होशंगाबाद। मध्यभारत अंचल की होशंगाबाद संसदीय सीट पर बीजेपी-कांग्रेस ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है. बावजूद इसके होशंगाबाद में स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा जोर पकड़ता दिखाई दे रहा है. जो दोनों ही प्रत्याशियों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.
स्थानीय लोगों का मानना है कि स्थानीय नेताओं के काबिल होने के बाद भी बीजेपी और कांग्रेस होशंगाबाद में स्थानीय प्रतिनिधि को तवज्जो नहीं देती है. लोगों का मानना है होशंगाबाद संसदीय सीट पर अन्य जिलों के नेताओं का वर्चस्व रहता है. जिससे यहां स्थानीय प्रत्याशी उम्मीदवार नहीं बन पाता है.
स्थानीय प्रत्याशियों को मौका नहीं दिए जाने पर बीजेपी कांग्रेस की अपनी-अपनी राय है. होशंगाबाद विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरन शर्मा कहते है. संसदीय सीट का क्षेत्र बहुत बड़ा होता है. इसलिए इस जो प्रत्याशी काबिल होता है मौका उसे ही मिलता है. जबकि कांग्रेस प्रवक्ता राजेश चंद्रोल कहते है भले ही कांग्रेस प्रत्याशी होशंगबाद शहर का न हो. लेकिन, वो होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र का है
होशंगबाद में बीजेपी ने वर्तमान सांसद राव उदय प्रताप सिंह को फिर से टिकट दिया है. तो कांग्रेस ने यहां शैलेंद्र दीवान को मैदान में उतारा है. दोनों प्रत्याशी तेंदूखेंड़ा से हैं. यही वजह है कि होशंगाबाद में स्थानीय प्रत्याशी का मुद्दा जोर पकड़ता दिख रहा है. जिससे पार पाना दोनों प्रत्याशियो के लिए आसान नहीं होगा.