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यूरिया घोटाले में अधिकारी के साथ किसान भी मिले दोषी, SDM ने ADM को सौंपी रिपोर्ट - एसडीओ एमएस रघुवंशी

होशंगाबाद के इटारसी में मार्फेड गोदाम से यूरिया घोटाला सामने आया है. जहां चार हजार बोरियों का घपला बताया जा रहा है. मामले में शुरूआती जांच में अधिकारी सहित कुछ किसान भी दोषी पाए गए हैं. एसडीएम ने अपर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंप दी है.

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खाद
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Published : Dec 5, 2020, 3:10 PM IST

Updated : Dec 5, 2020, 3:52 PM IST

होशंगाबाद। मार्फेड गोदाम खेड़ा इटारसी से यूरिया वितरण में लगभग चार हजार बोरियों का घोटाला सामने आया है. एसडीओ राजस्व एमएस रघुवंशी ने जांच रिपोर्ट अपर कलेक्टर होशंगाबाद को भेज दी है. जांच में 22 किसानों को शामिल किया गया है. जिसमें उनके कथन और दस्तावेज की जांच की गई तो अनियमितता सामने आयी है. शुरूआती जांच में वरिष्ठ सहायक और गोदाम प्रभारी रामसिया गुप्ता दोषी पाये गये हैं. इसमें सिर्फ अधिकारी ही नहीं बल्कि कुछ किसान भी दोषी पाये गये हैं. जिन्होंने मार्फेट और एमपी एग्रो दोनों जगह से यूरिया खरीदी है.

एसडीएम ने अपर कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट

करीब चार हजार बोरी का घपला

एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने जांच के दौरान पाया है कि पीओएस मशीन से 5416 बोरी यूरिया का विक्रय किया गया. जबकि किसान ने कुल खरीदी 1504 बोरी की है. इस तरह से पात्रता से 3503 बोरी ज्यादा है. वास्तविक खरीदी और पीओएस मशीन में दर्ज बोरियों की संख्या में भी 1532 बोरियों का अंतर सामने आया है. एसडीओ राजस्व एमएस रघुवंशी का कहना है कि करीब चार हजार बोरी का घपला है. कुछ किसान भी दोषी पाये गये हैं. जिन्होंने दो-दो स्थानों से यूरिया क्रय किया है. खास बात यह है कि यह सारा घोटाला केवल इन तीन माह में हुआ है.

Investigating officer
जांच करते अधिकारी

शासन के निर्देशों के विपरीत यूरिया किया गया विक्रय

विक्रय रजिस्टर व बिल बुक में विधिवत नियमों का पालन न करते हुए किसानों के हस्ताक्षर नहीं लिए और प्रस्तुत दस्तावेजों की जानकारी दर्ज नहीं है.शासन के निर्देशों के विपरीत भूमिहीन व्यक्तियों को भी यूरिया विक्रय किया गया है. जिले के बाहर वाले व्यक्तियों को भी यूरिया विक्रय किया गया है. शासकीय विक्रय केन्द्रों से सिर्फ जिले के कृषकों को ही विक्रय किया जाना था. पीओएस मशीन से एक ही मात्रा (100 बोरी) के बिल कई बार काटे गये हैं. वहीं जो पात्रता थी उससे कई गुना अधिक वितरण किसानों को किया गया है.

भूमिहीन किसानों को यूरिया दी गई, और जिसने किसानों ने यूरिया नहीं ली. उसका नाम भी दर्ज है. इस सम्बंध में खाद वितरण प्रभारी रामसिया गुप्ता और मदन सिंह रघुवंशी ने बताया कि खाद गोदाम प्रभारी रामसिया गुप्ता ने यूरिया वितरण में गड़बड़ी की है. जिन किसानों के नाम जमीन नहीं है उनको भी खाद वितरण किया गया है. जांच कर रिपोर्ट अपर कलेक्टर विकास जिला पंचायत को भेजी थी. शनिवार को कलेक्टर के आदेश में खाद प्रभारी रामसिया गुप्ता पर एफआरआई करने की कार्रवाई की जा रही है.

होशंगाबाद। मार्फेड गोदाम खेड़ा इटारसी से यूरिया वितरण में लगभग चार हजार बोरियों का घोटाला सामने आया है. एसडीओ राजस्व एमएस रघुवंशी ने जांच रिपोर्ट अपर कलेक्टर होशंगाबाद को भेज दी है. जांच में 22 किसानों को शामिल किया गया है. जिसमें उनके कथन और दस्तावेज की जांच की गई तो अनियमितता सामने आयी है. शुरूआती जांच में वरिष्ठ सहायक और गोदाम प्रभारी रामसिया गुप्ता दोषी पाये गये हैं. इसमें सिर्फ अधिकारी ही नहीं बल्कि कुछ किसान भी दोषी पाये गये हैं. जिन्होंने मार्फेट और एमपी एग्रो दोनों जगह से यूरिया खरीदी है.

एसडीएम ने अपर कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट

करीब चार हजार बोरी का घपला

एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने जांच के दौरान पाया है कि पीओएस मशीन से 5416 बोरी यूरिया का विक्रय किया गया. जबकि किसान ने कुल खरीदी 1504 बोरी की है. इस तरह से पात्रता से 3503 बोरी ज्यादा है. वास्तविक खरीदी और पीओएस मशीन में दर्ज बोरियों की संख्या में भी 1532 बोरियों का अंतर सामने आया है. एसडीओ राजस्व एमएस रघुवंशी का कहना है कि करीब चार हजार बोरी का घपला है. कुछ किसान भी दोषी पाये गये हैं. जिन्होंने दो-दो स्थानों से यूरिया क्रय किया है. खास बात यह है कि यह सारा घोटाला केवल इन तीन माह में हुआ है.

Investigating officer
जांच करते अधिकारी

शासन के निर्देशों के विपरीत यूरिया किया गया विक्रय

विक्रय रजिस्टर व बिल बुक में विधिवत नियमों का पालन न करते हुए किसानों के हस्ताक्षर नहीं लिए और प्रस्तुत दस्तावेजों की जानकारी दर्ज नहीं है.शासन के निर्देशों के विपरीत भूमिहीन व्यक्तियों को भी यूरिया विक्रय किया गया है. जिले के बाहर वाले व्यक्तियों को भी यूरिया विक्रय किया गया है. शासकीय विक्रय केन्द्रों से सिर्फ जिले के कृषकों को ही विक्रय किया जाना था. पीओएस मशीन से एक ही मात्रा (100 बोरी) के बिल कई बार काटे गये हैं. वहीं जो पात्रता थी उससे कई गुना अधिक वितरण किसानों को किया गया है.

भूमिहीन किसानों को यूरिया दी गई, और जिसने किसानों ने यूरिया नहीं ली. उसका नाम भी दर्ज है. इस सम्बंध में खाद वितरण प्रभारी रामसिया गुप्ता और मदन सिंह रघुवंशी ने बताया कि खाद गोदाम प्रभारी रामसिया गुप्ता ने यूरिया वितरण में गड़बड़ी की है. जिन किसानों के नाम जमीन नहीं है उनको भी खाद वितरण किया गया है. जांच कर रिपोर्ट अपर कलेक्टर विकास जिला पंचायत को भेजी थी. शनिवार को कलेक्टर के आदेश में खाद प्रभारी रामसिया गुप्ता पर एफआरआई करने की कार्रवाई की जा रही है.

Last Updated : Dec 5, 2020, 3:52 PM IST
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