इंदौर। शहर में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जहां शुक्रवार को सबसे ज्यादा 912 नए मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि कोरोना के कारण 5 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं एक्टिव मरीजों की संख्या कुल 7 हजार 425 तक पहुंच गई है. इसके अलावा स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हुए लोगों की कुल संख्या 69173 हो गई है. अब तक कुल 994 मरीज अपनी जान गवा चुके है. लिहाजा अब यहां पर कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 77592 हो चुकी हैं.
इन वार्डों को किया गया कंटेनमेंट
शहर के 34 वार्डों को कंटेनमेंट जोन में तब्दील किया गया है, जिनमें श्याम नगर, लोकमान्य नगर, महाराजा छत्रसाल नगर, मुंडला नायता, बिलावली, कैलाशपुरी, द्रविड़ नगर, मूसाखेड़ी, सुभाष नगर, बिजासन, मल्हारगंज, नौलखा, चितावाद संत कंवर, राम गीता भवन, नंदा नगर, चोइथराम गुमास्ता नगर, बृजेश्वरी शहीद, हेमू कॉलानी नगर, सुखलिया तिलक नगर, बाणगंगा, साउथ तुकोगंज, अन्नपूर्णा स्वामी विवेकानंद नगर, पलहर नगर समेत अन्य इलाके शामिल हैं. इनमें अब लोगों की आवाजाही सीमित की जाएगी.
शहर के करीब 80 कोविड अस्पतालों में 6200 बेड मौजूद हैं. सभी बेड पर मरीज भर्ती हैं, जबकि अन्य 50 अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती करना पड़ा है. सभी अस्पतालों में आईसीयू की स्थिति चिंताजनक है. वहीं अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए 1075 हेल्पलाइन शुरू की गई है.
इंदौर में कोरोना का कहर, कंटेनमेंट जोन पर ही रोका जाएगा संक्रमण
इन्हें मिली छूट
शहर में शुक्रवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन की स्थिति है. लॉकडाउन के दौरान राशन दुकानें, अस्पताल, पेट्रोल पंप, बैंक, एटीएम, दूध और सब्जी की दुकानें खुली रहेंगी. मजदूरों, उद्योगों सहित स्थानीय निकाय के अधिकारी और कर्मचारियों को उक्त प्रतिबंध से आवागमन में छूट रहेगी. परीक्षा केंद्र आने वाले परीक्षार्थी, परीक्षा आयोजन से जुड़े कर्मचारी और अधिकारी, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, टीकाकरण वाहन, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट को उक्त प्रतिबंध से राहत दी जा रही है.
कोरोना से बचने के लिए दी जाने वाली रेमदेसीविर दवाई की मांग शहर में प्रतिदिन बढ़ने लगी है, जबकि सामान्य दिनों में यह एक से डेढ़ हजार इंजेक्शन प्रतिदिन थी. अन्य दवाइयां जैसे विटामिन सी और एंटीबायोटिक दवाओं की कीमतों में भी उछाल आया है.
9 श्मशान घाटों में ही करीब 1 सप्ताह में करीब 400 लोगों का अंतिम संस्कार कराया गया, जिसके चलते श्मशान में शव जलाने के लिए भी लोगों को अब इंतजार करना पड़ रहा है. हालांकि शमशान स्थलों पर लकड़ियों के अलावा अन्य सामग्री की आपूर्ति सुचारू रूप से बनी हुई है.