होशंगाबाद। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के इस त्योहार में कोरोना ने रंग में भंग डाल दिया है. त्योहार से पहले बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सज जाता था, हालांकि बाजार में राखियां बिक रही हैं, लेकिन बाजार की रौनक गायब है, क्योंकि खरीददारों में वैसा उत्साह नहीं है. होलसेल में भी राखी व्यापारियों को ग्राहकों का इंतजार है. बहुत कम लोगों के पहुंचने से कारोबार गति नहीं पकड़ पा रहा है. थोक व्यापारियों की माने तो ग्राहकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. स्थानीय बाजार में जहां रक्षाबंधन पर 10 लाख रुपए तक का व्यापार आसानी से हो जाता है, तो वहीं इस साल सन्नाटा पसरा हुआ है. व्यापार में भारी गिरावट आई है. थोक व्यापारी हेमंत खंडेलवाल का कहना है कि, इस बार राखी के बाजार मे भारी गिरावट आई है. व्यापारी नयन का कहना है कि, राखी के त्योहार पर कोरोना का असर बहुत ज्यादा पड़ा है, पिछले साल के मुकाबले इस साल 5 प्रतिशत भीड़ है.
राखी पर कोरोना का असर
3 अगस्त को रक्षाबंधन है, लेकिन अभी तक दुकानें नहीं सज पाई हैं, छोटे दुकानदार जो फुटपाथ पर राखी की दुकान लगाते थे, कोरोना के डर से दुकान लगाने मे रुचि नहीं ले रहे हैं, जिससे राखी का थोक व्यापार करने वाले व्यापारियों की दुकान मे ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. वहीं जो छोटे व्यापारी खरीदने के लिये पहुंच भी रहे हैं, वे भी कम मात्रा मे राखी खरीद रहे हैं. जिससे राखी के थोक बाजार पर असर पड़ा है. वहीं अगर एक दो दुकानदार सड़क किनारे दुकान लगा भी लेते हैं तो प्रशासन उन्हें बैठने नहीं दे रहा.
इस बार रक्षाबंधन मे बसों और ट्रेनों का परिचालक कम होने के चलते इस वक्त पोस्ट ऑफिस और डाक की विशेष मांग बढ़ गई है, पोस्ट ऑफिस में बड़ी संख्या में बहनें भाइयों को राखी भेज रही हैं. डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक जी नारायण बताते हैं कि, राखी समय पर पहुंचाने के लिये विशेष इंतजाम किया जा रहा हैं. विशेष गाड़िया का परिचालन भी किया जा रहा है, साथ ही रक्षाबंधन के लिए विशेष लिफाफों का भी इंतजाम किया गया है. होशंगाबाद से निकलने वाले कुल डाक का 75 प्रतिशत राखी ही भेजी जा रही है. रक्षाबंधन के मद्देनजर रविवार को भी पोस्ट ऑफिस खोलने की बात प्रवर अधीक्षक ने कही है.