होशंगाबाद। जिले की सिवनी मालवा के ग्राम जीरावेह के रहने वाले बुजुर्ग ने राम नाम से हनुमान चालीसा लिखी है. जिसकी लंबाई लगभग 170 फीट है. कोरोना काल के दौरान 25 मार्च से 11 जून तक रामनारायण गुर्जर ने राम नाम से हनुमान चालीसा लिख दी. हनुमान चालीसा लिखने में उन्होनें 600 पेन का उपयोग किया है. जिसके लिए बुजुर्ग ने किसी की भी सहायता नहीं ली है.
इसके पहले वर्ष 2014 में सवा लाख ओम नमः शिवाय लिखकर काशी विश्वनाथ में भेंट कर चुके है. इसके साथ ही उन्होनें राम नाम से सुंदरकांड लिखना शुरू कर दिया. यह सुंदरकांड 4 साल में पूरा हो जाएगा. सुंदर कांड की एक चौपाई में 5 हजार 910 शब्द से अधिक शब्द है,तो वहीं हनुमान चालीसा में 1 लाख 30 हजार 880 से अधिक राम नाम लिखे है.
वर्ष 1997 में इस बुजुर्ग को करंट लगा था, जिसके बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी. इस घटना के बाद बुजुर्ग ने सांसारिक संसाधनों को अपने पुत्र को सौंप कर अपना पूरा जीवन भगवान को समर्पित कर दिया. युवाओं को संदेश देते हुए उन्होनें कहा कि आज के समय में माता पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. सभी युवाओं को धर्म के साथ साथ अपने माता पिता की सेवा करना चाहिए.