नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के चूर्ण रेंज में 8 दिवसीय हाथी महोत्सव का समापन हो गया. हाथियों के लिए ये महोत्सव बेहद खास होता है. इन दिनों हाथियों की जमकर खातिरदारी की जाती है. सालभर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व स्तर की रेंज में गश्ती व सुरक्षा में व्यस्त रहने के कारण हाथियों के लिए ये महोत्सव बहुत मायने रखता है. इन 8 दिन हाथियों से कोई काम नहीं कराया जाता. इस दौरान हाथियों की मालिश की जाती है. उन्हें केले सहित मौसमी फल भी खिलाए जाते हैं. MP Elephant Festival
महावतों ने जमकर की खातिरदारी : दरअसल, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में लगातार व्यस्त रहने वाले हाथियों के लिए ये आयोजन होता है. इन दिनों हाथियों की जमकर खातिरदारी की जाती है. सभी हाथियों को एक स्थान पर रखकर सुबह से नहलाना, मालिश करना, चंदन का लेप किया जाता है. इसके बाद हाथियों को स्वादिष्ट व्यंजन खिलाए जाते हैं. इस दौरान महावत एवं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कर्मचारी हाथियों की खातिरदारी में व्यस्त रहे. इस दौरान हाथियों को मनपसंद भोजन कराया गया. केला, नारियल, पपीता, मक्का, गन्ना, चावल, रोटियां भी परोसी गईं. MP Elephant Festival
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सभी हाथियों का हेल्थ चेकअप : इस बार खास यह रहा कि कर्नाटक से आए चार हाथियों को भी हाथी महोत्सव में शामिल किया गया. बता दें कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में पहले से 6 हाथी हैं, जिसमें 4 कर्नाटक से आए. इस प्रकार सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हाथियों की संख्या 10 हो गई है. वहीं कूनो नेशनल पार्क में दो हाथियों की सेवाएं अभी भी जारी हैं. फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि कर्नाटक से आए चार हाथी गज, पूजा, कृष्ण, मनीषा तथा स्थानीय हाथी प्रिया, स्मिता, अंजुगम एवं विक्रमादित्य ने इस हाथी महोत्सव में हिस्सा लिया. हाथी महोत्सव के दौरान सभी हाथियों का हेल्थ चेकअप कराया जाता है. MP Elephant Festival