इंदौर। सड़क किनारे रहने वाले बुजुर्गों और लावारिस भिक्षुकों के इलाज के साथ, उनकी समुचित देखभाल के लिए इंदौर में भिक्षुक पुनर्वास केंद्र बनाया जाएगा. जहां लावारिस और जरूरतमंद भिक्षुकओं के पुनर्वास के साथ इलाज की सुविधा मुहैया कराई जा सकेगी. दरअसल इंदौर नगर निगम द्वारा लावारिस बुजुर्गों को कचरा गाड़ी में भरकर शहर के बाहर करने के बाद, फिर एक महिला के लावारिस हाल में बीमार मिलने के कारण जिला प्रशासन ने मानवीय पहल शुरु करते हुए शहर के करीब 200 भिक्षुकों के लिए पुनर्वास स्थल तैयार करने का निर्णय लिया है.
आर्थिक राजधानी इंदौर को अब भिक्षुक मुक्त शहर बनाने का निर्णय लिया गया है. आज इंदौर जिला प्रशासन और विभिन्न जन संगठनों की बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक शहर में अब एक ऐसा भिक्षुक पुनर्वास केंद्र बनाया जाएगा. जहां शहर के करीब 200 शिक्षकों के इलाज के साथ उनकी देखभाल और पुनर्वास की पर्याप्त व्यवस्था होगी. दरअसल अपनी तरह की इस मानवीय पहल में शहर के विभिन्न जन संगठन भी अपनी निर्धारित सामाजिक जिम्मेदारी के तहत लावारिस बुजुर्गों और बिच्छू को की समुचित मदद भी कर सकेंगे.
इंदौर जिला कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक भिक्षुक केंद्र का संचालन नगर निगम द्वारा किया जाएगा. जहां शहर के विभिन्न मार्गो पर मिलने वाले भिक्षुकों के लिए उनकी जरूरत के मुताबिक, संसाधन मुहैया कराए जा सकेंगे. कलेक्टर ने बताया कि भिक्षुक केंद्र बनाने के लिए फिलहाल स्थान का चयन किया जा रहा है, जिसके बाद जनसहयोग से वहां बिल्डिंग भी बनाई जा सकेगी, इसके लिए सामाजिक संगठन और अन्य दानदाताओं से मदद ली जाएगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल जो भिक्षुक जिला प्रशासन के संज्ञान में आए हैं उनका अरविंदो अस्पताल में नि:शुल्क इलाज कराया जा रहा है. इसके अलावा अन्य व्यवस्थाएं सामाजिक न्याय विभाग द्वारा जुटाई गई हैं.
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कार्ययोजना तैयार साल भर चलेगी मुहिम
इंदौर में निराश्रित बुजुर्गों को नगर निगम के कचरे की गाड़ी से शहर के बाहर भेजने की घटना सामने आने के साथ ही बिजासन रोड पर फिर एक महिला के बीमार हालत में पाए जाने के बाद इंदौर जिला प्रशासन ने लावारिस बुजुर्गों के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की है. इसी कार्य योजना के तहत भिक्षुक पुनर्वास केंद्र के अलावा अन्य सामाजिक मुहिम चलाई जाएगी. इस दौरान भिक्षुक के रैकेट समेत अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों की भी पहचान की जाएगी. इसके अलावा जो लोग नशे के आदी हैं उनकी भी नशा मुक्ति के प्रयास किए जाएंगे. इसके अलावा भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण भोजन और कपड़ों आदि की व्यवस्था पुनर्वास केंद्र में उपलब्ध रहेगी. जहां उन्हें भिक्षावृत्ति के व्यापार से बाहर निकालने का प्रयास किया जाएगा.
पुष्पा बाई का इलाज जारी
इंदौर में लावारिस साल में पाई गई जिस महिला के पैर में कीड़े पड़ चुके थे. उसका इलाज फिलहाल शहर के अरविंदो अस्पताल में किया जा रहा है. कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक अब महिला की स्थिति खतरे से बाहर है. वहीं उसकी समुचित देखभाल की जा रही है. उन्होंने बताया संबंधित महिला अट्ठारह जनवरी तक एमवॉय अस्पताल में भर्ती थी, इसके बाद अब उसकी हालत खराब कैसे हुई इसकी भी पड़ताल कराई जा रही है. उन्होंने कहा फिलहाल एमवॉय अस्पताल में महिला के इलाज में लापरवाही जैसी बात सामने नहीं आई है, लेकिन फिर भी अब संबंधित महिला को भी पुनर्वास कराने की कोशिश की जा रही है.