होशंगाबाद। समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर होशंगाबाद में किया जाना सरकार का एक्सपेरिमेंट किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. कड़ाके की ठंड में जहां लोग अपने घरों से निकलने में कतरा रहे हैं, तो वहीं होशंगाबाद का अन्नदाता अपनी उपज को बेचने के लिए पिछले 5 दिनों से मंडी में अपनी बारी का इंतेजार कर रहा है. इसकी वजह सरकार द्वारा किए जा रहे एक्सपेरिमेंट को जिम्मेदार माना जा रहा है.
खरीदी शुरू होने से ठीक एक दिन पहले सरकार ने निर्णय लिया है कि जिले में धान की खरीदी नाफेड करेंगी. जिसके पास ना तो खरीदी का कोई आईडिया है और ना ही परिवहन का कोई प्लान. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा धान की खरीदी तो शुरू करा दी गई है लेकिन परिवहन की व्यवस्था बिगड़ी हुई है.
आलम यह है कि सभी केंद्रों पर माल रखने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है. धान खरीदी नहीं होने से परेशान किसान एक हफ्ते से अपनी उपज की चौकीदारी कर रहा हैं.
परिवहन नहीं होना बना परेशानी
धान खरीदी का काम रफ्तार पकड़ पाता उसके पहले ही परिवहन नहीं होने से धान खरीदी पर ब्रेक लग गया. पिछले 5 दिनों से मंडी में समर्थन मूल्य पर 33 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई लेकिन जिसका वेयरहाउस में परिवहन नहीं हो पाने के कारण पूरी खरीदी केंद्र पर धान भरी पड़ी हुई है, क्योंकि निफ्ट द्वारा केंद्र सरकार के सस्टैंडर्ड मापन के नियम के अनुसार परिवहन नहीं करा पाया है.
खुले परिसर में रात काटने को मजबूर किसान
खुले परिसर अपनी उपज बेचने आए किसान मंडी परिसर में खुले में रात काटने को मजबूर हैं. उन्हें अपनी उपज की चिंता है किसानों को लगातार मैसेज किए जा रहे हैं. लेकिन केंद्रों पर धान खरीदी नहीं जा रही है. वहीं खाद्य अधिकारी का कहना है कि खरीदी बंद नहीं की गई है लेकिन केंद्रों पर खरीदी बंद पड़ी हुई है जिले मे 10 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है जिनमें से 300 किसान धान समर्थन मूल केंद्रों पर ला चुके हैं जिले भर में 24 समर्थन मूल्य केंद्र पर खरीदी की जानी है.