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अतिथि विद्वानों की हड़ताल जारी, सरकार पर लगा रहे वादाखिलाफी का आरोप - अतिथि विद्वानों की हड़ताल के बाद असर

प्रदेश भर में चल रही अतिथि विद्वानों की हड़ताल का असर छात्रों की शिक्षा पर पड़ रहा है.

अतिथि विद्वानों की हड़ताल
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Published : Oct 14, 2019, 8:33 PM IST

Updated : Oct 14, 2019, 9:11 PM IST

होशंगाबाद। प्रदेश भर में कमलनाथ सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाकर अतिथि विद्वानों की हड़ताल जारी है. जिले में अतिथि विद्वानों के हड़ताल पर जाने के बाद स्कूल और कॉलेजों मे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है.

अतिथि विद्वानों की हड़ताल
जिले के सभी सरकारी स्कूलों और कॉलेज के छात्रों के हड़ताल पर जाने के बाद सभी संस्थान शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है. जिले के सिवनी मालवा के शासकीय कुसुम महाविद्यालय में 13 अतिथि विद्वान कार्यरत है जिनमे से 9 अतिथि विद्वान हड़ताल पर है जिसके कारण महाविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था डगमगाने लगी है. महाविद्यालय में स्थायी प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकों की कुल संख्या 7 है.जिनके भरोसे 3200 छात्र-छात्राओं की पढ़ाई कराई जा रही है महाविद्यालय की प्राचार्य किरण पगारे ने बताया कि अतिथि विद्वानों के हड़ताल पर जाने से शिक्षा व्यवस्था तो प्रभावित हो रही है, लेकिन हमारा प्रयास है कि जितने प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक है उनको निर्देशित किया गया है कि वे अधिक कक्षाओं में अध्यापन का कार्य करें. जिससे हड़ताल का प्रभाव छात्र-छात्राओं पर ना हो सके.

होशंगाबाद। प्रदेश भर में कमलनाथ सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाकर अतिथि विद्वानों की हड़ताल जारी है. जिले में अतिथि विद्वानों के हड़ताल पर जाने के बाद स्कूल और कॉलेजों मे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है.

अतिथि विद्वानों की हड़ताल
जिले के सभी सरकारी स्कूलों और कॉलेज के छात्रों के हड़ताल पर जाने के बाद सभी संस्थान शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है. जिले के सिवनी मालवा के शासकीय कुसुम महाविद्यालय में 13 अतिथि विद्वान कार्यरत है जिनमे से 9 अतिथि विद्वान हड़ताल पर है जिसके कारण महाविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था डगमगाने लगी है. महाविद्यालय में स्थायी प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकों की कुल संख्या 7 है.जिनके भरोसे 3200 छात्र-छात्राओं की पढ़ाई कराई जा रही है महाविद्यालय की प्राचार्य किरण पगारे ने बताया कि अतिथि विद्वानों के हड़ताल पर जाने से शिक्षा व्यवस्था तो प्रभावित हो रही है, लेकिन हमारा प्रयास है कि जितने प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक है उनको निर्देशित किया गया है कि वे अधिक कक्षाओं में अध्यापन का कार्य करें. जिससे हड़ताल का प्रभाव छात्र-छात्राओं पर ना हो सके.
Intro:सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल ,कीड़ा अधिकारी के रिक्त पदों पर कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था, और अपने वचन पत्र में बिंदु क्रमांक 17.22 पर कहा था, कि सरकार बनने पर अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण किया जाएगा। परंतु अब अपने वचन से पलटते हुए सरकार उन रिक्त पदों पर PSC से चयनित लोगों की नियुक्तिया कर रही है। जिसकी चॉइस फीलिंग प्रारम्भ है, नियुक्तियों के बाद अतिथि विद्वानों का हटना लगभग तय है। सरकार की वादाखिलाफी को लेकर सरकारी कॉलेजों में कार्य कर रहे अतिथि शिक्षक अब 9 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है, और प्रदेश भर में न्याय यात्रा निकालते हुए राजधानी पहुंचकर सरकार को अपना वचन याद दिलाने की भी कोशिश की। Body:होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा के भी शासकीय महाविद्यालय सहित प्रदेश के सरकारी कॉलेजो के अतिथि शिक्षकों ने अपने महाविद्यालय के प्राचार्य को आवेदन देकर 9 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की सूचना दे दी थी। इसके अलावा प्रदेश में भी अधिकांश सरकारी कॉलेजों में अतिथि शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जो कि न्याय यात्रा से जुड़ चुके हैं। अतिथि शिक्षकों की मांग है, कि उन्हें दिया वचन सरकार पूरा करे, क्योंकि कई वर्षों से अतिथि विद्वान सरकारी कॉलेजों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। और उस पद की योग्यता भी रखते हैं। एसे में नई भर्ती होने से लगभग 5 हज़ार अतिथि शिक्षकों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।Conclusion:वही इसका प्रभाव पड़ रहा है छात्र-छात्राओं पर आपको बता दें कि सिवनी मालवा के शासकीय कुसुम महाविद्यालय में 13 अतिथि विद्वान कार्यरत है जिनमे से 9 अतिथि विद्वान हड़ताल पर है जिसके कारण महाविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था डगमगाने लगी है। महाविद्यालय में स्थायी प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकों की कुल संख्या 7 है। जिनके भरोसे पूरा महाविद्यालय चल रहा है। वही एक बार मे 12 क्लास लगती है जिनमे लगभग 3200 छात्र-छात्राएं अध्ययन करते है। ऐसे में किस तरह इनकी पढ़ाई हो पाएगी ये सोचने का विषय है। प्राचार्य किरण पगारे ने बताया कि अतिथि विद्वानों के हड़ताल पर जाने से शिक्षा व्यवस्था तो प्रभावित हो रही है परन्तु हमारा प्रयास है कि जितने प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक है उनको निर्देशित किया गया है कि वे अधिक कक्षाओं में अध्यापन का कार्य करें। जिससे हड़ताल का प्रभाव छात्र-छात्राओं पर ना हो।

बाइट-विनय कुमार छात्र
बाइट- नीलेश अश्वारे छात्र
बाइट- किरण पगारे प्राचार्य शास कुसुम महाविद्यालय
Last Updated : Oct 14, 2019, 9:11 PM IST
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