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लोकसभा चुनावः होशंगाबाद में दांव पर बीजेपी-कांग्रेस की साख, इस मुद्दे से खफा है स्थानीय लोग - कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र दीवान

होशंगाबाद संसदीय सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर जहां वर्तमान सांसद राव उदय प्रताप सिंह पर दांव लगाया है. तो कांग्रेस ने यहां शैलेंद्र दीवान को टिकट दिया है. लेकिन, होशंगबाद के लोगों का मानना है कि सियासी पार्टिया यहां स्थानीय नेता हर चुनाव में नजर अंदाज कर देती है.

होशंगाबाद में उटी स्थानीय प्रत्याशी की मांग
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Published : Apr 5, 2019, 10:37 PM IST

होशंगाबाद। मध्यभारत अंचल की होशंगाबाद संसदीय सीट पर बीजेपी-कांग्रेस ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है. बावजूद इसके होशंगाबाद में स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा जोर पकड़ता दिखाई दे रहा है. जो दोनों ही प्रत्याशियों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.

स्थानीय लोगों का मानना है कि स्थानीय नेताओं के काबिल होने के बाद भी बीजेपी और कांग्रेस होशंगाबाद में स्थानीय प्रतिनिधि को तवज्जो नहीं देती है. लोगों का मानना है होशंगाबाद संसदीय सीट पर अन्य जिलों के नेताओं का वर्चस्व रहता है. जिससे यहां स्थानीय प्रत्याशी उम्मीदवार नहीं बन पाता है.

होशंगाबाद में उठी स्थानीय प्रत्याशी की मांग

स्थानीय प्रत्याशियों को मौका नहीं दिए जाने पर बीजेपी कांग्रेस की अपनी-अपनी राय है. होशंगाबाद विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरन शर्मा कहते है. संसदीय सीट का क्षेत्र बहुत बड़ा होता है. इसलिए इस जो प्रत्याशी काबिल होता है मौका उसे ही मिलता है. जबकि कांग्रेस प्रवक्ता राजेश चंद्रोल कहते है भले ही कांग्रेस प्रत्याशी होशंगबाद शहर का न हो. लेकिन, वो होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र का है

होशंगबाद में बीजेपी ने वर्तमान सांसद राव उदय प्रताप सिंह को फिर से टिकट दिया है. तो कांग्रेस ने यहां शैलेंद्र दीवान को मैदान में उतारा है. दोनों प्रत्याशी तेंदूखेंड़ा से हैं. यही वजह है कि होशंगाबाद में स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा जोर पकड़ता दिख रहा है. जिससे पार पाना दोनों प्रत्याशियो के लिए आसान नहीं होगा.

होशंगाबाद। मध्यभारत अंचल की होशंगाबाद संसदीय सीट पर बीजेपी-कांग्रेस ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है. बावजूद इसके होशंगाबाद में स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा जोर पकड़ता दिखाई दे रहा है. जो दोनों ही प्रत्याशियों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.

स्थानीय लोगों का मानना है कि स्थानीय नेताओं के काबिल होने के बाद भी बीजेपी और कांग्रेस होशंगाबाद में स्थानीय प्रतिनिधि को तवज्जो नहीं देती है. लोगों का मानना है होशंगाबाद संसदीय सीट पर अन्य जिलों के नेताओं का वर्चस्व रहता है. जिससे यहां स्थानीय प्रत्याशी उम्मीदवार नहीं बन पाता है.

होशंगाबाद में उठी स्थानीय प्रत्याशी की मांग

स्थानीय प्रत्याशियों को मौका नहीं दिए जाने पर बीजेपी कांग्रेस की अपनी-अपनी राय है. होशंगाबाद विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरन शर्मा कहते है. संसदीय सीट का क्षेत्र बहुत बड़ा होता है. इसलिए इस जो प्रत्याशी काबिल होता है मौका उसे ही मिलता है. जबकि कांग्रेस प्रवक्ता राजेश चंद्रोल कहते है भले ही कांग्रेस प्रत्याशी होशंगबाद शहर का न हो. लेकिन, वो होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र का है

होशंगबाद में बीजेपी ने वर्तमान सांसद राव उदय प्रताप सिंह को फिर से टिकट दिया है. तो कांग्रेस ने यहां शैलेंद्र दीवान को मैदान में उतारा है. दोनों प्रत्याशी तेंदूखेंड़ा से हैं. यही वजह है कि होशंगाबाद में स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा जोर पकड़ता दिख रहा है. जिससे पार पाना दोनों प्रत्याशियो के लिए आसान नहीं होगा.

Intro:होशंगाबाद । होशंगाबाद नरसिंहपुर संसदीय पर होशंगाबाद के रहवासियों की बदकिस्मती कहे या फिर फूटी किस्मत यहां पिछले 68 साल के इतिहास में कई नेता बाहर से आकर अपनी किस्मत चमका कर सांसद बन गए है लेकिन इस शहर को आज तक एक भी सांसद नसीब नहीं हो सका जबकि यह शहर इस संसदीय क्षेत्र का राजनीतिक गढ़ माना जाता है इन दोनों राष्ट्रीय पार्टियों ने आजतक इस शहर को सांसद के लायक नहीं माना है।


Body:इस बार भी लोकसभा 2019 चुनाव में नरसिंहपुर के तेंदूखेड़ा के दोनों पार्टियों के प्रत्याशी मौका पार्टियां दे रही है इस बार भी होशंगाबाद की उपेक्षा देखने को मिली 1950 से लेकर 2019 तक 68 साल में 18 बार लोकसभा चुनाव हुए इसमें से 8 बार कांग्रेस को 7 बार भाजपा सांसद रहे 3 बार अन्य पार्टियों के सांसद थे इनमें 4 सांसद तो जिले के बाहर के ही रहे जिन्होंने बाहर से आकर अपनी किस्मत आजमा कर सांसद के रूप में राज किया। सन सांसद पार्टी। स्थान 1951 सैयद अहमद मूसा कांग्रेस सोहागपुर 1952 हरि विष्णु पीएससी कर्नाटक 1957 मदन लाल बागड़ी कांग्रेस नरसिंहपुर 1958 आरएस किलेदार कांग्रेस नरसिंहपुर 1962 हरिविष्णु कामथ पीएसपी कर्नाटक 1967 चौधरी नीतिराज सिंह कांग्रेस नरसिंहपुर 1971 नीरज सिंह कांग्रेस नरसिंहपुर 1977 हरि विष्णु कामत पीएसपी कर्नाटक 1980 रामेश्वर नीखरा कांग्रेस गाडरवारा 1984 रामेश्वर नीखरा कांग्रेस गाडरवारा 1989 सरताज सिंह भाजपा इटारसी 1991 सत्ता सिंह भाजपा। इटारसी 1996 सरताज सिंह भाजपा इटारसी 1998 सरताज सिंह भाजपा इटारसी 1999 सुंदर लाल पटवा भाजपा नीमच 2004 सरताज सिंह भाजपा इटारसी 2009 उदय प्रताप सिंह कांग्रेस। तेंदूखेड़ा 2014 उदय प्रताप सिंह भाजपा तेंदूखेड़ा लोकसभा 2019 के प्रत्याशी 2019 उदय प्रताप सिंह भाजपा तेंदूखेड़ा 2019 दीवान शैलेंद्र सिंह कांग्रेस तेंदूखेड़ा


Conclusion:संसदीय क्षेत्र में होशंगाबाद जिले की चार विधानसभा और नरसिंहपुर जिले की तीन विधानसभा सहित रायसेन जिले की एक विधानसभा आती है जिसमे सबसे चर्चित होशंगाबाद ही होती है संभागीय कार्यालय से लेकर सभी बड़े नेता यहीं बैठते हैं लेकिन यहां से कोई भी सांसद के चेहरे के रूप में ना आना एक बड़ा विचार करने का विषय है कि देश की दोनों बड़ी पार्टियां कांग्रेस ने भाजपा होशंगाबाद सांसद के लायक व्यक्ति को नहीं ढूंढ पाई। वही इस बारे मे जनप्रतिनिधि ने भी इसको दुर्भाग्य माना है बाइट शिवराज चंद्रोल (काँग्रेस प्रवक्ता) सीतासरण शर्मा ( होशंगाबाद विधायक अंकित दुबे ( स्थानीय नागरिक) ऋति सोनी ( स्थानीय स्डेन्ट ) रामकिशन ( स्थानीय नागरिक)
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