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कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ते लोग,न मुंह पर मास्क न सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल

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Published : Aug 3, 2021, 2:37 PM IST

कोरोना की दूसरी लहर में लगे लॉकडाउन को खत्म करने के बाद प्रशासन ने नियमों के साथ कुछ छूट दी थी. जिसके बाद लोग लापरवाह नजर आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है होशंगाबाद के जिला अस्पताल से जहां स्टाफ, मरीज और मरीज के परिजन बिना मास्क के घूमते नजर आ रहे हैं. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार की तैयारियों का धक्का लग सकता है.

Corona guidelines violates
कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां

होशंगाबाद(Hoshangabad)। जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार भले ही धीमी हो गई हो.लेकिन कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. इस बीच प्रशासन ने नियमों का पालन करने की शर्त पर राहत दी है. लेकिन लोग थोड़ी सी राहत में ही लापरवाही करते नजर आ रहे हैं.वही लापरवाही की तस्वीर जिला अस्पताल में भी देखने को मिल रही है. जहां लोग कोरोना बीमारी से संक्रमित होने पर इलाज के लिए पहुंचते है वहीं बेपरवाह लोग कोरोना बीमारी की तीसरी लहर को खुलेआम आमंत्रण देते दिखाई दे रहे हैं.

कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां

कोरोना गाइडलाइन का लोग नहीं कर रहे पालन

करीब चार महीने पूर्व कोरोना महामारी को सभी ने देखा है लोगों ने अपनो को खोया है.वही करीब चार माह बीत जाने के बाद जिन अस्पतालों में मरीजों को परेशान होते देखा हैऑक्ससीजन से लेकर बेड जैसी अन्य सुविधाओं के लिए मरीजों के परिजनों को परेशान होते देखा है.उन्हीं अस्पतालों में लापरवाही के चलते कोरोना की तीसरी लहर को आमंत्रण दिया जा रहा है. जिला अस्पताल में मरीज अटेंडर बिना सोशल डिस्टेंस और बिना मास्क के मरीजों के आसपास आसानी से देखे जाते है. आलम यह है कि मरीजों के बेड पर ही मरिजों के परिजन बैठे दिखाई देते हैं.वहीं जिला अस्पताल भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने का दावा कर रहा है, पर कोरोना गाइडलाइन का पालन जिला अस्पताल में देखने को नहीं मिल रहा है.

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अस्पताल में भी बिना मास्क के घूमते दिखाई देते है लोग

जिला अस्पताल में ओपीडी पर्ची बनवाते समय लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नही दिखाई दे रहे हैं. वहीं अगर वार्डो में भर्ती मरीजों के अटेंडरों की बात की जाए तो हर मरीज के साथ करीब 5 से 6 अटेंडर मौजूद नजर आते हैं.मौजूद अटेंडर ना हीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, और ना ही मास्क लगाने को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं. वही सिविल सर्जन डॉक्टर दिनेश दहलवार ने बताया कि अटेंडरों को लगातार समझाइश दी जा रही है साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है. लेकिन लोगों को रोकने के लिए अस्पताल में ज्यादा गार्ड नहीं है फिर भी समझाइश देने के लिए एक गार्ड को लगाया हुआ है.

होशंगाबाद(Hoshangabad)। जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार भले ही धीमी हो गई हो.लेकिन कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. इस बीच प्रशासन ने नियमों का पालन करने की शर्त पर राहत दी है. लेकिन लोग थोड़ी सी राहत में ही लापरवाही करते नजर आ रहे हैं.वही लापरवाही की तस्वीर जिला अस्पताल में भी देखने को मिल रही है. जहां लोग कोरोना बीमारी से संक्रमित होने पर इलाज के लिए पहुंचते है वहीं बेपरवाह लोग कोरोना बीमारी की तीसरी लहर को खुलेआम आमंत्रण देते दिखाई दे रहे हैं.

कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां

कोरोना गाइडलाइन का लोग नहीं कर रहे पालन

करीब चार महीने पूर्व कोरोना महामारी को सभी ने देखा है लोगों ने अपनो को खोया है.वही करीब चार माह बीत जाने के बाद जिन अस्पतालों में मरीजों को परेशान होते देखा हैऑक्ससीजन से लेकर बेड जैसी अन्य सुविधाओं के लिए मरीजों के परिजनों को परेशान होते देखा है.उन्हीं अस्पतालों में लापरवाही के चलते कोरोना की तीसरी लहर को आमंत्रण दिया जा रहा है. जिला अस्पताल में मरीज अटेंडर बिना सोशल डिस्टेंस और बिना मास्क के मरीजों के आसपास आसानी से देखे जाते है. आलम यह है कि मरीजों के बेड पर ही मरिजों के परिजन बैठे दिखाई देते हैं.वहीं जिला अस्पताल भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने का दावा कर रहा है, पर कोरोना गाइडलाइन का पालन जिला अस्पताल में देखने को नहीं मिल रहा है.

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अस्पताल में भी बिना मास्क के घूमते दिखाई देते है लोग

जिला अस्पताल में ओपीडी पर्ची बनवाते समय लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नही दिखाई दे रहे हैं. वहीं अगर वार्डो में भर्ती मरीजों के अटेंडरों की बात की जाए तो हर मरीज के साथ करीब 5 से 6 अटेंडर मौजूद नजर आते हैं.मौजूद अटेंडर ना हीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, और ना ही मास्क लगाने को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं. वही सिविल सर्जन डॉक्टर दिनेश दहलवार ने बताया कि अटेंडरों को लगातार समझाइश दी जा रही है साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है. लेकिन लोगों को रोकने के लिए अस्पताल में ज्यादा गार्ड नहीं है फिर भी समझाइश देने के लिए एक गार्ड को लगाया हुआ है.

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