इंदौर। सस्ते नशे के लिए आयुर्वेदिक दवाओं के नाम पर भांग से घटिया उत्पाद बनाए जाने का दावा करते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने इंदौर में 15 कारखानों के औषधि लाइसेंस पर रोक लगा दी है.
15 इकाइयों के लाइसेंस निरस्त: कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इन इकाइयों में गांजे के स्टॉक रिकॉर्ड में अनियमितताएं पाई गई, जिससे यह संदेह पैदा हुआ कि वे अवैध तरीके से पदार्थ की खरीद कर रहे थे और इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाएं बनाने के लिए किया जा रहा है.कलेक्टर ने कहा कि आयुष विभाग के ड्रग कंट्रोलर ने 15 इकाइयों के लाइसेंस को निलंबित कर दिया था, क्योंकि यह पाया गया था कि वे मुनक्का का उत्पादन करते समय गांजा मिला रहे थे. जिसे कई लोग सस्ते नशीले के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान गांजा मिश्रित मुनक्का के नमूनों में पाया गया कि पैकेजिंग पर निर्धारित सामान के आयुर्वेदिक फार्मूले के अनुसार नहीं थी.कलेक्टर ने कहा कि कुछ मुनक्का उत्पादों को पाचन के लिए आयुर्वेदिक दवाओं और कामोत्तेजक के रूप में विज्ञापित किया जा रहा है.