होशंगाबाद। जिले के तहसील ऑफिस की शिफ्टिंग पर जमकर राजनीति की जा रही है. शिफ्टिंग का विरोध शहर के लोग और कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता कर रहे हैं. हालांकि प्रशासन विरोध के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं. सतरास्ते पर स्थित तहसील ऑफिस की शिफ्टिंग न्यू कलेक्ट्रेट ऑफिस में की जा रही है. इसका विरोध होने पर शिफ्टिंग नहीं करने के आदेश प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा ने दिए हैं, लेकिन अभी तक कलेक्टर ने शिफिटिंग को रोकने संबंधित कोई आदेश जारी नहीं किया है.
दरअसल कलेक्ट्रेट में होशंगाबाद के सभी ऑफिसर शिफ्ट किए जा रहे हैं, जिसके लिए नई बिल्डिंग बनाई गई है. इसी बिल्डिंग में तहसील कार्यालय को भी शिफ्ट किया जाना है, लेकिन दूर होने के कारण ग्रामीण और वकील इसका विरोध कर रहे हैं. बता दें कि तहसील कार्यालय शहर के बीचोंबीच है और बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से नजदीक पड़ता है. इसकी वजह से ग्रामीणों और अन्य लोगों को यहां तक पहुंचने में आसानी होती है. लेकिन नए कलेक्ट्रेट ब्लिडिंग में शिफ्ट होने से यह काफी दूर हो जाएगा.
तहसील कार्यालय के सामने स्थित एक होटल के संचालक का कहना है कि शिफ्टिंग से उनके रोजगार पर भी असर पर पड़ेगा. उनका कहना है कि कार्यालय शिफ्ट होने से उन्हें होटल बंद करना पड़ेगा. वहीं वकीलों और किसानों का कहना है कि तहसील में आने वाले ग्रामीणों को बस स्टैंड से उतरकर 5 किलोमीटर दूर बस या ऑटो का अतिरिक्त भाड़ा देकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचना पड़ेगा. इससे उनके ऊपर अतिरिक्त भार आएगा.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और वकीलों ने प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा से शिकायत की थी, जिस पर उन्होंने कलेक्टर आशीष सक्सेना को तहसील की शिफ्टिंग रोकने और तहसील ऑफिस को यथावत रखने के आदेश दिए हैं. लेकिन इस आदेश के बाद भी कलेक्टर ने कोई आदेश नहीं दिए हैं, जिससे ऑफिस को अभी भी शिफ्ट किया जा रहा है.