इंदौर। शहर के लसूड़िया थाना क्षेत्र से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. जहां प्लॉट की रजिस्ट्री करने के लिए एक आरोपी ने खुद को एडिशनल एसपी का करीबी बताया, और फरियादी से 3 लाख रुपए ऐंठ लिए. लेकिन वह यहीं नहीं रुका उसने बाद में फिर से पैसों की मांग की, जिसके बाद शक होने पर फरियादी ने पुलिस से शिकायत की. शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है.
यह है पूरा मामला
दरअसल फरियादी आनंद पांडे ने एक दिल्ली और एक इंदौर के व्यक्ति से ओमेक्स सिटी में 85 लाख रुपए में दो प्लॉट खरीदे थे. एक की रजिस्ट्री हो गई थी जबकि दूसरी की रजिस्ट्री करने में थोड़ी परेशानी आ रही थी. जिसके बाद दलाल निहाल ने आनंद पांडे से संपर्क किया. निहाल ने कहा कि उसकी एडिशनल एसपी राजेश रघुवंशी से बहुत अच्छी बातचीत होती है. वह प्लॉट की रजिस्ट्री करवा देगा. इसके लिए निहाल ने फरियादी से तीन लाख रुपए भी ले लिए, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ. वहीं बाद में दलाल निहाल ने और पैसों की मांग की. जिसपर फरियादी निहाल पांडे को शंका हुई कि उसके साथ धोखाधड़ी हो रही है. इस संबंध में आनंद पांडे ने खुद जाकर मामले की एडिशनल एसपी से शिकायत की.
भागने की फिराक में था आरोपी
इसके बाद एडिशनल एसपी ने पूरे मामले की जानकारी एसपी आशुतोष बागरी को दी. जिनके निर्देश के बाद योजनाबद्ध तरीके से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं पकड़े गए आरोपी निहाल तायड़े ने बताया कि उसने जो पैसे फरियादी से लिए थे उससे वह अपने मकान और कार की किस्त भर चुका है. पूछताछ में आरोपी ने यह भी कबूला कि अगर फरियादी 4 लाख रुपए दे देता तो वह रफूचक्कर हो जाता.
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ऐसे कई मामले आए सामने
बता दें, इंदौर में इस तरह के पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. कई बार आरोपी वरिष्ठ अधिकारियों के नाम से पैसों की डिमांड कर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं. फिलहाल इस पूरे मामले में एडिशनल एसपी राजेश रघुवंशी के नाम का उपयोग कर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया गया. पुलिस लगातार मामले की जांच कर रही है. उसके सहयोगियों को भी पकड़ने की रणनीति बनाई जा रही है.