होशंगाबाद। कोविड के दौर में संक्रमण से बचाओ के लिए सरकार लोगों को जागरूक करने के लिए तरह तरह के अभियान चला रही है. इस बीच आम लोगों को बताया जा रहा है अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए कि क्या करना है और क्या नहीं करना है. इसी कड़ी में जागरूकता के लिए होशंगाबाद के आदिवासी केसला ब्लॉक स्थित सरकारी स्कूल में साइंस पढ़ाने वाले शिक्षक राजेश पाराशर, विज्ञान मॉडल के जरिये नये प्रयोग कर रहे हैं और इन्हीं माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम लगातार कर रहे हैं.
संक्रमण के दौर में क्या करे और ना करे
विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर खुद के खर्च से विज्ञान मॉडलों के माध्यम से होशंगाबाद के विभिन्न जगहों पर पहुंचकर और वर्तमान में लॉकडाउन की स्थिति में कोरोना के खिलाफ जनजागृति पर काम कर रहे हैं. शिक्षक राजेश पाराशर ने 10 मॉडल बनाये हैं, जिसके माध्यम से वह लोगों को समझाइश दे रहे हैं कि इस कोरोना संक्रमण से बचने के लिए क्या करना है और क्या नहीं करना है.
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विज्ञान के प्रयोगों से समझाइश
कोरोना काल में लोगों को अपने कर्तव्य समझाए जाने के लिए विज्ञान शिक्षक ने विज्ञान का सहारा लिया है और विज्ञान के मॉडलों से प्रयोगों के द्वारा लोगों को समझाया जा रहा है कि संक्रमण की स्थिति में लोग संक्रमण से अपने आप को कैसे बचा सकते हैं. जिसके लिए विज्ञान शिक्षक प्रयोग कर लोगों को समझा रहे हैं. इस काम के लिए 4 लोगों की टीम बनाकर शिक्षक जनजागृति का काम कर रहे हैं, वैसे तो राजेश पाराशर जिले के विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर लोगों के सामने प्रयोग कर समझाइश देते रहे हैं लेकिन लॉकडाउन की स्थिति में अब राजेश सोशल मडिया का सहारा लेकर लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं.
वर्तमान संक्रमण को रोकना बेहद जरुरी
साइंस के शिक्षक बताते हैं कि कोविड का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. दूसरी लहर के साथ जब अब तीसरी लहर की भी भविष्यवाणी की जा चुकी है तो तब यह बहुत जरुरी है कि वर्तमान संक्रमण को तो रोके ही साथ ही तीसरी लहर के संक्रमण को भी समाप्त करें. यह तभी हो सकता है जब हम व्यवहार में परिवर्तन करे. इसके लिए सभी लोगों को कोविड गाइडलाइन का पालन करना चाहिए.