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स्वास्थ्य विभाग मना रहा विश्व स्तनपान सप्ताह, महिलाओं को किया गया जागरुक - कुपोषण समाचार

कई प्रयासों के बावजूद कुपोषण में कमी नहीं आ रही है. जिसके चलते विश्व स्तनपान सप्ताह के चलते कई अभियान चलाए जा रहे हैँ और महिलाओं को जागरुक किया जा रहा है.

जागरुकता अभियान के दौरान महिलाए
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Published : Aug 2, 2019, 11:38 PM IST

होशंगाबाद। जिलेभर में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है. जिसके तहत प्रशासन लगातार नवजात बच्चों को जन्म के साथ ही मां का दूध पिलाने के लिए जागरूक अभियान चला रही है, लेकिन इन अभियानों का जमीनी रूप से असर होता नहीं दिख रहा है. लगातार प्रयास के बाद भी जन्म के एक घंटे के अंदर नवजात को मां का दूध नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते कुपोषित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

विश्व स्तनपान सप्ताह

स्वास्थ्य विभाग विश्व स्तनपान सप्ताह माना रहा है. प्रदेश में केवल 34% बच्चों को ही जन्म के 1 घंटे बाद मां का दूध मिल पाता है. 66 % बच्चे को समय पर दूध नहीं मिल पाता है. जिसके चलते बच्चों में कुपोषण और शिशु मृत्यु दर में कमी नहीं आ पा रही है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार जिले में मात्र 36% शिशुओं को मां का समय पर दूध मिल पाता है.

बाल विकास अधिकारी का कहना है कि लगातार कैंपेन चलाया जा रहा है आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और सहायिका यह बात गर्भवती महिलाओं को बता रही है, लेकिन कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. होशंगाबाद में 40% बच्चे कुपोषण थे. इसके लिए दस्तक अभियान के तहत कई बच्चों की छटनी कर रक्त भी चढ़ाया गया है. लेकिन जिले की स्थिति नहीं सुधर रही है.

होशंगाबाद। जिलेभर में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है. जिसके तहत प्रशासन लगातार नवजात बच्चों को जन्म के साथ ही मां का दूध पिलाने के लिए जागरूक अभियान चला रही है, लेकिन इन अभियानों का जमीनी रूप से असर होता नहीं दिख रहा है. लगातार प्रयास के बाद भी जन्म के एक घंटे के अंदर नवजात को मां का दूध नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते कुपोषित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

विश्व स्तनपान सप्ताह

स्वास्थ्य विभाग विश्व स्तनपान सप्ताह माना रहा है. प्रदेश में केवल 34% बच्चों को ही जन्म के 1 घंटे बाद मां का दूध मिल पाता है. 66 % बच्चे को समय पर दूध नहीं मिल पाता है. जिसके चलते बच्चों में कुपोषण और शिशु मृत्यु दर में कमी नहीं आ पा रही है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार जिले में मात्र 36% शिशुओं को मां का समय पर दूध मिल पाता है.

बाल विकास अधिकारी का कहना है कि लगातार कैंपेन चलाया जा रहा है आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और सहायिका यह बात गर्भवती महिलाओं को बता रही है, लेकिन कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है. होशंगाबाद में 40% बच्चे कुपोषण थे. इसके लिए दस्तक अभियान के तहत कई बच्चों की छटनी कर रक्त भी चढ़ाया गया है. लेकिन जिले की स्थिति नहीं सुधर रही है.

Intro:होशंगाबाद। प्रशासन लगातार नवजात बच्चों को जन्म के साथ ही मां का दूध पिलाने के लिए जागरूक अभियान चला रही है लेकिन इन अभियानों का जमीनी रूप से असर होता नहीं दिख रहा है लगाता प्रयास के बाद भी जन्म के 1 घंटे के अंदर नवजात को मां का दूध नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते कुपोषित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है


Body:प्रदेश में केवल 34% बच्चों को ही जन्म के 1 घंटे बाद मां का दूध मिल पाता है 66 % बच्चे को समय पर दूध नहीं मिल पाता है जिसके चलते बच्चों के कुपोषण और शिशु मृत्यु दर में कमी नहीं आ पा रही है होशंगाबाद जिले में मात्र 36% शिशुओं को मां का समय पर दूध मिल पाता है यह खुलासा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़े से हुआ है स्वास्थ्य विभाग विश्व स्तनपान सफ्ताह माना रहा है बाल विकास अधिकारी का कहना है कि लगातार कैंपेन चलाया जा रहा है आगनबाडी कार्यकर्ताओं सहायिका उसके द्वारा यह बात गर्भवती महिलाओं को बता रही है लेकिन इसमें बढ़ोतरी नहीं देखने को मिल रही है होशंगाबाद में 40% बच्चे कुपोषण थे इसके लिए दस्तक अभियान के तहत कई बच्चों की छंटनी कर रक्त भी चढ़ाया गया है लेकिन जिले की स्थिति नही सूडान


Conclusion:प्रदेश सहित जिले भर में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके अंतर्गत एक हफ्ते तक कई एक्टिविटीज गांव एवं शहरों में की जाएगी जिससे समाज में लोग जागरूक हो सकें हालांकि ये आंकड़े चिंताजनक है और स्वास्थ्य विभाग पर काम करने की बहुत अधिक आवश्यकता है।

बाइट सतीश भार्गव ( जिला महिला बाल सशक्तिकरण अधिकारी)
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