होशंगाबाद। आज हम नेमावर हत्या कांड मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर ज्ञापन दे रहे हैं. यदि सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोग रेल रोको आंदोलन करेंगे और इसके बाद विधानसभा का घेराव किया जाएगा. ये बात पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बलवीर सिंह तोमर ने कही है. बलवीर गुरुवार को सिवनी मालवा में टंट्या मामा के साथ मिलकर अंग्रेजो और शोषकों के विरुद्ध लंबी लड़ाई लड़ने वाले महानायक रेंगा कोरकू की जयंती में शामिल होने आए थे.
22 लोगों में से मात्र 7 आरोपियों की गिरफ्तारी
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के महासचिव बलवीर सिंह तोमर ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, कि वर्तमान की भाजपा सरकार आरोपियों को संरक्षण दे रही है, और उन्हें बचाने का काम कर रही है. नेमावर जघन्य हत्याकांड में 22 लोगों में से मात्र 7 आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी हुई है, अगर इस पूरे मामले की सीबीआई जांच नहीं होती है तो आगामी समय में पार्टी की ओर से पूरे प्रदेश में बड़े आंदोलन किए जाएंगे. साथ ही साथ संगठन के द्वारा रेल रोको और जेल भरो आंदोलन भी किया जाएगा, जिसकी सारी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी. आदिवासियों पर अत्याचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
सीबीआई जांच की मांग
बता दें कि पुलिस मुख्य आरोपी सुरेंद्र सिंह चौहान के मकान दुकान को भी ध्वस्त कर चुकी है. मृतक परिवार गोंड जनजाति से ताल्लुक रखता है, ऐसे में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के मुखिया बलबीर सिंह तोमर की तरफ से भी पुलिस पर मामले की जांच की सीबीआई मांग की जा रही है. इसको लेकर जिले में कई जगह विरोध प्रदर्शन भी हुए यही वजह है कि पुलिस पूरी सक्रियता से इस मामले की जांच में जुटी थी.
सभी आरोपियों की अभी गिरफ्तारी नहीं
दरअसल, नेमावर में रुपाली, उसकी मां ममताबाई, बहन दिव्या, चचेरी बहन पूजा और चचेरे भाई पवन की हत्या कर उनके शव खेत में दफना दिए गए थे. हाल ही में पुलिस ने मामले का खुलासा कर शव बरामद किए है. आपको बता दें की देवास जिले के नेमावर में हुए जघन्य हत्याकांड के सभी आरोपीयों को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है.
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क्या था पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक आरोप है कि 13 मई को नेमवार में सुरेंद्र राजपूत ने अपने भाई वीरेंद्र राजपूत और अन्य साथियों की मदद से आदिवासी परिवार के 5 लोगों हत्या कर दी थी. आरोप है कि उनके शवों को हत्यारों ने अपने खेत में दफना दिया था. करीब डेढ़ महीने बाद पांचों लोगों के शव पुलिस ने खुदाई करके बाहर निकाले. हत्याकांड की मुख्य वजह आदिवासी परिवार की बेटी और सुरेंद्र में अफेयर था. लड़की शादी के लिए दबाव डाल रही थी, जबकि सुरेंद्र की कहीं और शादी तय हो गई थी. इसी से पूरा विवाद जुड़ा था.