इंदौर। 'नेक इरादे से होने वाली मदद की कोशिशें कभी बेकार नहीं जाती' आपको यह केवल कहावत लग रही होगी, लेकिन इस कहावत को चरितार्थ किया है इंदौर के 3 इडियट्स (3 Idiots) ने. इन तीन युवाओं के आइडिया के कारण इंदौर से देशभर में 'वेंटिलेटर एक्सप्रेस' दौड़ रही है. आमिर खान की चर्चित फिल्म 3 इडियट्स में जुगाड़ के सामान के जरिए मुश्किल डिलीवरी कराने वाला चर्चित सीन इन दिनों इंदौर समेत आसपास के विभिन्न जिलों में मौजूद अस्पतालों में साकार हो रहा है. अभिनय की दुनिया का एक सीन को हकीकत में अंजाम देने वाले पात्र हैं इंदौर के तीन युवक पंकज क्षीरसागर, चिराग शाह और शैलेंद्र सिंह. ये तीन दोस्त 3 इडियट्स फिल्म की तर्ज पर जिंदगी और मौत से जूझ रहे कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में जाकर जुगाड़ के औजारों से वेंटिलेटर स्थापित कर रहे है. तीनों दोस्तों की इस पहल को सोशल मीडिया पर लोग 'वेंटिलेटर एक्सप्रेस' का नाम दे रहे है.
- बिना सोचे किया वादा, निभा रहे तीनों दोस्त
दरअसल तीनों दोस्तों ने जब इंदौर के एमवाय अस्पताल (MY Hospital) में कोरोना से संक्रमित अपने दोस्त को सांस के लिए संघर्ष करते देखा, तो उनकी रूह कांप गई. अगले ही दिन अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर के जरिए पंकज को पता चला की अस्पताल में पीएम केयर्स फंड से नए वेंटिलेटर तो आए हैं, लेकिन उन वेंटिलेटर को स्थापित करने वाला कोई टेक्निकल इंजीनियर नहीं है. यह सुनते ही पंकज ने बिना सोचे समझे बोल दिया कि हम इसे स्थापित करेंगे. इसके बाद पंकज ने अपने मैकेनिकल इंजीनियर दोस्त चिराग शाह और ऑक्सीजन सप्लाई के काम में जुटे शैलेंद्र सिंह को अस्पताल में बुलवा लिया. इसके बाद इन्होंने पहले तो वेंटीलेटर असेंबली की ड्राइंग को दीवार पर चिपकाने के बाद उस में दर्शाए गए वेंटीलेटर के पार्ट्स को देखते-देखते अपने औजारों से ही जोड़ना शुरु कर दिया.
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- चार घंटे में स्थापित हो गया वेंटीलेटर
तीनों दोस्तों ने करीब 4 घंटे की कोशिश के बाद आखिरकार एक वेंटीलेटर स्थापित कर दिया. इससे उत्साहित तीनों दोस्तों ने फिर देर रात तक करीब 1 बजे तक 9 वेंटिलेटर स्थापित कर दिए. अगले दिन यह खबर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंची, तो फिर तीनों दोस्तों को इसी काम के लिए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बुला लिया गया. जहां इन्होंने वेंटिलेटर स्थापित करने के साथ अस्पताल की मशीनों को भी अपने औजार और जुगाड़ से ठीक कर दिया.
- कई राज्यों ने दोस्तों से मांगी मदद
तीनों दोस्तों ने मध्य भारत अस्पताल के वेंटिलेटर सुधारे. वेंटिलेटर स्थापित करना धीरे-धीरे तीनों दोस्तों का ये जूनून बन गया. दोस्तों ने मिलकर धार, शाजापुर, राजगढ़, सागर और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की मशीनों को भी अपनी जुगाड़ के औजारों से सुधार दिया. नतीजतन अब इन तीनों दोस्तों को इंदौर के बाद बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भी इसी काम के लिए बुलाया जा रहा है. फिलहाल तीनों दोस्तों की अस्पताल के गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए निःशुल्क सेवा के जज्बे को वेंटिलेटर एक्सप्रेस नाम दिया गया है. यह वेंटिलेटर एक्सप्रेस अब तक तकरीबन 100 वेंटीलेटर स्थापित कर चुकी है. बायोमेडिकल इंजीनियर न होते हुए भी वेंटिलेटर को स्थापित करने के इनके हौसले और हुनर की चर्चा अब सोशल मीडिया पर भी जमकर हो रही है.
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- तीनों दोस्तों का मेडिकल फील्ड से संबंध नहीं
पंकज क्षीरसागर प्रोडक्शन इंजीनियर है, जबकि चिराग शाह पीथमपुर उद्योग संगठन में काम करने वाला मैकेनिकल इंजीनियर है. इसी तरह शैलेंद्र सिंह सिविल इंजीनियर रहकर गैसों से संबंधित मेडिकल फील्ड में काम कर चुका है. अब तीनों का यह काम देख कर पीएम केयर्स फंड के जरिए वेंटिलेटर उपलब्ध कराने वाली बेल कंपनी ने भी तीनों को ट्रेनिंग देने का फैसला किया है. वहीं जनसंपर्क विभाग ने उनकी कोशिशों को ट्वीट किया जिसके बाद कई जिलों के कलेक्टर और सीएमएचओ अपने यहां वेंटिलेटर स्थापित करने के लिए इनसे संपर्क कर रहे हैं.