होशंगाबाद। जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी में आज से मॉडल एक्ट का विरोध में कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. गुरुवार को मंडी कर्मचारियों, हम्मालों और व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कृषि उपज मंडियों में लागू मॉडल एक्ट के विरोध में अनाज व्यापारी, किसान, हम्माल, तुलावटी और कर्मचारी यूनियनों का संयुक्त संघर्ष मोर्चा 3 से 5 सितंबर तक कृषि उपज मंडी में काम नहीं करेगा. व्यापारी मंडियों में होने वाली नीलामी में भी भाग नहीं लेंगे.
सकल अनाज तिलहन व्यापारी महासंघ के आह्वान पर 3, 4 और 5 सितंबर को तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है. व्यापारियों का कहना है कि, मांगों का निराकरण करवाने के लिए मंडी बंद रखने का निर्णय लिया गया है.
दुर्गा मंदिर में होगा सुंदर कांड
तीन दिन कृषि उपज मंडियों में कोई काम नहीं होगा. कर्मचारी संगठन के संरक्षक और मंडी सचिव उमेश बसेडिया का कहना है कि, मॉडल एक्ट लागू होने से अब कर्मचारियों को वेतन भी निकलना मुश्किल हो जाएगा. सरकार कोई मांगें नहीं मान रही है, इसलिए हड़ताल ही एकमात्र विकल्प है. आज गुरुवार से सभी कर्मचारी, हम्माल, तुलावटी, व्यापारी संघों के प्रतिनिधि किसान संघ के प्रतिनिधि कृषि उपज मंडी के गेट पर स्थित दुर्गा मंदिर में बैठकर सुंदरकांड का पाठ करेंगे. अभी तो ये तीन दिन की हड़ताल है, जिसे बढ़ा भी सकते हैं.
क्या है मॉडल एक्ट
शिवराज सरकार ने मंडी एक्ट के कानूनों में संशोधन किया है, अब निजी क्षेत्रों में मंडियों की स्थापना हेतु प्रावधान किया है.
नए प्रावधानों के तहत गोदामों, साइलो, कोल्ड स्टोरेज आदि को भी प्राइवेट मंडी घोषित किया जा सकेगा.
किसानों से मंडी के बाहर ग्राम स्तर से फूड प्रोसेसर, निर्यातकों, होलसेल विक्रेता व अंतिम उपयोगकर्ताओं को सीधे खरीदने का प्रावधान किया है.
मंडी समितियों को निजी मंडियों के कार्य में कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा.
प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड से रेगुलेटरी शक्तियों को पृथक कर संचालक विपणन को दिए जाने का प्रावधान किया है.
पूरे प्रदेश में एक ही लाइसेंस से व्यापारियों को व्यापार करने का प्रावधान किया है, व्यापारी प्रदेश में किसी भी मंडी में जाकर व्यापार कर सकता है.