नर्मदापुरम। एशियन गेम्स (Asian Games 2023) में भारत ने बेहतर प्रदर्शन कर 27 साल बाद मैडलों की झड़ी लगा दी है. छोटे से शहर इटारसी की प्रीति रजक (इंटरनेशनल शॉटगन शूटिंग खिलाड़ी) ने एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर सिल्वर मेडल जीता है. प्रीति रजक ने बताया कि ''अब कोरिया में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप में वह हिस्सा लेंगी. यहां पर बेहतर प्रदर्शन करने के बाद ही उन्हें ओलंपिक में खेलने का मौका भी मिलेगा.
सिल्वर गर्ल के नाम से मशहूर प्रीति रजक: निशानेबाजी की दुनिया में मध्यप्रदेश का नाम रोशन करने वाली अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी प्रीति रजक को 'सिल्वर गर्ल' कहा जा सकता है. अपने घर इटारसी पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. बता दें कि भारतीय महिला ट्रैप टीम की मनीषा कीर, राजेश्वरी कुमारी और प्रीति रजक ने मिलकर एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल जीता है. इटारसी के न्यास कॉलोनी में रहने वाली प्रीति रजक की मां ज्योत्सना रजक ने बताया कि ''एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल जीतने पर खुशी का ठिकाना नहीं है.''
संघर्ष के बाद पाया मुकाम: प्रीति के पिता दीपक रजक ने बताया कि ''उनकी तीन बेटियां हैं, घर में कोई बेटा नहीं है. दो बेटी शॉटगन के खेल में हैं और एक बेटी पढ़ाई कर रही है. मिडिल क्लास फैमिली की खिलाड़ी काफी संघर्ष करने के बाद इस मुकाम पर पहुंची है''. 20 वर्षीय प्रीति रजक भी मध्यप्रदेश राज्य अकादमी की खान से निकला कोहिनूर हैं, जो बाद में इंदौर के उपनगर महू स्थित आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में सबसे कम उम्र की महिला निशानेबाजों में से एक बन गईं. प्रीति अपनी इस सफलता का श्रेय सोशल वर्कर मां ज्योत्सना रजक, पिता दीपक रजक और बहन शेफाली को देती हैं.
कई मेडल अपने नाम किये: प्रीति ने 1 जून 2016 को भोपाल के शूटिंग अकादमी में प्रीति ने प्रवेश किया. उस समय उसकी उम्र 15 वर्ष थी. अकादमी में अभ्यास का सिलसिला शुरू हुआ और उसके महज तीन महीने बाद 8 सितम्बर 2016 से 10 सितम्बर 2016 में आयोजित 6वीं राज्य शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. भोपाल के डबल जूनियर में 2 स्वर्ण पदक और डबल ट्रैप वीमेन श्रेणी में 2 रजत पदक अपने नाम कर लिए. इसके बाद अक्टूबर 2016 के 26वें अखिल भारतीय जी.वी. मावलंकर टूर्नामेंट के जूनियर ट्रैप श्रेणी में 1 स्वर्ण और महिला श्रेणी में रजत पदक हासिल किया. उसी वर्ष जयपुर में आयोजित 11वें महाराज डॉ. करणी सिंह टूर्नामेंट के जूनियर श्रेणी में स्वर्ण और महिला श्रेणी में कांस्य पदक अपने नाम किया. संभवतः अपने राज्य से बाहर यह पहला टूर्नामेंट था. Preeti Rajak Motivational Story