इंदौर। लगातार स्वच्छता के मामले में देश को लीड कर रहा इंदौर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में अव्वल रहा है. नगर निगम अब अपनी दैनिक गीला कचरा निष्पादन की क्षमता को बढ़ाने जा रहा है, इसके तहत अब नगर निगम में रोजाना 550 टन कचरे का निष्पादन कर बायोमेट्रिक प्लांट के जरिए करेगा. इसके बाद इंदौर एशिया का पहला ऐसा शहर बन जाएगा, जो इतनी बड़ी मात्रा में रोजाना कचरा डिस्पोज करने का प्लान संचालित कर रहा होगा.
इंदौर में अब तक रोजाना कचरे से खाद बनाने के प्लांट के माध्यम से कचरा निष्पादन किया जा रहा था, लेकिन अब खाद बनाने के लिए प्लांट को अपग्रेड कर नगर निगम कचरे के निष्पादन के लिए बायो मेथड प्लांट लगाने जा रहा है, जिसमें शहर से निकलने वाले संपूर्ण 550 टन गीले कचरे को डिस्पोज किया जा सकेगा. इस प्लांट का 250 टन की क्षमता वाला पहला चरण अगले साल फरवरी में तो दूसरा चरण जून-जुलाई में संपन्न होगा.
प्लांट बन जाने के बाद इंदौर एशिया में सबसे बड़ा है मायोपैथीज प्लांट वाला शहर बन जाएगा. अभी शहर में 15 से 50 टन कचरे के डिस्पोज करने वाला बायो मेथड प्लांट लगा है लेकिन इंदौर में 550 टन क्षमता वाला प्लान तैयार होगा. इसके साथ ही केंद्र से आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण के निर्देश मिलने के बाद नगर निगम एक बार फिर से नंबर बनने की तैयारियों में भी जुट गया है.