होशंगाबाद। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की संकल्पना को साकार करने में स्व सहायता समूह की महिलाएं अहम भूमिका निभा रही हैं, जिले की स्व सहायता समूह की महिलाएं अपने ही गांव में सूक्ष्म उद्योग लगाकर मिर्च-मसाले, आलू चिप्स, ब्रेड, पिज्जा, बर्गर, केक, बिस्किट जैसे रोजमर्रा की जरूरत के सामान बनाकर बेच रही हैं एवं सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बना रही हैं. गांव में उत्पादित शुद्ध कच्चे माल से निर्मित ये खाद्य सामग्री ग्राहकों को बहुत पसंद आ रही है, मिशन द्वारा इन सभी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के संचालन हेतु आवश्यक खाद्य विभाग द्वारा जारी एफएसएसएआई लाइसेंस भी उपलब्ध कराया गया है.
मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला पंचायत होशंगाबाद द्वारा जिले में लगभग 65000 गरीब परिवार की महिलाओं को 5500 स्व सहायता समूह के रूप में संगठित किया गया है. इन स्व सहायता समूह के सदस्यों को शासन द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में सामुदायिक निवेश निधि व बैंकों के माध्यम से बैंक लिंकेज की राशि उपलब्ध कराई गई है, ताकि वह अपने लिए स्वरोजगार स्थापित कर अपनी आजीविका सुदृढ़ कर सकें. इन स्व सहायता समूह सदस्यों को छोटे-छोटे लघु उद्योगों को स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाता है.
कलेक्टर धनंजय सिंह द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण व समूहों को बेहतर मार्केट लिंकेज हेतु सतत मॉनिटरिंग की जा रही है. प्रशासन समूहों के बने उत्पाद के विक्रय हेतु जिला पंचायत परिसर में आजीविका बाजार व कैंटीन हेतु दुकान उपलब्ध कराया है. साथ ही सभी विकास खंडों में शासकीय भवनों में दुकान उपलब्ध करवाई जा रही है.
जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत निर्माण की दिशा में ये स्व सहायता समूह छोटे-छोटे उद्योग लगाकर विभिन्न खाद्य उत्पाद बना रहे हैं. इन उत्पादों में देसी खुशबू होने के कारण मार्केट में अच्छी मांग है.