ गए हैं इधर त्योहारी सीजन के कारण अब ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) की बिक्री बढ़ने वाली है हालांकि इसके पहले मांग और पूर्ति में अंतर भी बढ़ रहा है जिसका असर कीमतों पर भी दिखने लगा है.

इंदौर। भारतीय ड्राई फ्रूट मार्केट (Dry Fruits Market) इन दिनों तालिबान संकट (Taliban crisis) के कारण महंगाई (Inflation) की मार झेल रहा है. दरअसल, दोनों देशों के बीच आवागमन बाधित होने के कारण ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) का आयात भी मुश्किल हो गया है. लिहाजा भारतीय बाजारों (Indian Market) में मांग (Demand) की तुलना में ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) में कमी आने के कारण ड्राई फ्रूट के दाम 40 से 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं.

एमपी की ड्राई फ्रूट मार्केट

50 से 60 फीसदी तक ड्राई फ्रूट किया जाता है आयात
दरअसल, भारत (India) में हर साल अफगानिस्तान (Afghanistan) से 50 से 60 फीसदी तक ड्राई फ्रूट (Dry fruits) का आयात किया जाता है. बीते साल ही अफगानिस्तान (Afghanistan) से करीब 3800 करोड़ रुपए का माल भारतीय ड्राई फ्रूट व्यापारियों (merchants) ने इंपोर्ट किया था, जिसमें करीब 2400 करोड़ रुपए के सूखे मेवे और खट्टे फल थे, लेकिन अब जबकि दोनों देशों के बीच रास्ते बंद होने से आयात निर्यात भी लगभग बंद हो चुका है. नतीजतन भारतीय ड्राई फ्रूट मार्केट में माल की कमी होने लगी है.

10 परसेंट माल भी नहीं हो रहा इंपोर्ट
फिलहाल, बाजार में अफगानिस्तान (Afghanistan) से आयात किए जाने वाले अंजीर (Fig), बादाम (Almond), पिस्ता (pistachio), मुनक्का (raisins), किशमिश (Raisin) समेत मसालों (spice) का इंपोर्ट होता है. लेकिन बीते महीने से गहराए अफगानिस्तान और खासकर काबुल में तालिबानी संकट के कारण दिल्ली के बाघा बॉर्डर के जरिए पहले की तुलना में 10 परसेंट माल भी नहीं आ पा रहा है. ऐसे में भारत में व्यापार करने वाले 200 से 300 अफगानी ड्राई फ्रूट व्यापारी भी इस स्थिति को लेकर परेशान हैं. जो जल्द ही काबुल समेत अफगानिस्तान में हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं. फिलहाल अफगानी व्यापारी जोकि में फुटकर में ड्राई फ्रूट बेच रहे हैं उनकी दरें भी सामान्य से ज्यादा है.

इंपोर्ट एक्सपोर्ट पॉलिसी भी बदलेगी
अफगानी व्यापारियों (Afghani merchants) की परेशानी यह भी है कि तालिबानी (Talibani) फिलहाल इंपोर्ट एक्सपोर्ट की पुरानी सरकारी पॉलिसी मानने को तैयार नहीं है. नई सरकार (New Govt) अथवा समूह को मान्यता नहीं मिल जाती तब तक आयात निर्यात पॉलिसी लंबित रहेगी. इसके अलावा माल लाने ले जाने के लिए जो पेपर प्रक्रिया निर्धारित थी. अब वह भी बदल रही है. नतीजतन इंपोर्ट एक्सपोर्ट का क्लीयरेंस भी नहीं हो पा रहा है. अफगानी व्यापारी इसलिए भी परेशान है कि जब तक अफगानिस्तान में हालात सामान्य नहीं होते तब तक उनका लौटना भी मुश्किल है. हालांकि, व्यापारियों को उम्मीद है कि जल्द ही अफगानिस्तान में हालात सामान्य होंगे. जिसके बाद बिजनेस के लिए इंपोर्ट एक्सपोर्ट पॉलिसी का निर्धारण होने के साथ ही व्यापार भी सामान्य हो जाएगा.

क्या हैं अफगानी ड्राई फ्रूट के बढ़े दाम
1- सफेद अखरोट 1600 किलो
2- नमकीन पिस्ता 1600 से 3500
3- मुनक्का 1400 से ₹2000
4- काली किशमिश ₹1000
5- शाही जीरा 1000
6- अंजीर 1800 से 2200
7- खूबानी 1200
8- शुद्ध हींग 500 रु की 10 ग्राम

इंपोर्ट घटने से स्टॉक खत्म होने के आसार
दरअसल, भारतीय सूखे मेवे (Dry Fruits) के बाजार में 50 से 60 फीसदी तक ड्राई फ्रूट का आयात अफगानिस्तान (Afghanistan) से होने के कारण मध्य प्रदेश (MP) के सियागंज समेत अन्य सूखे मेवे के थोक बाजार में स्टॉक खत्म हो रहा है. इसके अलावा आयात घटने से ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) के कई व्यापारी महंगा माल बेचने के कारण माल की कालाबाजारी भी करने लगे हैं. नतीजतन इंदौर (Indore) के ही ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) मार्केट में 40 से 50% तक ड्राई फ्रूट के दाम बढ़ गए हैं इधर त्योहारी सीजन के कारण अब ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) की बिक्री बढ़ने वाली है हालांकि इसके पहले मांग और पूर्ति में अंतर भी बढ़ रहा है जिसका असर कीमतों पर भी दिखने लगा है.

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