नर्मदापुरम। ग्रामीण क्षेत्रों में पशु हानि कम करने और पशुपालकों की आय में वृद्धि के लिए गांव की दीदियां पशुओं का इलाज करेंगी. इसके लिए स्व सहायता समूहों की प्रशिक्षित पशु सखियों को ए हेल्प सखी का 17 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें उन्हें पशु चिकित्सकों जैसा प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि सखियां पशुओं का प्राथमिक उपचार कर सके. मध्य प्रदेश के पशुपालन विभाग, पंचायत ग्रामीण विकास विभाग और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद के समन्वय से मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला पंचायत के तहत गठित स्व सहायता समूहों का आवासीय प्रशिक्षण 31 मई तक सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र, माखननगर में दिया जा रहा है.
डेयरी उद्योग को मिलेगा बढ़ावा: मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक और प्रशिक्षण समन्वयक आदित्य शर्मा ने बताया कि "गावों में पशुपालन से संबंधित प्रबंधन एवं डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह की दीदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ग्रामीण अंचल में जहां पशु चिकित्सा विभाग के लोग आकस्मिक सेवा पर नहीं उपलब्ध हो पाते हैं. ऐसी स्थिति में गांव की दीदी ही पशुओं की देखभाल करती हैं. गांव की दीदी ही पशुओं के स्वास्थ्य एवं आवास प्रबंधन का कार्य पशुपालन विभाग और पशु पालक के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में जुड़कर कर सकेंगी. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पशु हानि कम होगी और पशुपालकों की आय में भी वृद्धि हो सकेगी. प्रशिक्षण के उपरांत पशु सखियों के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद एवं नेशनल अकेडमी ऑफ रूडसेटी द्वारा ऑनलाइन परीक्षा प्रैक्टिकल एवं इंटरव्यू लिए जाएंगे. इसके बाद प्रशिक्षण पूर्ण करने एवं मान्यता संबंधी प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा.
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पशुओं की बीमारी पर रोकथाम का तरीका: मुख्य प्रशिक्षक डॉ. ज्योति जैन, डॉ. घनश्याम परते, डॉ. प्रणव सिंह और डॉ. डी.एस. नरवरिया द्वारा पशुओं की नस्ल, कृत्रिम गर्भाधान, डी.वार्मिंग, टीकाकरण, राशन बैलेंस प्रोग्राम, ईयर टैगिंग, पशुपालन से संबंधित शासन की योजनाएं, पारंपरिक पशु चिकित्सा पद्धतियां, पशु पोषण एवं आहार प्रबंधन, प्रजनन प्रबंधन, पशुओं में होने वाली बीमारी एवं उनका रोकथाम, गौआधारित खाद, प्रबंधन डेयरी प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
भ्रमण कराकर पशु प्रबंधन का प्रशिक्षण: प्रशिक्षण के दौरान क्लासरूम ट्रेनिंग के साथ-साथ पशु सखियों को पशु प्रजनन केंद्र, पशु आहार संयंत्र कीरतपुर, गौआधारित कस्तूरी कृषि फार्म ग्राम सैनी, कृषि विज्ञान केंद्र, साइलेज निर्माण इकाई, गौशाला जावली पशु चिकित्सालय इत्यादि में भ्रमण कराकर पशु प्रबंधन संबंधी विस्तृत जानकारी दी जा रही है.