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होशंगाबाद: कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही, परेशान होती रहीं छात्राएं - Barkatullah University

होशंगाबाद के शासकीय कुसुम महाविद्यालय में कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही के कारण छात्राएं परेशान होती रहीं. जब मीडिया ने कॉलेज प्रभारी कामिनी जैन से बात की, तब जाकर छात्राओं की समस्या का निराकरण हुआ.

Government Kusum College
शासकीय कुसुम महाविद्यालय
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Published : Nov 26, 2020, 9:22 PM IST

होशंगाबाद। सिवनी मालवा तहसील में शासकीय कुसुम महाविद्यालय की लापरवाही के कारण छात्राएं घंटों परेशान होती रहीं. जब मीडिया ने लीड कॉलेज प्रभारी कामिनी जैन से बात की, तब जाकर छात्राओं की समस्या का निराकरण हुआ.

कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही का आलम ये रहा कि, एमए, एमकॉम, एमएससी के तीसरे सेमेस्टर में एटीकेटी आई छात्राएं घंटों परेशान होती रहीं. एटीकेटी के फॉर्म जमा होने की आखिरी तारीख 18 नवंबर थी, लेकिन अब तक कुसुम महाविद्यालय ने न तो कोई सूचना नोटिस बोर्ड पर चस्पा की, न ही किसी तरह से छात्राओं को अंतिम तारीख की जानकारी दी. इस कारण छात्राएं फॉर्म नहीं भर पाईं.

दिवाली के बाद जब छात्राएं कॉलेज पहुंचीं, तो उनसे कहा गया कि, फॉर्म भरने की आखिरी तारीख निकल गई है. अब आपको एक हजार रुपए लेट फीस के साथ फॉर्म भरना पड़ेगा. महाविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही का आलम ये है कि, इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी न तो छात्राओं से सीधे बात की जा रही है और न ही किसी प्रकार की जानकारी उन्हें दी जा रही है. छात्राएं परेशान हैं. कॉलेज प्रबंधन की गलती के कारण उन्हें परेशानी हो रही है. बावजूद इसके उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.

कॉलेज प्रबंधन ने भी छात्राओं के लिए मानवीयता को ताक पर रखकर गैरजरूरी चीजों में खुद को व्यस्त कर लिया. कॉलेज प्रबंधन के इस रवैये के कारण छात्राएं घंटों परेशान होती रहीं. जब इसकी जानकारी मीडिया को मिली, तो पहले तो कुसुम महाविद्यालय के प्राचार्य से इस बारे में बात की गई. प्राचार्य ने पूरी गलती का ठीकरा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के सिर पर फोड़ दिया. जब मीडिया ने लीड कॉलेज प्रभारी कामिनी जैन से चर्चा की, तब कहीं जाकर छात्राओं की समस्या का समाधान किया जा सका.

होशंगाबाद। सिवनी मालवा तहसील में शासकीय कुसुम महाविद्यालय की लापरवाही के कारण छात्राएं घंटों परेशान होती रहीं. जब मीडिया ने लीड कॉलेज प्रभारी कामिनी जैन से बात की, तब जाकर छात्राओं की समस्या का निराकरण हुआ.

कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही का आलम ये रहा कि, एमए, एमकॉम, एमएससी के तीसरे सेमेस्टर में एटीकेटी आई छात्राएं घंटों परेशान होती रहीं. एटीकेटी के फॉर्म जमा होने की आखिरी तारीख 18 नवंबर थी, लेकिन अब तक कुसुम महाविद्यालय ने न तो कोई सूचना नोटिस बोर्ड पर चस्पा की, न ही किसी तरह से छात्राओं को अंतिम तारीख की जानकारी दी. इस कारण छात्राएं फॉर्म नहीं भर पाईं.

दिवाली के बाद जब छात्राएं कॉलेज पहुंचीं, तो उनसे कहा गया कि, फॉर्म भरने की आखिरी तारीख निकल गई है. अब आपको एक हजार रुपए लेट फीस के साथ फॉर्म भरना पड़ेगा. महाविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही का आलम ये है कि, इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी न तो छात्राओं से सीधे बात की जा रही है और न ही किसी प्रकार की जानकारी उन्हें दी जा रही है. छात्राएं परेशान हैं. कॉलेज प्रबंधन की गलती के कारण उन्हें परेशानी हो रही है. बावजूद इसके उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.

कॉलेज प्रबंधन ने भी छात्राओं के लिए मानवीयता को ताक पर रखकर गैरजरूरी चीजों में खुद को व्यस्त कर लिया. कॉलेज प्रबंधन के इस रवैये के कारण छात्राएं घंटों परेशान होती रहीं. जब इसकी जानकारी मीडिया को मिली, तो पहले तो कुसुम महाविद्यालय के प्राचार्य से इस बारे में बात की गई. प्राचार्य ने पूरी गलती का ठीकरा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के सिर पर फोड़ दिया. जब मीडिया ने लीड कॉलेज प्रभारी कामिनी जैन से चर्चा की, तब कहीं जाकर छात्राओं की समस्या का समाधान किया जा सका.

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