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MP Seat Scan Sohagpur: कभी गोंडवाना रियासत की राजधानी रही सोहागपुर 2008 से बीजेपी का मजबूत गढ़, क्या कांग्रेस लगा पाएगी सेंध

एमपी में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है. ऐसे में हम आपको नर्मदापुरम की सुहागपुर विधानसभा सीट के बारे में बता रहे हैं. पढ़ें, ETV Bharat की खास सीरिज MP सीट स्कैन...

MP Seat Scan Sohagpur
मप्र की सोहागपुर विधानसभा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 23, 2023, 4:34 PM IST

नर्मदापुरम। एमपी में सियासी रस्साकशी के बीच प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. सभी सियासी दल अपनी-अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. इसी सिलसिले में ETV Bharat एक बार फिर अपनी खास सीरिज एमपी विधानसभा सीट के तहत नर्मदापुरम की सोहागपुर सीट का विश्लेषण लेकर आया है. इसमें हम जानेंगे कि इस सीट पर क्या सियासी समीकरण बनते दिख रहे हैं. आइए जानते हैं...

बीजेपी का मजबूत किला: मध्यप्रदेश की सोहागपुर सीट बीजेपी का मजबूत किला है. कांग्रेस तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं ढहा पाई है. 1977 में कांग्रेस ने यहां से चुनाव जीता था. 1980 और 1985 में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था. इधर, 1990 में जनता दल ने यहां पर जीत हासिल की. 1993 और 1998 में भी कांग्रेस ने फिर वापसी की, लेकिन 2003 में दिग्विजय सिंह के खिलाफ गुस्से का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिला. पहले के विधानसभा चुनाव यानि 2008 में बीजेपी को 48% वोट मिले थे. 2013 में इसमें इजाफा हुआ और वोट बढ़कर हो गए 55%, लेकिन 2018 में वापस बीजेपी को 48% ही वोट मिले. मतलब 10 सालों में गाड़ी जहां से शुरू हुई, वापस वहीं आकर रूक गई है.

क्या है सोहागपुर सीट की खासियत: बीजेपी मजबूत सीटों में से एक सोहागपुर की अपनी एक अलग पहचान भी है. ये सीट अपनी ऐतिहासिक पहचान रखता है. सोहागपुर को ब्रिटिश भारत में नवाब जाफर अलवी के अधीन शासन गोंडवाना रियासत राज्य की राजधानी के लिए भी जाना जाता है. सोहागपुर में ब्राह्मण और गुर्जर प्रमुख हैं. इनकी संख्या 75 हजार से ज्यादा है. यादव और राजपूत इस इलाके में अच्छी संख्या में हैं.

MP Seat Scan Sohagpur
सोहागपुर विधानसभा की खासियत

मतदाताओं का गणित: अगर इस सीट पर वोटर्स की बात की जाए, तो यहां कुल 2 लाख 19 हजार 775 वोटर्स हैं. पुरुष मतदाता 1 लाख 16 हजार 854 वोटर्स हैं, तो महिला वोटर्स की संख्या भी 1 लाख 02 हजार 914 है. यहां अन्य वोटर्स नहीं है. 7 अन्य वोटर्स हैं.

MP Seat Scan Sohagpur
सोहागपुर में कुल मतदाता

क्या है सीट के सियासी समीकरण: इस सीट पर फिलहाल बीजेपी की मुसीबत खड़ी करते उनके ही नेता गिरजाशंकर एक महत्वपूर्ण चेहरा हो सकते हैं. गिरिजाशंकर बीजेपी से नाता तोड़ चुके हैं, और बीजेपी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. वे कांग्रेस से टिकट भी मांग सकते हैं. इस सीट पर हमेशा से ही बाहरी प्रत्याशी बाजी मारते हुए आया है. यहां से विधायक विजयपाल सोहागपुर से नहीं हैं, लेकिन इस बावजूद भी उनके नेतृत्व में बीजेपी यहां से चुनाव जीतती रही है.

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सोहागपुर के प्रमुख मुद्दे: नर्मदापुरम जिले की सोहापुर विधानसभा सीट पर पिछले 20 साल से बीजेपी जीतती आ रही है. यहां की जनता ने इस बार भी विकास को मुद्दा बनाया है. शहर का इन्फ्रास्ट्रक्चर अब भी खराब है. युवाओं के लिए विधानसभा में शिक्षा के लिए एक अच्छा शैक्षणिक संस्थान नहीं है. रोजगार के लिए यहां पर किसी तरह का कोई डेवलपमेंट नहीं किया गया है. इलाके के पारंपरिक व्यवसाय हैं, उन्हें बढ़ावा नहीं मिल पाया है.

MP Seat Scan Sohagpur
सोहागपुर विधानसभा 2018 का रिज्लट

2018 में कांग्रेस ने दबंगई छवि वाले पलिया को टिकट दिया था: इस इलाके में पलिया परिवार की दबंगई चलती है. कांग्रेस ने पलिया परिवार की दबंगई को देखते हुए सतपाल पलिया को टिकट दिया था. वहीं, बीजेपी के प्रत्याशी विजयपाल पर रेत के अवैध कारोबार से लेकर छुटभैया नेताओं को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं. 2018 में हुए मुकाबले में विजयपाल जीत गए थे.

MP Seat Scan Sohagpur
सोहागपुर में पिछले तीन चुनाव पर बीजेपी का पलड़ा भारी

फिलहाल, सोहागपुर सीट पिछले 20 सालों से लगातार भाजपा के कब्जे में है. साल 2003 से 2008 तक मधुकर राव हर्णे विधायक चुने गए थे. 2008 में परिसीमन के बाद लगातार ठाकुर विजयपाल सिंह लगातार विधायक है. कहा जाता है, इस सीट पर विजय पाल सिंह की खासी पकड़ है. यहां के स्थानीय नेताओं का कहना है कि इस बार विजय पाल सिंह नर्मदापुरम से लड़ना चाहते हैं, यदि ऐसे समीकरण बनते है तो इस पर सीट कांग्रेस की राह आसान हो सकती है, लेकिन गुटबाजी के चलते कांग्रेस को नुकसान के आसार भी हैं.

नर्मदापुरम। एमपी में सियासी रस्साकशी के बीच प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. सभी सियासी दल अपनी-अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. इसी सिलसिले में ETV Bharat एक बार फिर अपनी खास सीरिज एमपी विधानसभा सीट के तहत नर्मदापुरम की सोहागपुर सीट का विश्लेषण लेकर आया है. इसमें हम जानेंगे कि इस सीट पर क्या सियासी समीकरण बनते दिख रहे हैं. आइए जानते हैं...

बीजेपी का मजबूत किला: मध्यप्रदेश की सोहागपुर सीट बीजेपी का मजबूत किला है. कांग्रेस तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं ढहा पाई है. 1977 में कांग्रेस ने यहां से चुनाव जीता था. 1980 और 1985 में कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया था. इधर, 1990 में जनता दल ने यहां पर जीत हासिल की. 1993 और 1998 में भी कांग्रेस ने फिर वापसी की, लेकिन 2003 में दिग्विजय सिंह के खिलाफ गुस्से का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिला. पहले के विधानसभा चुनाव यानि 2008 में बीजेपी को 48% वोट मिले थे. 2013 में इसमें इजाफा हुआ और वोट बढ़कर हो गए 55%, लेकिन 2018 में वापस बीजेपी को 48% ही वोट मिले. मतलब 10 सालों में गाड़ी जहां से शुरू हुई, वापस वहीं आकर रूक गई है.

क्या है सोहागपुर सीट की खासियत: बीजेपी मजबूत सीटों में से एक सोहागपुर की अपनी एक अलग पहचान भी है. ये सीट अपनी ऐतिहासिक पहचान रखता है. सोहागपुर को ब्रिटिश भारत में नवाब जाफर अलवी के अधीन शासन गोंडवाना रियासत राज्य की राजधानी के लिए भी जाना जाता है. सोहागपुर में ब्राह्मण और गुर्जर प्रमुख हैं. इनकी संख्या 75 हजार से ज्यादा है. यादव और राजपूत इस इलाके में अच्छी संख्या में हैं.

MP Seat Scan Sohagpur
सोहागपुर विधानसभा की खासियत

मतदाताओं का गणित: अगर इस सीट पर वोटर्स की बात की जाए, तो यहां कुल 2 लाख 19 हजार 775 वोटर्स हैं. पुरुष मतदाता 1 लाख 16 हजार 854 वोटर्स हैं, तो महिला वोटर्स की संख्या भी 1 लाख 02 हजार 914 है. यहां अन्य वोटर्स नहीं है. 7 अन्य वोटर्स हैं.

MP Seat Scan Sohagpur
सोहागपुर में कुल मतदाता

क्या है सीट के सियासी समीकरण: इस सीट पर फिलहाल बीजेपी की मुसीबत खड़ी करते उनके ही नेता गिरजाशंकर एक महत्वपूर्ण चेहरा हो सकते हैं. गिरिजाशंकर बीजेपी से नाता तोड़ चुके हैं, और बीजेपी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. वे कांग्रेस से टिकट भी मांग सकते हैं. इस सीट पर हमेशा से ही बाहरी प्रत्याशी बाजी मारते हुए आया है. यहां से विधायक विजयपाल सोहागपुर से नहीं हैं, लेकिन इस बावजूद भी उनके नेतृत्व में बीजेपी यहां से चुनाव जीतती रही है.

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सोहागपुर के प्रमुख मुद्दे: नर्मदापुरम जिले की सोहापुर विधानसभा सीट पर पिछले 20 साल से बीजेपी जीतती आ रही है. यहां की जनता ने इस बार भी विकास को मुद्दा बनाया है. शहर का इन्फ्रास्ट्रक्चर अब भी खराब है. युवाओं के लिए विधानसभा में शिक्षा के लिए एक अच्छा शैक्षणिक संस्थान नहीं है. रोजगार के लिए यहां पर किसी तरह का कोई डेवलपमेंट नहीं किया गया है. इलाके के पारंपरिक व्यवसाय हैं, उन्हें बढ़ावा नहीं मिल पाया है.

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सोहागपुर विधानसभा 2018 का रिज्लट

2018 में कांग्रेस ने दबंगई छवि वाले पलिया को टिकट दिया था: इस इलाके में पलिया परिवार की दबंगई चलती है. कांग्रेस ने पलिया परिवार की दबंगई को देखते हुए सतपाल पलिया को टिकट दिया था. वहीं, बीजेपी के प्रत्याशी विजयपाल पर रेत के अवैध कारोबार से लेकर छुटभैया नेताओं को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं. 2018 में हुए मुकाबले में विजयपाल जीत गए थे.

MP Seat Scan Sohagpur
सोहागपुर में पिछले तीन चुनाव पर बीजेपी का पलड़ा भारी

फिलहाल, सोहागपुर सीट पिछले 20 सालों से लगातार भाजपा के कब्जे में है. साल 2003 से 2008 तक मधुकर राव हर्णे विधायक चुने गए थे. 2008 में परिसीमन के बाद लगातार ठाकुर विजयपाल सिंह लगातार विधायक है. कहा जाता है, इस सीट पर विजय पाल सिंह की खासी पकड़ है. यहां के स्थानीय नेताओं का कहना है कि इस बार विजय पाल सिंह नर्मदापुरम से लड़ना चाहते हैं, यदि ऐसे समीकरण बनते है तो इस पर सीट कांग्रेस की राह आसान हो सकती है, लेकिन गुटबाजी के चलते कांग्रेस को नुकसान के आसार भी हैं.

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