होशंगाबाद। प्रदेश में आई बाढ़ ने कई लोगों के घर तो किसानों की फसल तबाह कर दी है. बाढ़ को बीते करीब एक हफ्ता होने को है, लेकिन उसका असर अब तक देखने को मिल रहा है. बाढ़ से फसलों को हुए भारी नुकसान का असर अब बाजारों पर भी दिखने लगा है. आम लोगों की थालियों से सब्जी गायब होने लगी है. दरअसल बाढ़ और अतिवृष्टि का असर सब्जी की आवक पर पड़ा है, चाहे वह आलू हो, प्याज हो, लौकी हो या अन्य हरी सब्जियां, सभी पर बारिश का असर पड़ा है.
सब्जी विक्रेता इसकी वजह कम आवक को बता रहे हैं, तो वहीं सब्जी खरीदारों को मजबूरन महंगी सब्जी खरीदनी पड़ रही है. सामान्य से 10 से 20 रुपए किलो बिकने वाली सब्जियां 50 से 100 रुपए तक पहुंच गई हैं, जिसके चलते मंडियों में सब्जी खरीदनी है.
तीन से 4 गुना बड़े सब्जियों के रेट
बाढ़ के बाद सब्जी मंडियों में रखी सब्जियां खराब हो गई हैं. सामान्य दिनों में टमाटर 30 रुपए किलो बिकता था, वह 80 रुपए तक पहुंच गया है.
आलू 25 से 40 रुपए किलो पहुंच गया है.
प्याज 15 से 30 रुपए पहुंच गई है.
साथ ही लौकी 10 रूपए किलो तक बिकती थी जो अब 80 से 90 रुपए तक बिक रही है.
बैगन के रेट में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो 80 रुपए किलो में बिक रहा है.
पालक 80 रुपए किलो और भिंडी 30 रुपए किलो बिक रही है.
धनिया 150 रुपए किलो, शिमला मिर्च 60 रूपए
बाढ़ की वजह से बढ़े सब्जियों के दाम
सब्जी मंडी में होशंगाबाद सहित नागपुर और भोपाल से सब्जियां बड़ी तादात में पहुंचती हैं. विशेष रूप से नर्मदा नदी और तवा नदी के किनारे लगे गांव में सब्जी की खेती की जाती है. ऐसे में करीब सभी गांव में दोनों नदियों का पानी भरने और करीब 3 दिन तक डूबे रहने के चलते सभी सब्जियां सड़ गई हैं.
खेतों में पानी भरा हुआ है, जिसके चलते किसान समय पर सब्जियों को तोड़कर मंडियों तक नहीं ला पा रहे हैं. सब्जियों की कमी के चलते थोक मंडियों में दाम बढ़ गए हैं, जिसके चलते फुटकर व्यापारियों ने भी सब्जियों के रेट बढ़ा दिए हैं. दाम बढ़ने से ग्राहक भी सब्जी मंडी से गायब नजर आने लगे हैं.