होशंगाबाद। जिले के सिवनी मालवा पहुंचे सांसद राव उदय प्रताप सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जो राज्य सरकार नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही हैं, उनको बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि देश के कानून का पालन करने के लिए राज्य सरकारें बाध्य हैं. अगर पालन नही करती हैं तो राष्ट्रपति को निर्णय करना पड़ेगा. 356 धारा का इस्तेमाल पहले भी कई बार हो चुका है, फिर हो सकता है.
CAA का विरोध करने वाली सरकारों को बर्खास्त कर लगाया जा सकता है राष्ट्रपति शासन: उदय प्रताप सिंह
होशंगाबाद के सिवनी मालवा पहुंचे बीजेपी सासंद राव उदय प्रताप सिंह ने नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध कर रही राज्य सरकारों के लिए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि देश के कानून का पालन करने के लिए राज्य सरकारें बाध्य हैं, आगर पालन नहीं करती हैं तो राष्ट्रपति को निर्णय लेना पड़ेगा.
सिवनी मालवा पहुंचे बीजेपी सासंद राव उदय प्रताप सिंह
होशंगाबाद। जिले के सिवनी मालवा पहुंचे सांसद राव उदय प्रताप सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जो राज्य सरकार नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही हैं, उनको बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि देश के कानून का पालन करने के लिए राज्य सरकारें बाध्य हैं. अगर पालन नही करती हैं तो राष्ट्रपति को निर्णय करना पड़ेगा. 356 धारा का इस्तेमाल पहले भी कई बार हो चुका है, फिर हो सकता है.
Intro:होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा पहुंचे सांसद राव उदय प्रताप सिंह का बड़ा बयान सामने आया है उन्होंने कहा है की जो राज्य सरकार नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही है उन को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। वही नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्षी दलों के राज्य सरकार एवं सरकारों पर साधा निशाना बोले देश के कानून का पालन करने के लिए राज्य सरकारें बाध्य है। अगर पालन नही करती है राष्ट्रपति को निर्णय करना पड़ेगा 356 धारा का इस्तेमाल पहले भी कई बार हो चुका है, फिर हो सकता है।Body:आपको बता दे की नागरिकता संसोधन बिल को लेकर होशंगाबाद नरसिंहपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने दो टूक कहा कि नागरिकता का जो कानून है ये देने का कानून है न कि लेने का कानून है। लेकिन विपक्षी कोंग्रेस, मार्क्सवादी और ममता बेनर्जी इसे नागरिकता लेने का कानून बता रहे है। जो कि गलत् है, जो भी ऐसा काम कर रहे है वो राष्ट्रविरोधी कार्य कर रहे है।Conclusion:जो हिन्दू यातनाओं से परेशान होकर भारत आये है उन्हें पहले 15 या 16 साल बाद नागरिकता दी जाती थी लेकिन अब 5 या 6 साल मैं नागरिकता मिल जाएगी। ये कानून केवल नागरिकता देने का है। न कि लेने का। राज्य सरकार को कानून का पालन करना होगा, नही करेगे तो राष्ट्रपति महोदय निर्णय करेंगे, कानून का पालन सभी राज्य करेगे।
बाइट-राव उदय प्रताप सिंह भाजपा सांसद
बाइट-राव उदय प्रताप सिंह भाजपा सांसद