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UP के बाद MP की बारी! किसकी इजाजत से साइन बोर्डों में बदला जा रहा शहर का नाम?

होशंगाबाद जिले में स्थित राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मस्थली बाबई को माखन नगर घोषित करने की मांग की गई थी, जिसे माखन नगर आम बोलचाल में बोला जाता है, लेकिन अभी तक सरकारी कागजों में बाबई शहर को माखन नगर प्रशासन ने घोषित नहीं किया है, ऐसे में होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुर करना कितना सफल होता है, ये तो वक्त ही बताएगा.

change of Hoshangabad name to Narmadapur
पोस्टर पर स्टीकर लगाते कार्यकर्ता
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Published : Dec 1, 2020, 9:07 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 10:09 PM IST

होशंगाबाद। यूपी के बाद अब एमपी में भी नाम बदलने पर सियासत गरमाने लगी है. विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने हाल ही में कहा था कि राजधानी भोपाल के ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरू नानक की टेकरी किया जाना चाहिए. शर्मा के इस बयान ने उन मांगों को हवा दे दी है, जिसकी मांग लंबे समय से की जाती रही है. भोपाल में सोमवार को प्रोटेम स्पीकर ने फिर नाम बदलने की बात कहकर होशंगाबाद को सुर्खियों में ला दिया है, होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुर करने की मांग के बाद स्थानीय नेताओं ने चौक-चौराहों पर लगे साइन बोर्डों पर स्टीकर चिपकाना शुरू कर दिया है.

change of Hoshangabad name to Narmadapur
पोस्टर पर स्टीकर लगाते कार्यकर्ता

होशंगाबाद के स्थानीय नेताओं ने प्रोटेम स्पीकर की बात का समर्थन कर मंगलवार को शहर के मुख्य मार्गों के चौराहों व अन्य जगहों पर नर्मदापुर के स्टीकर लगाए. साथ ही शहर का नाम बदलने की भी मांग की. पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल का कहना है कि होशंगाबाद का नाम बदलने को लेकर नगर पालिका परिषद सहित जिला योजना समिति ने इस प्रस्ताव को पास भी करा दिया है, इस प्रस्ताव को राज्य शासन को पास करना बाकी रह गया है.

change of Hoshangabad name to Narmadapur
पोस्टर पर स्टीकर लगाते कार्यकर्ता

होशंगाबाद पर लगाया नर्मदापुर का स्टीकर

इस मुहिम के दौरान एक संगठन ने अपना नाम भी बदल लिया है, युवा मंडल के युवा अब होशंगाबाद के स्थान पर नर्मदापुर लिखना शुरू कर दिया है. मंगलवार से इसकी शुरुआत की गई है. नर्मदापुर युवा मंडल के सदस्यों ने शहर के सर्किट हॉउस चौराहे पर स्थित शिवाजी चौक के बोर्ड पर लिखे हुए होशंगाबाद पर नर्मदापुर का स्टीकर लगा दिए. युवा मंडल सदस्य मनीष परदेशी ने बताया कि नर्मदापुर शहर का प्राचीन नाम है, इसलिए होशंगाबाद के स्थान पर नर्मदापुर होना चाहिए. कई स्थानों पर नर्मदापुर लिखे स्टीकर भी लगाए गए. साथ ही अपील की गई है कि सभी सदस्य अपने घर के पते के बाद नर्मदापुर ही लिखें. पूर्व नपाध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल ने मंगलवार को होशंगाबाद के स्थान पर नर्मदापुर नाम करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर धनंजय सिंह को सौंपा है.

बाबई को मखनगर करने की हुई थी घोषणा नहीं बदला गया नाम

होशंगाबाद जिले में स्थित राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मस्थली बाबई को माखन नगर घोषित करने की मांग की गई थी, जिसे माखन नगर आम बोलचाल में बोला जाता है, लेकिन अभी तक सरकारी कागजों में बाबई शहर को माखन नगर प्रशासन ने घोषित नहीं किया है, ऐसे में होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुर करना कितना सफल होता है, ये तो वक्त ही बताएगा.

सुल्तान होशंगशाह के नाम पर पड़ा 'होशंगाबाद'

1405 ईसवी में मालवा के सुल्तान होशंगशाह गौरी के नाम पर होशंगाबाद शहर का नामकरण हुआ था, पहले होशंगाबाद शहर का नाम नर्मदा नदी के किनारे पर होने के चलते प्राचीन नाम नर्मदापुर था, इसके साक्ष्य इतिहास में दर्ज हैं. होशंगशाह का किला आज भी नर्मदा नदी के किनारे मौजूद है. जहा से होशंगशाह अपनी हुकूमत चलाता था.

होशंगाबाद। यूपी के बाद अब एमपी में भी नाम बदलने पर सियासत गरमाने लगी है. विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने हाल ही में कहा था कि राजधानी भोपाल के ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरू नानक की टेकरी किया जाना चाहिए. शर्मा के इस बयान ने उन मांगों को हवा दे दी है, जिसकी मांग लंबे समय से की जाती रही है. भोपाल में सोमवार को प्रोटेम स्पीकर ने फिर नाम बदलने की बात कहकर होशंगाबाद को सुर्खियों में ला दिया है, होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुर करने की मांग के बाद स्थानीय नेताओं ने चौक-चौराहों पर लगे साइन बोर्डों पर स्टीकर चिपकाना शुरू कर दिया है.

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पोस्टर पर स्टीकर लगाते कार्यकर्ता

होशंगाबाद के स्थानीय नेताओं ने प्रोटेम स्पीकर की बात का समर्थन कर मंगलवार को शहर के मुख्य मार्गों के चौराहों व अन्य जगहों पर नर्मदापुर के स्टीकर लगाए. साथ ही शहर का नाम बदलने की भी मांग की. पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल का कहना है कि होशंगाबाद का नाम बदलने को लेकर नगर पालिका परिषद सहित जिला योजना समिति ने इस प्रस्ताव को पास भी करा दिया है, इस प्रस्ताव को राज्य शासन को पास करना बाकी रह गया है.

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पोस्टर पर स्टीकर लगाते कार्यकर्ता

होशंगाबाद पर लगाया नर्मदापुर का स्टीकर

इस मुहिम के दौरान एक संगठन ने अपना नाम भी बदल लिया है, युवा मंडल के युवा अब होशंगाबाद के स्थान पर नर्मदापुर लिखना शुरू कर दिया है. मंगलवार से इसकी शुरुआत की गई है. नर्मदापुर युवा मंडल के सदस्यों ने शहर के सर्किट हॉउस चौराहे पर स्थित शिवाजी चौक के बोर्ड पर लिखे हुए होशंगाबाद पर नर्मदापुर का स्टीकर लगा दिए. युवा मंडल सदस्य मनीष परदेशी ने बताया कि नर्मदापुर शहर का प्राचीन नाम है, इसलिए होशंगाबाद के स्थान पर नर्मदापुर होना चाहिए. कई स्थानों पर नर्मदापुर लिखे स्टीकर भी लगाए गए. साथ ही अपील की गई है कि सभी सदस्य अपने घर के पते के बाद नर्मदापुर ही लिखें. पूर्व नपाध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल ने मंगलवार को होशंगाबाद के स्थान पर नर्मदापुर नाम करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर धनंजय सिंह को सौंपा है.

बाबई को मखनगर करने की हुई थी घोषणा नहीं बदला गया नाम

होशंगाबाद जिले में स्थित राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मस्थली बाबई को माखन नगर घोषित करने की मांग की गई थी, जिसे माखन नगर आम बोलचाल में बोला जाता है, लेकिन अभी तक सरकारी कागजों में बाबई शहर को माखन नगर प्रशासन ने घोषित नहीं किया है, ऐसे में होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुर करना कितना सफल होता है, ये तो वक्त ही बताएगा.

सुल्तान होशंगशाह के नाम पर पड़ा 'होशंगाबाद'

1405 ईसवी में मालवा के सुल्तान होशंगशाह गौरी के नाम पर होशंगाबाद शहर का नामकरण हुआ था, पहले होशंगाबाद शहर का नाम नर्मदा नदी के किनारे पर होने के चलते प्राचीन नाम नर्मदापुर था, इसके साक्ष्य इतिहास में दर्ज हैं. होशंगशाह का किला आज भी नर्मदा नदी के किनारे मौजूद है. जहा से होशंगशाह अपनी हुकूमत चलाता था.

Last Updated : Dec 1, 2020, 10:09 PM IST
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