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स्कूली बच्चों के बैग का बोझ कम करने की स्कूल की सार्थक पहल - स्कूल बैग का बोझ कम करने पहल

होशंगाबाद के एक निजी स्कूल ने बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने की एक सार्थक पहल की है, जिसके तहत अब बच्चों की एक दिन में सिर्फ दो विषयों की ही क्लास लगेगी.

initiative to reduce the burden of school bags
स्कूल बैग का बोझ कम करने की पहल
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Published : Feb 15, 2020, 11:10 AM IST

Updated : Feb 15, 2020, 1:34 PM IST

होशंगाबाद। देश के अलग-अलग हिस्सों से उठ रही बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने की मांग के बाद होशंगाबाद के एक निजी स्कूल ने सार्थक पहल शुरू की है, जिसके बाद अब बच्चों को भारी-भरकम बैग ले जाने से मुक्ति मिल जाएगी. स्कूल की इस पहल की शुरूआत मार्च में शुरू होने वाले नए सत्र से की जाएगी. बच्चों को अब भारी बस्ते लेकर स्कूल नहीं जाना होगा.

स्कूल बैग का बोझ कम करने की पहल

अब तक बच्चों को पूरा बस्ता लेकर स्कूल जाना होता था, जिसमें लगभग 6-7 किताबें और 7-8 कॉपियां होती थी. साथ ही उसी बैग में टिफिन और वॉटर बॉटल भी रखे होते हैं, जिसका वजन बच्चे की उम्र और उसकी क्षमता के हिसाब से काफी ज्यादा होता है. इसी बोझ को हल्का करने के लिए शहर के एक निजी स्कूल प्रबंधन ने इस ओर ध्यान दिया है. स्कूल के प्रधानाचार्य डॉक्टर आशुतोष शर्मा ने बताया कि क्लास 1 से 5 तक के बच्चे के वजन से 10 प्रतिशत से ज्यादा बस्ते का बोझ नहीं होना चाहिए, लेकिन बस्ते का बोझ 40 से 50 फीसदी ज्यादा रहता है.

बच्चों के बैग का बोझ कम करने के लिए विषयों का टाइमटेबल इस तरह से बनाया गया है कि 6 विषयों में से केवल दो विषयों की किताबें ही एक दिन में बच्चे स्कूल लेकर आएंगे. बच्चों को एक दिन में केवल दो विषय ही पढ़ाए जाएंगे. इसके अलावा जो बच्चों के एडिशनल सबजेक्ट हैं, जैसे कंप्यूटर, ड्राइंग और मॉरल साइंस की किताबें स्कूल में ही रखी जाएंगी. अब पैरेंट्स बच्चों के बस्ते में केवल दो पुस्तकों और कॉपी देकर ही उन्हें स्कूल भेजेंगे. इस तरह से बच्चों पर अब होमवर्क का भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा.

होशंगाबाद। देश के अलग-अलग हिस्सों से उठ रही बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने की मांग के बाद होशंगाबाद के एक निजी स्कूल ने सार्थक पहल शुरू की है, जिसके बाद अब बच्चों को भारी-भरकम बैग ले जाने से मुक्ति मिल जाएगी. स्कूल की इस पहल की शुरूआत मार्च में शुरू होने वाले नए सत्र से की जाएगी. बच्चों को अब भारी बस्ते लेकर स्कूल नहीं जाना होगा.

स्कूल बैग का बोझ कम करने की पहल

अब तक बच्चों को पूरा बस्ता लेकर स्कूल जाना होता था, जिसमें लगभग 6-7 किताबें और 7-8 कॉपियां होती थी. साथ ही उसी बैग में टिफिन और वॉटर बॉटल भी रखे होते हैं, जिसका वजन बच्चे की उम्र और उसकी क्षमता के हिसाब से काफी ज्यादा होता है. इसी बोझ को हल्का करने के लिए शहर के एक निजी स्कूल प्रबंधन ने इस ओर ध्यान दिया है. स्कूल के प्रधानाचार्य डॉक्टर आशुतोष शर्मा ने बताया कि क्लास 1 से 5 तक के बच्चे के वजन से 10 प्रतिशत से ज्यादा बस्ते का बोझ नहीं होना चाहिए, लेकिन बस्ते का बोझ 40 से 50 फीसदी ज्यादा रहता है.

बच्चों के बैग का बोझ कम करने के लिए विषयों का टाइमटेबल इस तरह से बनाया गया है कि 6 विषयों में से केवल दो विषयों की किताबें ही एक दिन में बच्चे स्कूल लेकर आएंगे. बच्चों को एक दिन में केवल दो विषय ही पढ़ाए जाएंगे. इसके अलावा जो बच्चों के एडिशनल सबजेक्ट हैं, जैसे कंप्यूटर, ड्राइंग और मॉरल साइंस की किताबें स्कूल में ही रखी जाएंगी. अब पैरेंट्स बच्चों के बस्ते में केवल दो पुस्तकों और कॉपी देकर ही उन्हें स्कूल भेजेंगे. इस तरह से बच्चों पर अब होमवर्क का भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा.

Last Updated : Feb 15, 2020, 1:34 PM IST
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