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सिवनी मालवा पुलिस पर लगा रिश्वत का आरोप, मांगे एक लाख रुपए

होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा में एक बार फिर पुलिस पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है. शिकायतकर्ताओं का कहना है कि झूठे आरोप में फंसाकर उनसे दो उपनिरीक्षकों ने 90 हजार रूपए लिए हैं.

Seoni Malwa Police accused of bribery in hoshangabad
सिवनी मालवा पुलिस पर लगा रिश्वत का आरोप
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Published : May 24, 2020, 11:21 PM IST

होशंगाबाद। जिले के सिवनी मालवा थाने का विवादों से चोली दामन का साथ है. विवाद भी ऐसे जिसमें पुलिस की मजबूती दिखने की बजाए पुलिस महकमे को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है. आए दिन यहां पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी अपने कारनामों से पुलिस विभाग की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. स्वास्थ्य विभाग की बिल्डिंग के ताले तोड़ने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था, कि अब पुलिसकर्मियों पर 1 लाख रूपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है.

दरअसल एसडीओपी कार्यालय में एक ही परिवार के कई लोग एक शिकायत लेकर पहुंचे थे. जहां उन्होंने एसडीओपी सौम्या अग्रवाल से मिलकर अपने साथ हुई घटना की जानकारी देते हुए शपथपत्र के साथ शिकायती आवेदन भी दिया. शिकायत एसडीओपी को शपथ पत्र के साथ दी, जिसके चलते एसडीओपी ने मामले को गंभीरता से लिया. शिकायत करने पहुंचे लोगों ने बताया कि सिवनी मालवा थाने के दो उपनिरीक्षक कुछ लोगों के साथ हमारे घर आए थे. उन्होंने हमारे घर के एक लड़के और घर के बाहर रखे पानी के कुप्पे को यह कहते हुए अपने साथ ले गए कि कुप्पे में शराब रखी हुई है. वहीं कुछ देर बात थाने से उनके बेटे का फोन आया कि एक लाख रूपए लेकर आ जाओ, तो पुलिस उसे छोड़ देगी. जिसके बाद उन्होंने करीब 90 हजार रूपए इकठ्ठा कर थाने के भीतर बने विवेचक कक्ष में ले जाकर दोनों उपनिरीक्षकों को दिए.

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि पैसे देने के बाद पुलिस ने अगले दिन फोटो और आधार कार्ड लाने का कहते हुए बेटे को छोड़ने की बात कही थी. परिजनों का आरोप है कि पैसे देने के बावजूद भी हमारे बेटे पर झूठा मामला दर्ज कर दिया. इसके साथ ही परिवारजनों ने आईजी और एसपी को लिखित आवेदन के साथ शपथ पत्र देते हुए, उचित कार्रवाई की मांग की है. वहीं नर्मदापुरम संभाग के डीआईजी अरविन्द सक्सेना के संज्ञान में मामला आने के बाद जांच कर कार्रवाई की बात कही जा रही है.

होशंगाबाद। जिले के सिवनी मालवा थाने का विवादों से चोली दामन का साथ है. विवाद भी ऐसे जिसमें पुलिस की मजबूती दिखने की बजाए पुलिस महकमे को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है. आए दिन यहां पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी अपने कारनामों से पुलिस विभाग की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. स्वास्थ्य विभाग की बिल्डिंग के ताले तोड़ने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था, कि अब पुलिसकर्मियों पर 1 लाख रूपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है.

दरअसल एसडीओपी कार्यालय में एक ही परिवार के कई लोग एक शिकायत लेकर पहुंचे थे. जहां उन्होंने एसडीओपी सौम्या अग्रवाल से मिलकर अपने साथ हुई घटना की जानकारी देते हुए शपथपत्र के साथ शिकायती आवेदन भी दिया. शिकायत एसडीओपी को शपथ पत्र के साथ दी, जिसके चलते एसडीओपी ने मामले को गंभीरता से लिया. शिकायत करने पहुंचे लोगों ने बताया कि सिवनी मालवा थाने के दो उपनिरीक्षक कुछ लोगों के साथ हमारे घर आए थे. उन्होंने हमारे घर के एक लड़के और घर के बाहर रखे पानी के कुप्पे को यह कहते हुए अपने साथ ले गए कि कुप्पे में शराब रखी हुई है. वहीं कुछ देर बात थाने से उनके बेटे का फोन आया कि एक लाख रूपए लेकर आ जाओ, तो पुलिस उसे छोड़ देगी. जिसके बाद उन्होंने करीब 90 हजार रूपए इकठ्ठा कर थाने के भीतर बने विवेचक कक्ष में ले जाकर दोनों उपनिरीक्षकों को दिए.

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि पैसे देने के बाद पुलिस ने अगले दिन फोटो और आधार कार्ड लाने का कहते हुए बेटे को छोड़ने की बात कही थी. परिजनों का आरोप है कि पैसे देने के बावजूद भी हमारे बेटे पर झूठा मामला दर्ज कर दिया. इसके साथ ही परिवारजनों ने आईजी और एसपी को लिखित आवेदन के साथ शपथ पत्र देते हुए, उचित कार्रवाई की मांग की है. वहीं नर्मदापुरम संभाग के डीआईजी अरविन्द सक्सेना के संज्ञान में मामला आने के बाद जांच कर कार्रवाई की बात कही जा रही है.

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