नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में जहां पहले जंगल में लोग रहा करते थे. अब वहां बाघों का डेरा देखने को मिल रहा है. जब रिजर्व के गेट अक्टूबर माह में खुलेंगे तब यहां आने वाले पर्यटकों को अधिक से अधिक बाघ देखने को मिलेंगे. हाल ही में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को पार्क में विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर दिखाई दिए बाघों के डाटा भेजे हैं. प्रारंभिक सर्वे के आधार पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 55 से अधिक बाघ इस बार अलग-अलग स्थानों पर देखे गए. जिसमें से करीब 10 नए बाघों की पहचान हुई है. वर्ष 2018 में हुई वन्यप्राणियों की गणना के दौरान 45 बाघों की मौजूदगी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में देखी गई थी.
आसानी से नहीं बढ़े बाघ: इस बार बाघों की संख्या बढ़ने की संभावना देखते हुए टाइगर रिजर्व प्रबंधन उत्साहित है. इसे लेकर रिजर्व के संचालक एल कृष्णमूर्ति कहते हैं कि लगातार रिजर्व में बाघों की सुरक्षा के लिए काम किया जा रहा है. इतनी आसानी से बाघों की संख्या नहीं बढ़ी है. इसके लिए पिछले लंबे समय से उनके रहवास भोजन आदि प्रबंधन पर काम हुआ है. जिसकी बदौलत अब बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है.
बाघों का कुनबा बढ़ने की ऐसी है कहानी: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का करीब 2150 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र से पिछले एक दशक के दौरान 50 से अधिक वन्य ग्रामों को खाली कराया गया. वहां रहने वाले लोगों को दूसरे स्थानों पर विस्थापित किया गया. इसके बाद यहां मैदान विकसित किए गए. 11 हजार हेक्टेयर भूमि को बाघों के रहवास के लिए बनाया गया. 85 प्रकार की घास लगाकर शाकाहारी वन्य प्राणियों के पोष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई. पेंच टाइगर रिजर्व (Pench Tiger Reserve) से 1600 चीतल सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़े गए. इसके अलावा सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं.
ड्रोन कैमरे से निगरानी: टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 170 पेट्रोलिंग कैंप, वाहन गश्त, पानी में वोट से गश्त की जाती है. वहीं ड्रोन कैमरे के माध्यम से भी सुरक्षात्मक दृष्टि से नजर रखी जाती है. 500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम यह ड्रोन रिजर्व की 122 बीटों की निगरानी कर रहा है.
''सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में विस्थापित हुए कई गांवों में घास के मैदान विकसित किए गए थे. जहां बड़ी संख्या में शाकाहारी वन्य प्राणियों की मौजूदगी रहने लगी. यहीं अब नए बाघ देखे जा रहे हैं. इस बार वन्यप्राणियों की गणना में डाटा उत्साह जनक आया है. जल्दी सतपुड़ा के बाघों की नई संख्या पता चलेगी''. -एल कृष्णमूर्ति, क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
(International Tiger Day 2022) (Tigers Increased in Satpura Tiger Reserve) (Madhya Pradesh still Tiger State) (Satpura Tiger Reserve of MP)