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ऐतिहासिक नागद्वारी मेला निरस्त, कोरोना के चलते प्रशासन का फैसला - Hoshangabad Pachmarhi Nagdwari Fair canceled

होशंगाबाद के पचमढ़ी में सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नागपंचमी से 10 दिन पहले लगने वाले नागद्वारी मेले को प्रशासन ने निरस्त कर दिया है. कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने यह फैसला लिया है.

Nagdwari fair canceled
नागद्वारी मेला निरस्त
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Published : Jun 20, 2020, 10:00 AM IST

Updated : Jun 20, 2020, 11:38 AM IST

होशंगाबाद। सदियों से चली आ रही परंपरा को भी कोरोना की नजर लग गई है. पचमढ़ी में सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नागपंचमी से 10 दिन पहले लगने वाला नागद्वारी मेला इस बार नहीं लगेगा. क्योंकि पूरी तरह प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित जंगल में सकरे पहाड़ी क्षेत्रों, सेनिटाइजिंग की व्यवस्था प्रशासन कराने में असमर्थ है. ऐसे में प्रशासन ने मेले को रद्द करने का फैसला किया है.

ऐतिहासिक नागद्वारी मेला निरस्त

बता दें कि पचमढ़ी में नागपंचमी के 10 दिन पहले नागद्वारी मेला लगता है, जो विश्व के सबसे बड़े मेले में से एक है. यह मेला पूर्णता प्राकृतिक झरनों, पेड़-पौधों और पहाड़ों पर आश्रित अपने आप में अनोखा मेला है. दुर्गम पहाड़ियों और 3 दिनों की लंबी चढ़ाई के बाद भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन करते हैं और उन्हें सैकड़ों क्विंटल वजनी त्रिशूल चढ़ाते हैं. इस मेले में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के तकरीबन 8 लाख श्रद्धालु दर्शन करने के लिए प्रतिवर्ष पचमढ़ी पहुंचते हैं.

बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना वायरस को देखते हुआ प्रशासन ने मेले को रद्द करने का फैसला लिया है. इस मेले में महाराष्ट्र से 7 लाख श्रद्धालुओं आते हैं, जिसमें नागपुर से करीब 3 लाख श्रद्धालु आते हैं. हर साल मेले में जाने वाले विलाश नीलेय बताते हैं कि कुछ साल पहले भी बारिश नहीं होने के चलते नागद्वारी मेला रद्द करने की कोशिश की गई थी, लेकिन अंतिम दिनों में इससे जारी रखने के निर्देश जारी कर दिए गए थे. लेकिन इस बार कोरोना वायरस को देखते हुए मेले को रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं.

होशंगाबाद। सदियों से चली आ रही परंपरा को भी कोरोना की नजर लग गई है. पचमढ़ी में सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नागपंचमी से 10 दिन पहले लगने वाला नागद्वारी मेला इस बार नहीं लगेगा. क्योंकि पूरी तरह प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित जंगल में सकरे पहाड़ी क्षेत्रों, सेनिटाइजिंग की व्यवस्था प्रशासन कराने में असमर्थ है. ऐसे में प्रशासन ने मेले को रद्द करने का फैसला किया है.

ऐतिहासिक नागद्वारी मेला निरस्त

बता दें कि पचमढ़ी में नागपंचमी के 10 दिन पहले नागद्वारी मेला लगता है, जो विश्व के सबसे बड़े मेले में से एक है. यह मेला पूर्णता प्राकृतिक झरनों, पेड़-पौधों और पहाड़ों पर आश्रित अपने आप में अनोखा मेला है. दुर्गम पहाड़ियों और 3 दिनों की लंबी चढ़ाई के बाद भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन करते हैं और उन्हें सैकड़ों क्विंटल वजनी त्रिशूल चढ़ाते हैं. इस मेले में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के तकरीबन 8 लाख श्रद्धालु दर्शन करने के लिए प्रतिवर्ष पचमढ़ी पहुंचते हैं.

बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना वायरस को देखते हुआ प्रशासन ने मेले को रद्द करने का फैसला लिया है. इस मेले में महाराष्ट्र से 7 लाख श्रद्धालुओं आते हैं, जिसमें नागपुर से करीब 3 लाख श्रद्धालु आते हैं. हर साल मेले में जाने वाले विलाश नीलेय बताते हैं कि कुछ साल पहले भी बारिश नहीं होने के चलते नागद्वारी मेला रद्द करने की कोशिश की गई थी, लेकिन अंतिम दिनों में इससे जारी रखने के निर्देश जारी कर दिए गए थे. लेकिन इस बार कोरोना वायरस को देखते हुए मेले को रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं.

Last Updated : Jun 20, 2020, 11:38 AM IST
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