होशंगाबाद। गीता को साल 2015 में तब विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज के प्रयासों से पाकिस्तान से वापस लाया गया था. युवती को भारत लाए जाने के बाद उसका नाम गीता रखा गया था. कई साल बीत जाने के बाद भी उसके मूल निवास और उसके माता-पिता का पता नहीं चल सका है. गीता के माता-पिता और घर का पता तलाशने जीआरपी अब पोस्टर और पर्चों का सहारा ले रही है. हालांकि गीता का घर तलाशने में पूरे देश भर की जीआरपी जुटी है.
आज इटारसी पहुंचे रेल एसपी हितेष चौधरी ने बताया कि पाकिस्तान से आई गीता का पता ढूंढना है. जहां गीता ने अपना बचपन बिताया है. कई वर्ष बीत चुके हैं, गीता को भी याद नहीं है कि वह कौन सा स्थान था. गीता ने हमें सिर्फ नदी और मंदिर की हल्की सी बात बताई है. गीता के घर का पता लगाने के लिए पूरे देश में हमने पोस्टर और पर्चे बंटवाए हैं.
बताया जा रहा है कि गीता के माता पिता और घर का पता ढूंढने के लिए तेलंगाना और महाराष्ट्र की पुलिस कई जगहों पर जा चुकी है. अब तक गीता के घर की जानकारी नहीं मिली है.