ETV Bharat / state

World Letter Writing Day: दोनों हाथों से एक साथ फटाफट लिखता है पार्थ, अलबर्ट आइंस्टीन और राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद से प्रेरित है छात्र - अल्बर्ट आइंस्टीन से प्रेरित नर्मदापुरम का छात्र

एक बार में दोनों हाथों से लिखना बहुत मुश्किल काम है. लेकिन नर्मदापुरम के रहने वाले पार्थ में दोनों हाथों से एक ही समय में लिखने का टैलेंट है. राइटिंग दिवस पर पढ़िए खास रिपोर्ट

World Letter Writing Day
दोनों हाथों से एक बार में लिखता है पार्थ
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 1, 2023, 6:58 AM IST

Updated : Sep 1, 2023, 8:53 AM IST

दोनो हाथों से एक बार में लिखता है पार्थ

नर्मदापुरम। कहते हैं प्रतिभा छुपाया नहीं छुपती कभी ना कभी सामने आ ही जाती है, ऐसे ही हम बात कर रहे हैं नर्मदापुरम के रहने वाले पार्थ जो की दोनों हाथों से लिखने का काम कर रहे हैं. दसवीं कक्षा में पढ़ाई करने वाले पार्थ के परिवार को जब जानकारी लगी तब वह पांचवी कक्षा का विद्यार्थी था. जब अचानक दोनों हाथों से लिखते देखा तो पिता ने इंटरनेट से जानकारी जुटाई. जिसमें जानकारी लगी की महान वैज्ञानिक और भारत के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी दोनों हाथों से लिखते थे. तब उन्हें पार्थ की प्रतिभा का आभास हुआ और अब पार्थ के माता-पिता पार्थ को लेकर उत्साहित हैं. पूर्ण रूप से दोनों हाथों से लिखने का काम पार्थ कर रहा है, पार्थ दसवीं कक्षा का विद्यार्थी है, और इस प्रतिभा के चलते वह तेज गति से दोनों हाथों से एक बार में लिख लेता है.

अल्बर्ट आइंस्टीन और राजेंद्र प्रसाद ने किया प्रेरित: इस अद्भुत प्रतिभा वाले दोनों हाथों से लिखने वाले पार्थ बडोने बताते हैं, कि ''वह शांति निकेतन स्कूल में पढ़ाई करते हैं. वह अपने दोनों हाथों से लिख सकता है.'' उन्होंने बताया कि ''यह मुझे गॉड गिफ्ट मिला हुआ है, इसको लेकर मुझे बाद में जानकारी लगी की प्रसिद्ध साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन एवं भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी हाथों से लिखते थे, उनसे प्रभावित होकर मैं भी दोनों हाथों से लिखने की कोशिश करने लगा. इसी कारण से मैं दोनों हाथों से दो पेजों में लिख लेता हूं. मुझे दोनों हाथों से लिखने में किसी प्रकार की प्रॉब्लम नहीं होती है.''

दोनों हाथों से लिखने में कभी कोई समस्या नहीं हुई: पार्थ बताते हैं कि वह अभी दसवीं कक्षा के छात्र हैं और बचपन से ही दोनों हाथों से लिखते हुए आ रहे हैं. मुझे दोनों हाथों से लिखने में किसी प्रकार की कोई परेशानी भी नहीं होती है, पहले से लिखते हुए आने के कारण मुझे कोई समस्या भी नहीं हुई है. स्कूलों में भी कभी आवश्यकता पड़ती है तो दोनों हाथों से लिख लेता हूं.

Also Read:

अनोखी प्रतिभा का धनी है पार्थ: शिक्षा विभाग में पदस्थ पार्थ के पिता हेमंत बड़ोने बताते हैं कि ''मेरा बेटा पार्थ बड़ोने दोनों हाथों से सामान्य गति से दो पेजों में एक साथ लिख लेता है. बेटा बचपन से ही लिख रहा था.'' हेमंत ने बताया कि ''जब एक बार मैंने बचपन में पार्थ को लिखते देखा तो मुझे भी आश्चर्य हुआ कि मेरा बेटा दोनों हाथों से लिखता है. मैंने इंटरनेट के माध्यम से पता किया तब मुझे जानकारी लगी की महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन एवं भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी दोनों हाथों से लिख लेते थे. तब मुझे मालूम हुआ कि यह एक अलग प्रतिभा है जो कम बच्चों में ही पाई जाती है, तभी से पार्थ को और उत्साहित किया.''

दोनो हाथों से एक बार में लिखता है पार्थ

नर्मदापुरम। कहते हैं प्रतिभा छुपाया नहीं छुपती कभी ना कभी सामने आ ही जाती है, ऐसे ही हम बात कर रहे हैं नर्मदापुरम के रहने वाले पार्थ जो की दोनों हाथों से लिखने का काम कर रहे हैं. दसवीं कक्षा में पढ़ाई करने वाले पार्थ के परिवार को जब जानकारी लगी तब वह पांचवी कक्षा का विद्यार्थी था. जब अचानक दोनों हाथों से लिखते देखा तो पिता ने इंटरनेट से जानकारी जुटाई. जिसमें जानकारी लगी की महान वैज्ञानिक और भारत के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी दोनों हाथों से लिखते थे. तब उन्हें पार्थ की प्रतिभा का आभास हुआ और अब पार्थ के माता-पिता पार्थ को लेकर उत्साहित हैं. पूर्ण रूप से दोनों हाथों से लिखने का काम पार्थ कर रहा है, पार्थ दसवीं कक्षा का विद्यार्थी है, और इस प्रतिभा के चलते वह तेज गति से दोनों हाथों से एक बार में लिख लेता है.

अल्बर्ट आइंस्टीन और राजेंद्र प्रसाद ने किया प्रेरित: इस अद्भुत प्रतिभा वाले दोनों हाथों से लिखने वाले पार्थ बडोने बताते हैं, कि ''वह शांति निकेतन स्कूल में पढ़ाई करते हैं. वह अपने दोनों हाथों से लिख सकता है.'' उन्होंने बताया कि ''यह मुझे गॉड गिफ्ट मिला हुआ है, इसको लेकर मुझे बाद में जानकारी लगी की प्रसिद्ध साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन एवं भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी हाथों से लिखते थे, उनसे प्रभावित होकर मैं भी दोनों हाथों से लिखने की कोशिश करने लगा. इसी कारण से मैं दोनों हाथों से दो पेजों में लिख लेता हूं. मुझे दोनों हाथों से लिखने में किसी प्रकार की प्रॉब्लम नहीं होती है.''

दोनों हाथों से लिखने में कभी कोई समस्या नहीं हुई: पार्थ बताते हैं कि वह अभी दसवीं कक्षा के छात्र हैं और बचपन से ही दोनों हाथों से लिखते हुए आ रहे हैं. मुझे दोनों हाथों से लिखने में किसी प्रकार की कोई परेशानी भी नहीं होती है, पहले से लिखते हुए आने के कारण मुझे कोई समस्या भी नहीं हुई है. स्कूलों में भी कभी आवश्यकता पड़ती है तो दोनों हाथों से लिख लेता हूं.

Also Read:

अनोखी प्रतिभा का धनी है पार्थ: शिक्षा विभाग में पदस्थ पार्थ के पिता हेमंत बड़ोने बताते हैं कि ''मेरा बेटा पार्थ बड़ोने दोनों हाथों से सामान्य गति से दो पेजों में एक साथ लिख लेता है. बेटा बचपन से ही लिख रहा था.'' हेमंत ने बताया कि ''जब एक बार मैंने बचपन में पार्थ को लिखते देखा तो मुझे भी आश्चर्य हुआ कि मेरा बेटा दोनों हाथों से लिखता है. मैंने इंटरनेट के माध्यम से पता किया तब मुझे जानकारी लगी की महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन एवं भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी दोनों हाथों से लिख लेते थे. तब मुझे मालूम हुआ कि यह एक अलग प्रतिभा है जो कम बच्चों में ही पाई जाती है, तभी से पार्थ को और उत्साहित किया.''

Last Updated : Sep 1, 2023, 8:53 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.