भोपाल। मध्यप्रदेश में पत्थरबाजों की खैर नहीं. पत्थरबाजों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त कानून लाने की तैयारी में है. आगामी बजट सत्र में सरकार कानून बनाने जा रही है. गृह विभाग ने अधिनियम का मसौदा तैयार कर नीतिगत निर्णय के लिए भेज दिया है. प्रस्तावित कानून में पत्थरबाजों से होने वाले संपत्ति के नुकसान की वसूली का प्रावधान है. अगर दोषी मुआवजा नहीं देता है, तो उसकी संपत्ति नीलाम करके प्रभावित व्यक्ति को राशि दिलाई जाएगी. मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद आगामी कैबिनेट में इसे रखा जाएगा.
क्या बोले शिवराज ?
- अपराधियों पर कार्रवाई करना राज धर्म है
- कहीं भी पत्थर फेंकना कानून व्यवस्था के उल्लंघन का साधारण मामला नहीं है
- पत्थरबाजी रोकने के लिए असाधारण कानून की जरूरत है
पत्थरबाजों के खिलाफ ऐसे होगी कार्रवाई
- पत्थरबाजी के लिए उकसाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
- संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पत्थरबाजों के साथ उन लोगों से भी वसूली होगी, जो पत्थरबाजी के लिए उकसाएंगे.
- नुकसान का आकलन अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी करेंगे.
- नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए प्रभावित व्यक्ति को आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी.
- महिलाओं और बच्चों को आगे करके पत्थरबाजी करने के मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
- नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए दावा अधिकरण आदेश देगा. यह पूरी प्रक्रिया तीन महीने में पूरी होगी .
- प्रदर्शन में शामिल लोगों की एक समान जिम्मेदारी तय होगी.
- नुकसान की राशि की भरपाई समय पर नहीं करने पर ब्याज भी वसूला जाएगा.
दूसरे राज्यों के अधिनियम के अध्ययन के बाद तैयार हुआ मसौदा
पत्थरबाजी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक पहले ही कानून बना चुके हैं. मध्यप्रदेश में बीते महीने उज्जैन, इंदौर के सांवेर में श्री राम मंदिर के लिए निकाली गई जन जागरण रैली पर पत्थरबाजी हुई थी. भोपाल के करोद की अमन कॉलोनी में पुलिस पर भी पथराव हुआ था. ऐसी घटनाओं को देखते हुए पत्थरबाजों के खिलाफ कानून बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक प्रदेश में पत्थरबाजी की घटनाओं को सहन नहीं किया जाएगा.
पत्थरबाजों से निपटने के लिए क्यों सख्त कानून लाने की तैयारी में है मध्य प्रदेश सरकार