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परिवहन की सुविधा नहीं होने के चलते किसानों का धान नहीं पहुंचा वेयरहाउस, प्रशासन मौन - Purchasing Center, Hoshangabad

होशंगाबाद का अन्नदाता अपनी उपज को बेचने के लिए पिछले 5 दिनों से मंडी में अपनी बारी का इंतेजार कर रहा है. इसकी वजह सरकार द्वारा किए जा रहे एक्सपेरिमेंट को जिम्मेदार माना जा रहा है.

Farmers' paddy did not reach the warehouse
किसानों का धान नहीं पहुंचा वेयरहाउस
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Published : Dec 12, 2019, 12:41 AM IST

होशंगाबाद। समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर होशंगाबाद में किया जाना सरकार का एक्सपेरिमेंट किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. कड़ाके की ठंड में जहां लोग अपने घरों से निकलने में कतरा रहे हैं, तो वहीं होशंगाबाद का अन्नदाता अपनी उपज को बेचने के लिए पिछले 5 दिनों से मंडी में अपनी बारी का इंतेजार कर रहा है. इसकी वजह सरकार द्वारा किए जा रहे एक्सपेरिमेंट को जिम्मेदार माना जा रहा है.

किसानों का धान नहीं पहुंचा वेयरहाउस

खरीदी शुरू होने से ठीक एक दिन पहले सरकार ने निर्णय लिया है कि जिले में धान की खरीदी नाफेड करेंगी. जिसके पास ना तो खरीदी का कोई आईडिया है और ना ही परिवहन का कोई प्लान. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा धान की खरीदी तो शुरू करा दी गई है लेकिन परिवहन की व्यवस्था बिगड़ी हुई है.
आलम यह है कि सभी केंद्रों पर माल रखने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है. धान खरीदी नहीं होने से परेशान किसान एक हफ्ते से अपनी उपज की चौकीदारी कर रहा हैं.

परिवहन नहीं होना बना परेशानी
धान खरीदी का काम रफ्तार पकड़ पाता उसके पहले ही परिवहन नहीं होने से धान खरीदी पर ब्रेक लग गया. पिछले 5 दिनों से मंडी में समर्थन मूल्य पर 33 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई लेकिन जिसका वेयरहाउस में परिवहन नहीं हो पाने के कारण पूरी खरीदी केंद्र पर धान भरी पड़ी हुई है, क्योंकि निफ्ट द्वारा केंद्र सरकार के सस्टैंडर्ड मापन के नियम के अनुसार परिवहन नहीं करा पाया है.

खुले परिसर में रात काटने को मजबूर किसान
खुले परिसर अपनी उपज बेचने आए किसान मंडी परिसर में खुले में रात काटने को मजबूर हैं. उन्हें अपनी उपज की चिंता है किसानों को लगातार मैसेज किए जा रहे हैं. लेकिन केंद्रों पर धान खरीदी नहीं जा रही है. वहीं खाद्य अधिकारी का कहना है कि खरीदी बंद नहीं की गई है लेकिन केंद्रों पर खरीदी बंद पड़ी हुई है जिले मे 10 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है जिनमें से 300 किसान धान समर्थन मूल केंद्रों पर ला चुके हैं जिले भर में 24 समर्थन मूल्य केंद्र पर खरीदी की जानी है.

होशंगाबाद। समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर होशंगाबाद में किया जाना सरकार का एक्सपेरिमेंट किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. कड़ाके की ठंड में जहां लोग अपने घरों से निकलने में कतरा रहे हैं, तो वहीं होशंगाबाद का अन्नदाता अपनी उपज को बेचने के लिए पिछले 5 दिनों से मंडी में अपनी बारी का इंतेजार कर रहा है. इसकी वजह सरकार द्वारा किए जा रहे एक्सपेरिमेंट को जिम्मेदार माना जा रहा है.

किसानों का धान नहीं पहुंचा वेयरहाउस

खरीदी शुरू होने से ठीक एक दिन पहले सरकार ने निर्णय लिया है कि जिले में धान की खरीदी नाफेड करेंगी. जिसके पास ना तो खरीदी का कोई आईडिया है और ना ही परिवहन का कोई प्लान. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा धान की खरीदी तो शुरू करा दी गई है लेकिन परिवहन की व्यवस्था बिगड़ी हुई है.
आलम यह है कि सभी केंद्रों पर माल रखने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है. धान खरीदी नहीं होने से परेशान किसान एक हफ्ते से अपनी उपज की चौकीदारी कर रहा हैं.

परिवहन नहीं होना बना परेशानी
धान खरीदी का काम रफ्तार पकड़ पाता उसके पहले ही परिवहन नहीं होने से धान खरीदी पर ब्रेक लग गया. पिछले 5 दिनों से मंडी में समर्थन मूल्य पर 33 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई लेकिन जिसका वेयरहाउस में परिवहन नहीं हो पाने के कारण पूरी खरीदी केंद्र पर धान भरी पड़ी हुई है, क्योंकि निफ्ट द्वारा केंद्र सरकार के सस्टैंडर्ड मापन के नियम के अनुसार परिवहन नहीं करा पाया है.

खुले परिसर में रात काटने को मजबूर किसान
खुले परिसर अपनी उपज बेचने आए किसान मंडी परिसर में खुले में रात काटने को मजबूर हैं. उन्हें अपनी उपज की चिंता है किसानों को लगातार मैसेज किए जा रहे हैं. लेकिन केंद्रों पर धान खरीदी नहीं जा रही है. वहीं खाद्य अधिकारी का कहना है कि खरीदी बंद नहीं की गई है लेकिन केंद्रों पर खरीदी बंद पड़ी हुई है जिले मे 10 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है जिनमें से 300 किसान धान समर्थन मूल केंद्रों पर ला चुके हैं जिले भर में 24 समर्थन मूल्य केंद्र पर खरीदी की जानी है.

Intro:होशंगाबाद । सरकार का समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर जिले में किया जाना एक्सपेरिमेंट किसानों के लिए दुखों का कारण बन गया है कड़ाके की ठंड में जहां लोग अपने घरों से निकलने में कतराते हैं वहीं जिले की का अन्नदाता अपनी उपज को बेचने पिछले 5 दिनों से मंडी में रतजगा कर उसकी रखवाली कर रहा है इसका कारण अंतिम समय में सरकार द्वारा एक्सपेरिमेंट के लिए लिया गया कदम है ।


Body:दरअसल मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में खरीदी शुरू होने से 1 दिन पहले सरकार द्वारा 3 दिसंबर को कि रात को निर्णय लिया गया कि जिले में धान की खरीदी नाफेड करेंगी जिसके पास नाही पर खरीदी का कोई आईडिया है और ना ही परिवहन का कोई प्लान । ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा धान की खरीदी तो शुरू करा दी गई लेकिन परिवहन की व्यवस्था नहीं की गई जिसके चलते सभी केंद्रों पर माल रखने के लिए जगह नहीं बची परिवहन व्यवस्था चौपट होने से मंडी में धान खरीदी नहीं हो पा रही है धान खरीदी नहीं होने से परेशान एक हफ्ते से पिछले 5 दिन से किसान लगाकर अपनी उपज की चौकीदारी कर रहे हैं ।

सरकार द्वारा अंतिम समय में लिया गया निर्णय बना मुसीबत

पिछले सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत होशंगाबाद जिले में पहली बार निफ्ट को धान खरीदी करने का का आदेश दिया गया पिछले 3 सालों से जिला खाद्य विभाग द्वारा खरीदी की जाती थी और अनुभव के आधार पर सभी तरह की व्यवस्था द्वारा की गई थी लेकिन अंतिम समय में नाफेड को धान खरीदी का सरकार द्वारा आदेश दे दिया गया है जिसके चलते निफ्ट समय पर खरीदी की तैयारियां नहीं कर पाया और जिसके चलते परिवहन की व्यवस्था चरमरा गई और जिसका सीधा असर किसानों को भारी मुसीबतों का सामना कर उठाना पड़ रहा है किसान कई दिनों से खरीदी केंद्रों पर ही अपनी फसल लाकर परेशान हो रहा है

परिवहन नहीं होना बना परेशानी

धान खरीदी का काम रफ्तार पकड़ पाता उसके पहले ही परिवहन नहीं होने से धान खरीदी पर ब्रेक लग गया पिछले 5 दिनों से मंडी में समर्थन मूल्य पर 33हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई लेकिन जिसका वेयरहाउस में परिवहन नहीं हो पाने के कारण पूरी खरीदी केंद्र पर धान भरी पड़ी हुई है क्योंकि निफ्ट द्वारा केंद्र सरकार के सस्टैंडर्ड मापन के नियम के अनुसार परिवहन नहीं करा पाया है

खुले परिसर में रात काटने को मजबूर किसान

खुले परिसर अपनी उपज बेचने आए किसान मंडी परिसर में खुले में रात काटने को मजबूर हैं उन्हें अपनी उपज की चिंता है किसानों को लगातार मैसेज किए जा रहे हैं लेकिन केंद्रों पर धान खरीदी नहीं जा रही है वहीं खाद्य अधिकारी का कहना है कि खरीदी बंद नहीं की गई है लेकिन केंद्रों पर खरीदी बंद पड़ी हुई है जिले मे 10000 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है जिनमें से 300 किसान धान समर्थन मूल केंद्रों पर ला चुके हैं जिले भर में 24 समर्थन मूल्य केंद्र पर खरीदी की जानी है ।

3 बाइट किसान
विनोद चौहान , जिला खाद्य अधिकारी , होशंगाबाद



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