होशंगाबाद। शहर में कोरोना संदिग्ध महिला बैंककर्मी को इटारसी शासकीय अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है. महिला ने स्वयं ही 104 नंबर पर संपर्क कर कोरोना की जांच कराने की मांग की थी, तब कहीं जाकर उसे भर्ती कराया गया. होशंगाबाद जिला कोरोना मुक्त जरूर हो चुका है, लेकिन ऐसा भी कहना उचित नहीं होगा कि, अब कोरोना का संक्रमण यहां नहीं आएगा.
शासकीय अस्पताल में कोरोना लैब होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा सैंपलिंग का कार्य बंद कर दिया गया है. कोरोना के संक्रमण को लेकर भले ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का ध्यान हटने लगा हो, लेकिन जिले की जनता अब अपनी जांच कराने के लिए स्वयं ही हेल्पलाइन में शिकायत करने लगी है. उल्लेखनीय हैं कि, इटारसी में अब तक 41 मरीज कोरोना के सामने आ चुके हैं, इनमें से तीन की मौत भी हो चुकी है और बाकी सभी ठीक हो कर घर भेजे जा चुके हैं.
बताया जा रहा है कि, होशंगाबाद निवासी महिला बैंककर्मी को पिछले कुछ दिनों से लगातार खांसी आ रही है. खांसी ठीक नहीं होने के कारण उसने जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों से कोरोना की जांच कराने की मांग की है, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया. महिला ने स्वयं को कोरोना संदिग्ध मानकर हेल्पलाइन पर फोन कर जांच कराने की मांग की है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उक्त महिलाकर्मी को उपचार के लिए शासकीय अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवा दिया है. इस संबंध में जब डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी और शासकीय अस्पताल के अधीक्षक डॉ एके शिवानी से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि, कोरोना संदिग्ध महिला होशंगाबाद की है, जिसे कोरोना संदिग्ध मानकर भर्ती किया गया है. अधिकारियों के निर्देश पर सैंपल लिए जाएंगे.