होशंगाबाद। कोरोना महामारी में एक ओर जहां गरीब और जरूरतमंद लोगों को समाजसेवी खाने के पैकेट मुहैया करा रहे हैं. वहीं कई बच्चे ऐसे भी हैं, जिन्हें ठीक से भोजन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे बच्चों के लिए इटारसी के 4 युवाओं ने 'फीड द नीडी' पहल शुरू की है. जिसमें बच्चों को खाने के लिए उनके पसंद की चीजें दी जा रही है. इस पहल से बच्चों में खुशी का माहौल है.
इटारसी के चार युवाओं ने बच्चों के लिए अनूठी पहल शुरू की है. इटारसी के राहुल सराठे, आदित्य पाराशर, अमन गुप्ता, मृदुल मालवीय गरीब बच्चों के लिए नूडल्स, बिस्किट, चिप्स, चाकलेट और आईस्क्रीम को देकर बच्चों की पुरानी खुशियां लौटा रहे हैं. इस दौरान बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए जागरुक भी किया जा रहा है. खाने से पहले उनके हाथों को सेनेटाइजर कर मास्क पहनने को देते है, फिर बच्चों की पसंद के छोटे छोटे पैक का वितरण करते हैं.
कोरोना कर्फ्यू से बाजार बंद
कोरोना कर्फ्यू के चलते बाजार के बंद हाेने से बच्चों की पसंद की नूडल्स, आइसक्रीम, बिस्किट, चिप्स जैसी सामग्री का मिलना बंद हो गया है इससे खासकर गरीब बच्चों के लिए परेशानी सबसे ज्यादा हो रही है सामाजिक संस्थाओं द्वारा सेवाभाव में अनेक मदद की जा रही है, लेकिन यह मदद मुख्य रूप से बड़ो के लिए हाेती है. इसलिए हम बच्चों को यह देकर उनकी खुशियां लौटा रहे हैं.
बच्चों के चेहरे पर खुशी लाना मकसद
कोरोना विपदा के कारण मासूमाें के चेहरे पर छोटी सी खुशी लाने युवाओं के इस ग्रुप ने पहल की है, आर्डिनेंस फैक्ट्री इटारसी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे राहुल सराठे, भाेपाल से पीजी कर रहे आदित्य पाराशर, मेडिकल छात्र अमन गुप्ता, मृदुल मालवीय वर्क फ्रॉम हाेम कर रहे हैं.
पक्षियों की जान बचाने के लिए सर्व धर्म एकता समिति की अनूठी पहल
आदित्य पाराशर ने बताया कि वे बच्चों की रूचि के अनुसार चिप्स, चाॅकलेट, नूडल्स के छोटे पैक लेकर प्रवासी मजदूराें के आश्रय, पहुंचकर उनके बच्चों काे देते हैं. हाथ सेनिटाइज करवाकर पहले मास्क वितरित करते हैं. मास्क लगाने का महत्व बताते हैं फिर ये सामग्री उन्हे देते हैं, अमन गुप्ता का कहना है कि लंबे समय तक चलने वाले इस जनता कर्फ्यू के दौरान बच्चाें की रूचि की तरफ भी ध्यान दिए जाने की जरूरत महसूस हुई.