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10 बच्चों के दिल की बीमारी का हुआ इलाज, मंत्री सिलावट ने की मुलाकात

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ग्वालियर के 10 बच्चों के दिल की बीमारी का इलाज इंदौर के एक निजी अस्पताल में किया गया. वहीं इलाज के बाद बच्चों के वापस ग्वालियर लौटने से पहले इंदौर में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बच्चों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की मंगल कामना की.

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10 बच्चों की दिल के बीमारी का हुआ इलाज
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Published : Mar 1, 2021, 3:30 PM IST

इंदौर। इंदौर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 10 बच्चों के दिल की बीमारी का इलाज निजी अस्पताल में किया गया. ये बच्चे ग्वालियर जिले में एक व्यापक स्क्रीनिंग कार्यक्रम से चयन होकर आए थे. ग्वालियर से खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाकर एक बस के माध्यम से सभी बच्चों को इलाज के लिए इंदौर के लिए रवाना किया था. बच्चों के वापस से ग्वालियर लौटने से पहले इंदौर में मंत्री तुलसी सिलावट ने बच्चों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की मंगल कामना की.

भारत में हर साल 2 लाख 40 हज़ार बच्चे दिल की बीमारियों के साथ पैदा होते हैं. उनमें से 10% से भी कम बच्चे समय पर देखभाल प्राप्त कर पाते हैं. ऐसे बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. जिसका उद्देश्य जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों की जांच और उनका इलाज करना है. इसकी शुरुआत ग्वालियर जिले से की गई थी. जहां पर व्यापक पैमाने पर बच्चों की स्क्रीनिंग की गई थी. इसमें ऐसे बच्चों का चयन किया गया था. जिन्हें इलाज की जरूरत है. इंदौर में ऐसे 10 बच्चों का इलाज सफल ऑपरेशन के माध्यम से किया गया. अब यह बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं और वापस अपने घर को लौट रहे हैं.

10 बच्चों की दिल के बीमारी का हुआ इलाज
  • सिंधिया ने की थी बच्चों के लिए पहल

ग्वालियर में फरवरी माह की शुरुआत में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बस को हरी झंडी दिखाकर बच्चों को इलाज के लिए इंदौर के निजी अस्पताल में रवाना किया था. इंदौर में डॉक्टरों के द्वारा विस्तृत प्रोटोकॉल के तहत हर बच्चे के दिल की स्थिति का मूल्यांकन किया गया था. और उसके बाद सर्जरी की तैयारी की गई थी इन 10 बच्चों में से केवल 7 बच्चे ही ऐसे थे जो सर्जरी के लिए फिट पाए गए थे और उनका डॉक्टरों के द्वारा ऑपरेशन किया गया फिलहाल तीन बच्चों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है और उनके लिए भी डॉक्टरों के द्वारा आगामी रणनीति तैयार की जा रही है.

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  • सिंधिया ने की थी बच्चों के लिए पहल

इन बच्चों के इलाज के लिए ग्वालियर से बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहल की थी. उसके बाद इस अभियान की शुरुआत की गई. इन बच्चों से मिलने के लिए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट भी अस्पताल पहुंचे. इस दौरान तुलसी सिलावट ने कहा कि छोटे बच्चों के चेहरों में सुखद मुस्कान देखना किसी आशीर्वाद से कम नहीं है. यह आशा की किरण के साथ जगमगाते हैं. तुलसी सिलावट ने कहा कि अगर आने वाले समय में अस्पताल को और भी कई बच्चों का ऑपरेशन करना पड़े, तो वह इसमें आगे आए. उसके लिए सरकार हर संभव मदद प्रदान करेगी

वहीं आने वाले दिनों में कई अन्य बच्चों का चयन कर इस योजना के तहत उनके दिल की बीमारी का इलाज किया जाएगा. इसके लिए सरकार के द्वारा जल्द एक अभियान भी शुरू करने की बात कही जा रही है.

इंदौर। इंदौर में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 10 बच्चों के दिल की बीमारी का इलाज निजी अस्पताल में किया गया. ये बच्चे ग्वालियर जिले में एक व्यापक स्क्रीनिंग कार्यक्रम से चयन होकर आए थे. ग्वालियर से खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाकर एक बस के माध्यम से सभी बच्चों को इलाज के लिए इंदौर के लिए रवाना किया था. बच्चों के वापस से ग्वालियर लौटने से पहले इंदौर में मंत्री तुलसी सिलावट ने बच्चों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की मंगल कामना की.

भारत में हर साल 2 लाख 40 हज़ार बच्चे दिल की बीमारियों के साथ पैदा होते हैं. उनमें से 10% से भी कम बच्चे समय पर देखभाल प्राप्त कर पाते हैं. ऐसे बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. जिसका उद्देश्य जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों की जांच और उनका इलाज करना है. इसकी शुरुआत ग्वालियर जिले से की गई थी. जहां पर व्यापक पैमाने पर बच्चों की स्क्रीनिंग की गई थी. इसमें ऐसे बच्चों का चयन किया गया था. जिन्हें इलाज की जरूरत है. इंदौर में ऐसे 10 बच्चों का इलाज सफल ऑपरेशन के माध्यम से किया गया. अब यह बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं और वापस अपने घर को लौट रहे हैं.

10 बच्चों की दिल के बीमारी का हुआ इलाज
  • सिंधिया ने की थी बच्चों के लिए पहल

ग्वालियर में फरवरी माह की शुरुआत में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बस को हरी झंडी दिखाकर बच्चों को इलाज के लिए इंदौर के निजी अस्पताल में रवाना किया था. इंदौर में डॉक्टरों के द्वारा विस्तृत प्रोटोकॉल के तहत हर बच्चे के दिल की स्थिति का मूल्यांकन किया गया था. और उसके बाद सर्जरी की तैयारी की गई थी इन 10 बच्चों में से केवल 7 बच्चे ही ऐसे थे जो सर्जरी के लिए फिट पाए गए थे और उनका डॉक्टरों के द्वारा ऑपरेशन किया गया फिलहाल तीन बच्चों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है और उनके लिए भी डॉक्टरों के द्वारा आगामी रणनीति तैयार की जा रही है.

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  • सिंधिया ने की थी बच्चों के लिए पहल

इन बच्चों के इलाज के लिए ग्वालियर से बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहल की थी. उसके बाद इस अभियान की शुरुआत की गई. इन बच्चों से मिलने के लिए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट भी अस्पताल पहुंचे. इस दौरान तुलसी सिलावट ने कहा कि छोटे बच्चों के चेहरों में सुखद मुस्कान देखना किसी आशीर्वाद से कम नहीं है. यह आशा की किरण के साथ जगमगाते हैं. तुलसी सिलावट ने कहा कि अगर आने वाले समय में अस्पताल को और भी कई बच्चों का ऑपरेशन करना पड़े, तो वह इसमें आगे आए. उसके लिए सरकार हर संभव मदद प्रदान करेगी

वहीं आने वाले दिनों में कई अन्य बच्चों का चयन कर इस योजना के तहत उनके दिल की बीमारी का इलाज किया जाएगा. इसके लिए सरकार के द्वारा जल्द एक अभियान भी शुरू करने की बात कही जा रही है.

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