इंदौर। अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र में एक सुसाइड का मामला सामने आया है, जिसमें इंद्रलोक कॉलोनी में रहने वाली एक युवती ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतका के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने अपनी मम्मी को सॉरी लिखा है. जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
इंदौर के अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती दिव्या ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना के समय मृतका के परिजन घर में ही मौजूद थे, लेकिन अलग-अलग कमरों में सो रहे थे. जब परिजन सुबह उठकर कमरे में गए तो देखा कि दिव्या फांसी के फंदे पर झूल रही थी. इसके बाद उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी. पुलिस मौके पर पहुंची और युवती को फांसी के फंदे से नीचे उतारकर उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला हॉस्पिटल पहुंचाया.
एग्जाम बना मौत की वजह
बता दें दिव्या चार्टर्ड अकाउंटेंट की तैयारी कर रही थी और फाइनल ईयर का एग्जाम भी दे चुकी थी. हालांकि फाइनल ईयर के एग्जाम में उसका एक पेपर बिगड़ गया था, जिसके कारण वह काफी डिप्रेशन में रहने लग गई थी. संभवत इसी डिप्रेशन के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं मृतका के पास से एक सुसाइड नोट भी पुलिस को मिला है, जिसमें उसने मां को सॉरी लिखा है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.
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डिप्रेशन के चलते लगाई फांसी
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है. प्रारंभिक तौर में परिजनों ने पुलिस को बताया कि दिव्या काफी सालों से सीए की तैयारी कर रही थी और फाइनल ईयर के एग्जाम भी पिछले दिनों ही हुए हैं. उस एग्जाम में उसका एक पेपर बिगड़ गया था, जिस कारण वह काफी डिप्रेशन में रहने लगी थी. हो सकता है कि डिप्रेशन के चलते उसने ये आत्मघाती कदम उठाया हो. परिजनों का कहना है कि पेपर के बाद से ही वह काफी डिप्रेशन में रह रही थी और उसे कई बार पूछा भी था, तो उसने बताया कि उसके फाइनल ईयर का एक पेपर बिगड़ गया है. जिसके बाद परिवार वालों ने कई बार उसे समझाया लेकिन वह समझने को तैयार नहीं थी.
संजीवनी की शुरूआत की
पुलिस परिजनों के बयान के आधार पर जांच में जुटी हुई है. अगर इंदौर की बात करें तो इंदौर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में लगातार आर्थिक परेशानी व विभिन्न तरह की परेशानियों के चलते युवक और युवतियां आत्महत्या कर रहे हैं. पुलिस ने बढ़ते आत्महत्याओं के मामले को रोकने के लिए संजीवनी की शुरुआत भी की है. लेकिन संजीवनी हेल्प डेस्क पूरी तरीके से फेल होती हुई नजर आ रही है. अब देखना होगा इसको और मजबूत करने के लिए इंदौर पुलिस किस तरह की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेगी.