होशंगाबाद। कोरोनावायरस के चलते देशभर में पिछले 50 दिनों से जारी लॉकडाउन खत्म होने की नाम नहीं ले रहा है और अब विभिन्न प्रदेशों से आए श्रमिक लॉकडाउन में घरों से बाहर फंसे हुए हैं, ये मजदूर घर में जाने के लिए अपने प्रदेश सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में काम करने वाले 30 से 40 युवा होशंगाबाद में फंसे हुए हैं.
प्राइवेट संस्था में ऑनलाइन का काम करने उत्तराखंड से आए युवा 50 दिनों से लॉकडाउन में फंसे हुए हैं. उनके पास ना तो पैसे हैं और ना ही भोजन, जिसके कारण उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मकान मालिकों द्वारा भी किराया मांगा जा रहा है. प्रशासनक भोजन समय पर उपलब्ध नहीं करा पा रहा है, ये युवक पिछले 10 दिनों से लगातार प्रशासनिक अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन सीमित अधिकारों की बात कहकर इन युवाओं को वापस लौटाया जा रहा है.
दरअसल, जिला प्रशासन के पास मध्यप्रदेश की सीमा तक ही भेजने का अधिकार है युवाओं द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से उत्तराखंड सरकार से भी मदद की गुहार लगाई जा रही है. साथ ही शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र लिखकर अवगत कराया है, लेकिन इन युवाओं तक सरकार की तरफ से कोई जवाब अब तक नहीं आया है.
उत्तराखंड में फंसे युवा मनोज कुमार का कहना है कि लॉकडाउन खुलने का नाम नहीं ले रहा है. अब खाने-पीने और किराए के लिए भी पैसा नहीं बचा है. घर जाने के लिए उत्तराखंड और मध्यप्रदेश सरकार से लगातार गुहार लगाई जा रही है लेकिन अभी तक कोई रास्ता नहीं निकल सका है.
होशंगाबाद एसडीएम आदित्य सिंह का कहना है कि उत्तराखंड तक पहुंचने के लिए विभिन्न राज्यों से निकल कर जाना होगा, ऐसे में जिला प्रशासन इन युवाओं को भेजने में असमर्थ है, राज्य कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दे दी गई है, वहां से आदेश आते ही इन युवाओं को अपने घर पहुंचा दिया जाएगा. फिलहाल इनकी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं, जिला प्रशासन इनसे लगातार संपर्क में है.